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भारत

पीडीपी और भाजपा का गठबंधन

बड़े काम का यह नया प्रयोग
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-03-05 11:48
जम्मू और कश्मीर में बड़े जद्दोजहद के बाद सरकार बनी है। वहां ऐसी त्रिशंकु विधानसभा चुनाव के बाद उभरकर आई थी कि सरकार गठन के लिए कोई समीकरण नहीं बन पा रहा था। कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस को वहां की जनता ने नकार दिया था और पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। यदि कांग्रेस को इतनी सीटें आती कि उसके साथ मिलकर पीडीपी सरकार चला सकती थी, तब भी बात बन जाती, क्योंकि पीडीपी के साथ पहले भी कांग्रेस सरकार चला चुकी है और इस बार भी उसे सरकार चलाने मे कोई परेशानी नहीं होती। पर कांग्रेस की सीटें पीडीपी सरकार को स्थायित्व देने के लिए काफी नहीं थी। लिहाजा, उसके साथ मिलकर पीडीपी सरकार नहीं बना सकती थी।

अकाली-भाजपा गठबंधन आया फाॅर्म में

आप के लिए कठिन हुई पंजाब की राजनीति
बी के चम - 2015-03-04 14:49
कभी कभी तात्कालिक प्रभाव की घटनाएं लंबे समय की घटनाओं के महत्व को ढक देती हैं। वैसी ही एक घटना पिछले दिनों पंजाब में घटी हैं। स्थानीय शहरी निकायों के चुनाव थे और उसमें अकाली दल-भाजपा गठबंधन को जबर्दस्त सफलता मिली। नगरपालिकाओं और शहर पंचायतों में उसने शानदार सफलता पाईं। नगर निगम में भी उसे सफलता मिली, लेकिन वहां उसे मिली सफलता कुछ कम चमक वाली थी।
भारत

राहुल की पुराने कांग्रेसियों से जंग

मां और बेटे में भी मतभेद
अमूल्य गांगुली - 2015-03-03 16:39
हमारे देश की राजनीति दिलचस्प मोड़ पर खड़ी है। देश की दो बड़ी पार्टियां अपने आंतरिक उथल पुथल के दौर से गुजर रही है। कांग्रेस के अंदर राहुल बनाम सोनिया का संघर्ष चल रहा है, तो भारतीय जनता पार्टी के अंदर नरेन्द्र मोदी का आरएसएस के साथ टकराव हो रहा है।

नेतृत्व के सवाल पर कांग्रेस की स्थिति साफ होनी चाहिए

कांग्रेस अधिवेशन को पार्टी अध्यक्ष का फैसला करना है
हरिहर स्वरूप - 2015-03-02 16:54
राहुल गांधी कहां हैं? कांग्रेस के अंदर किसी को इसके बारे में पता नहीं है। पहले यह खबर आई कि वे यूनान जाने वाले जहाज में चढ़ रहे थे। फिर कहा गया कि वे बैंकाॅक गए हुए हैं। पर बाद में किसी ने कहा कि वे उत्तराखंड में हैं। कुल मिलाजुलाकर यह कहा गया कि राहुल जहां भी गए हों, वे आराम करने गए हैं और कांग्रेस की हार के बाद पार्टी की दुर्दशा के बारे में चिंतन करने गए हैं, ताकि नये विचारों से लैस होकर वे पार्टी को फिर से उबारने की कोशिश कर सकें। गौरतलब हो कि पार्टी इस समय अभूतपूर्व संकट का सामना कर रही है।

बिहार की राजनीति में मांझी फैक्टर

दलितों के मसीहा के रूप में उभर चुके हैं जीतनराम
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-03-01 15:19
जीतनराम मांझी अब मुख्यमंत्री नहीं हैं। लेकिन अब वे बिहार की राजनीति में एक बहुत बड़ा फैक्टर बच चुके हैं। यह सच है कि खुद उनके अपने जनता दल(यू) के ही दलित विधायकों ने भी उनका साथ संकट के दौर में नहीं दिया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बिहार के दलित भी उनके साथ नहीं हैं। सच तो यह है कि बिहार की राजनीति अब वह नहीं रही, जो कुछ दिन पहले थी। दलितों में आई राजनैतिक चेतना और अपने में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाने की उनकी भूख जाग गई है। जिस तरह से मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, उसे लेकर भी उनमें आक्रोश है।
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राहुल को पूर्णकालिक राजनीतिज्ञ की भूमिका में आना होगा

अंशकालिक नेता के रूप में वे कांग्रेस का उद्धार नहीं कर सकते
कल्याणी शंकर - 2015-02-27 11:08
आखिर क्या कारण है कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष गलत कारणों से बार बार मीडिया की सुर्खियां बन जाते हैं? इस बार वे बजट सत्र में संसद से नदारत रहकर मीडिया की सुर्खियों में छाये हुए हैं। इस सत्र के दौरान उनकी पार्टी के नेताओं को लग रहा था कि राहुल संसद में मोदी सरकार का विरोध करने में वे अपनी पार्टी के सांसदों का नेतृत्व करेंगे। राहुल गांधी बार बार विदेश चले जाते हैं और उन्होंने अनके बार दिल्ली में कई महत्वपूर्ण राजनैतिक घटनाओं में अपनी अनुपस्थिति दर्ज कर दी है। मनमोहन सिंह को जब प्रधानमंत्री के रूप में बिदाई जा रही थी, तब भी उन्हें उस कार्यक्रम में उपस्थित रहना चाहिए था, लेकिन तब भी वे वहां से गायब थे। वे तब देश मंे थे नहीं, बल्कि विदेश चले गए थे। उसी तरह से जब कांग्रेस पार्टी के 130वें सालगिरह का उत्सव मनाया जा रहा था, तब भी वे वहां नहीं थे।

मध्यप्रदेश के राजनैतिक संकट ने लिया नया मोड़

राज्यपाल ने दिया अपने पद से इस्तीफा
एल एस हरदेनिया - 2015-02-27 11:04
भोपालः व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) में हुए भ्रष्टाचार से पैदा राजनैतिक संकट ने अब नया मोड़ अख्तियार कर लिया है। प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। केन्द्र सरकार ने उन्हें अपना पद छोड़ने के लिए कहा था। व्यापम घोटाले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। उसके बाद उन्हें अपने पद से हटने को कहा गया। फिर उन्होंने इस्तीफा दे डाला।

केरल में सीपीएम करे सच्चाई का सामना

एकता स्थापित करना बालकृष्णन के सामने बड़ी चुनौती
पी श्रीकुमारन - 2015-02-25 11:32
तिरुअनंतपुरमः के बालकृष्णन केरल प्रदेश सीपीएम के नये सचिव बने हैं। दो दशकों से भी ज्यादा समय तक इस पद पर रहने के बाद पी विजयन इस पद से मुक्त हो गए हैं। लेकिन पार्टी की प्रदेश स्तरीय बैठक में जो कुछ हुआ, उससे साफ हो गया है कि सीपीएम के सामने भारी संकट मंडरा रहा है। उसकी एकता को आज जितना बड़ा खतरा पैदा हुआ है, उतना पहले कभी नहीं था।

दिल्ली चुनाव का उत्तर प्रदेश पर असर

भाजपा नेताओं ने बाहरी लोगों को पार्टी में लेने के खिलाफ आगाह किया
प्रदीप कपूर - 2015-02-24 11:00
लखनऊः दिल्ली विधानसभा चुनाव में सदमा पाने के बाद उत्तर प्रदेश के नेताओं को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह अपने काम करने की शैली में अब बदलाव करेंगे। उन दोनों नेताओं की कार्यशैली में बदलाव को 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों की सफलता के लिए जरूरी माना जा रहा है।
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बजट पर टिकी है देश दुनिया की नजर

किसी उम्मीदें पूरी करेंगे अरुण जेटली?
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-02-23 10:56
आगामी बजट सही मायने में नरेन्द्र मोदी सरकार का पहला बजट होगा, क्योंकि अरूण जेटली द्वारा पेश किया गया पिछला बजट उनके पूर्ववर्ती मंत्री पी चिदंबरम द्वारा कुछ महीने पहले पेश किए गए अंतरिम बजट का ही विस्तार था। इस बजट पर देश और दुनिया की निगाहें लगी हुई हैं और लोग देखना चाह रहे हैं कि मोदी सरकार आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था को किस दिशा में ले जाना चाह रही है। सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने योजना आयोग को समाप्त कर दिया है और उसकी जगह नीति आयोग की स्थापना कर दी है। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी, डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांस्फर और वैसे ही अनेक जुमले हवा में तैर रहे हैं। हवा में तैर रहे उन जुमलों में छिपे उद्देश्यों को सरकार जमीन पर उतारने के लिए क्या करती है, इसका पता बहुत हद तक अगले बजट से लग जाएगा।