Loading...
 
Skip to main content

View Articles

मोदी का उपवास: प्रधानमंत्री पद की ओर एक और कदम

उपेन्द्र प्रसाद - 2011-09-19 11:05
यह कोई छिपी बात नहीं है कि नरेन्द्र मोदी ने अपना उपवास प्रधानमंत्री की अपनी दावेदारी को मजबूत करने के लिए किया है और इसमें वे बहुत हद तक सफल भी रहे हैं। भाजपा के अंदर वे अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के बाद सबसे कद्दावर नेता तो वह 4 साल पहले ही बन चुके थे, जब उन्होंने गुजरात में बतौर मुख्यमंत्री तीसरी बार शपथ ली थी।

तीस्ता मसले पर हसीना सरकार परेशानी में

बांग्लादेश नेशनल पार्टी ने आंदोलन तेज किया
आशीष बिश्वास - 2011-09-17 06:59
कोलकाताः जैसी कि आशंका जाहिर की जा रही थी, तीस्ता जल बंटवारे के मसले पर बांग्लादेश की हसीना सरकार संकट में फंसती जा रही है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पिछली यात्रा के दौरान इस मसले पर बांग्लादेश के साथ भारत का समझौता नहीं हो पाया था।

ओजोन दिवस: लक्ष्‍य से आगे भारत

कल्‍पना पालखीवाला - 2011-09-16 14:08
ओजोन दिवस प्रतिवर्ष 16 सितम्‍बर को ओजोन परत के अन्‍तर्राष्‍ट्रीय संरक्षा दिवस के तौर मनाया जाता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1995 में ओजोन परत की रक्षा संबंधित मॉट्रियल संधि पारित होने की याद में इस दिवस को उत्‍सव के तौर पर चिह्नित किया गया है। यह संधि विश्‍व भर में वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्‍ट्रीय स्‍तर पर ओजोन परत के सुरक्षा हेतु ध्‍यानाकर्षण और क्रियान्‍वयन हेतु अवसर प्रदान करती है। इस वर्ष का उत्‍सव का विषय है एचसीएफसी उन्‍मूलन का अनूठा अवसर।

सोनिया के सामने चुनौती

पार्टी की विश्वसनीयता कैसे फिर बहाल हो
कल्याणी शंकर - 2011-09-16 14:00
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भारत लौट आई हैं। जब पिछले 2 अगस्त को भारत से बाहर गई थीं, तो वे खुद अस्वस्थ थी। अब जब वह वापस लौटी हैं, तो उनकी पार्टी बीमार हैं। जिस समय वह अपनी बीमारी का इलाज कराने विदेश जा रही थीं, उस समय भी उनकी पार्टी और केन्द्र की सरकार को अन्ना की चुनौती का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन स्थिति उतनी ज्यादा खराब नहीं थी। उस समय अन्ना ने दुबारा अनशन शुरू नहीं किया था। उस समय अन्ना की गिरफ्तारी भी नहीं हुई थी और गिरफ्तारी के बाद देश भर में एक व्यापक आंदोलन भी उस समय नहीं खड़ा था। उस समय अमर सिंह की नोट के बदले वोट मामले में गिरफ्तारी भी नहीं हुई थी।

मध्यप्रदेश में एक के बाद एक घपले

मुख्यमंत्री भी इनकी चपेट में
एल एस हरदेनिया - 2011-09-15 10:21
भोपालः मध्यप्रदेश इन दिनों एक के बाद एक कई घपलों का केन्द्र बन गया है। इनमें एक में तो खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान आ गए हैं। जिस घपला में वे चर्चा मंे आए हैं वह राज्य के आवास बोर्ड द्वारा मकान की बिक्री से संबंधित है। इसकी नीति के अनुसार भोपाल में बोर्ड के मकान की खरीद के लिए वही आवेदन कर सकता है, जिसके अथवा जिसके परिवार के किसी व्यक्ति के पास भोपाल में मकान नहीं है।

हिमाचल प्रदेश में तेज हुई चुनावी राजनीति

भाजपा की कलह सतह पर
बी के चम - 2011-09-14 10:32
चंडीगढ़ः जिसकी संभावना थी, वही हो रहा है। विधानसभा का आमचुनाव जैसे जैसे नजदीक आ रहा है, चुनावपूर्व की राजनैतिक गतिविधियां तेज हो रही हैं। भाजपा के पार्टी स्तर पर भी हलचल तेज रही है, तो सरकारी निर्णय भी चुनाव से प्रभावित हो रहे हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ आडवाणी की रथयात्रा

इसकी जरूरत ही क्या है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-09-13 13:43
भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी एक बार और रथ पर बैठ रहे हैं। वे और उनकी पार्टी के कुछ अन्य नेता कई बार रथयात्रा कर चुके हैं, लेकिन अबतक उन्हें कुल एक बार रथयात्रा में सफलता मिली। वह रथयात्रा राम मंदिर के निर्माण के लिए थी। उसका तात्कालिक उद्देश्य मंडल आयोग की सिफारिशों के लागू करने की विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार की घोषणा के बाद पैदा हुए जाति विभाजन से पार्टी को बचाना था। पार्टी ने उस समय आरक्षण का विरोध किया था, जबकि उसके दर्जनों विधायक पिछड़े वर्गों के थे और वे पार्टी के अंदर अपने को बेचैन पा रहे थे। उनकी बेचैनी दूर करने और हिंदुओं के जाति विभाजन से पार्टी को होने वाले संभावित नुकसान को रोकने के लिए लालकृष्ण आडवाणी ने रामरथ यात्रा शुरू कर दी, जिसका घोषित उद्देश्य राम मंदिर का निर्माण था, लेकिन अघोषित लक्ष्य था जाति विभाजन के शिकार हिन्दुओं में हिन्दुत्व का भाव भरा रखकर उनका समर्थन सुनिश्चित करते रहना।

तीस्ता प्रवाह में नहीं बही यात्रा

प्रधानमंत्री की बांग्लादेश यात्रा ऐतिहासिक रही
अवधेश कुमार - 2011-09-13 13:40
भारत बांग्लादेश संबंधों का नाम लेते ही देष 40 वर्ष पूर्व 1971 के मुक्ति संग्राम की रोमांचक यादों में प्रवेश कर जाता है। रोमांसवादी भावनाएं उद्यात्त होती हुईं भी आज के दौर में समस्यामूलक हो चुकीं हैं। ये प्रायः रुखे यथार्थ की अनदेखी करके गुजर जातीं हैं और इसका खतरा यह है कि उपस्थित चुनौतियां जटिल हो जातीं हैं।
भारत

मनमोहन की बांग्लादेश यात्रा

तीस्ता विवाद में दबकर रह गया बांग्लादेश से हुआ एक बड़ा करार
नन्तु बनर्जी - 2011-09-10 10:15
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बांग्लादेश के दौरे से वापस लौट आए है। दौर के दौरान जो नहीं हुआ उसकी तो बहुत चर्चा है, लेकिन जो हुआ उसके बारे में लोग बातें तक नहीं कर रहे। यह भारत के राजनय की विफलता है। मानना पड़ेगा कि हमारा विदेश मंत्रालय बांग्लादेश के साथ हुए ताजा करार का राजनयिक फायदा लेने मे सफल नहीं रहा।
भारत-बांगलादेश

तीस्ता जल बंटवारे का मामला

केन्द्र ने ममता को समझने में गलती की
कल्याणी शंकर - 2011-09-09 22:08
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारत- बांग्लादेश के जल राजनय को एक बड़ा झटका दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बांग्लादेश यात्रा में शामिल होने से इनकार करके ऐसा किया। वे पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार देश के पूर्वोत्तर राज्यों के 4 अन्य मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री के साथ बांग्लादेश जाने वाली थीं।