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भारत

आगामी चुनावों में लगेगा वामदलो को झटका

उनकी दुबारा वापसी में लगेगा समय
कल्याणी शंकर - 2011-04-03 05:47
पांच राज्यों के हो रहे विधानसभा चुनाव वामदलों के लिए खास मायने रखते हैं। कुड राज्यों में कांग्रेस वाम दलों के साथ सीधे संघर्ष में शामिल हैं, तो भाजपा की कहीं कोई खास भूमिका नहीं दिखाई पड़ रही है। देश के वाम आंदोलन के लिहाज से भी ये चुनाव महत्वपूर्ण हें। देश की राजनीति पर भीर इसका खासा असर पड़ने वाला है।
विकीलीक्स के खुलासे

बेनकाब हो रहे नेताओं के पास कोई जवाब नहीं

उपेन्द्र प्रसाद - 2011-04-03 05:40

विकीलीक्स के खुलासे एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। इन खुलासों में हमारे देश के नेताओं का असली चेहरा सामने आ रहा है। पहले से ही राजनेताआंे और राजनीतिज्ञों की छवि हमारे देश में अच्छी नहीं है। इसके बावजूद कुछ नेता अपनी बेहतर लोक सम्पर्क कुशलता और मीडिया प्रबंधन से अपने बारे में अच्छी छवि बनाने मे सफल रहे हैं। राजनीतिज्ञों के बारे में बुरा राय रखने वाले कुछ अनेक लोग भी भ्रम वश उन्हें एक औसत राजनीतिज्ञ से बेहतर मानने की भूल कर लेते है। विकीलीक्स खुलासे निश्चय ही वैसे नेताओं के लिए एक बड़ा दुःस्वप्न साबित हो रहा है।

उत्तर प्रदेश में चुनाव की आहट

क्या कांग्रेस इसके लिए तैयार है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-03-31 09:27
देश के 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और इसी बीच उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री मायावती की राजनैतिक हलचलों से पता चलता है कि वहां भी शायद इसी साल चुनाव हो जाए। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने राहुल गांधी के नेतृत्व में मिशन 2012 चला रखा है, जिसके तहत उस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी अपनी सरकार बनाने का दावा कर रही है, अब यदि चुनाव 2012 के बदले 2011 में ही हो जाए, तो क्या कांग्रेस आज इसके लिए तैयार है?

विकीलीक्स से भाजपा हो रही है शर्मिंदा

करात के बारे में अमेरिका का आकलन गलत
अमूल्य गांगुली - 2011-03-31 09:17
अमेरिकी दूतावास से भेजे गए गुप्त केबल संदेश लगभग सही साबित हो रहे हैं। उनके सच होने पर किसी को कोई संदेह नहीं हो सकता। अमेरिकी राजनयिकों ने भारत के नेताओं से बातचीत करने के बाद ही बातचीत से संबंधित बातें और उनसे उपजी अपनी राय को अपने विदेश विभाग को अमेरिका भेजा था। उन्होंने भाजपा और सीपीएम से जुड़े संदेश भी भेजे थे, जिनका अब खुलासा हो रहा है।

तृणमूल कांग्रेस के लिए असम में खतरा नहीं

मुस्लिम आधार को बनाए रखने पर सत्तारूढ़ दल की नजर
बरुण दास गुप्ता - 2011-03-29 12:57
कोलकाताः जब तृणमूल कांग्रेस ने यह घोषणा की कि वह असम की सभी 126 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारेगी, तो बहुत लोगों को आश्चर्य हुआ। इसका कारण यह है कि सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस भी कुल 118 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतार रही है। तृणमूल कांग्रेस का वहां न तो कोई संगठन है और न ही उसके किसी नेता की कोई पहचान है। उसके पास कोई कार्यकर्त्ता भी नहीं है। एक सर्वे में पाया गया कि वहां के लोग किसी भी तृणमूल नेता का नाम तक नहीं जानते। एक ने तो कहा कि यदि तृणमूल के उम्मीदवारों में से किसी एक की भी जमानत बच गई, तो उसे बहुत आश्चर्य होगा।

इस खुलासे पर आश्चर्य कैसा

केन्द्र सरकार को अपने दामन पर लगे दाग छुड़ाने चाहिए
अवधेश कुमार - 2011-03-28 11:42
जिन लोगों को लोकसभा में 22 जुलाई 2008 का दृष्य याद होगा उनके लिए विकिलिक्स के खुलासे पर आश्चर्य करने का कोई कारण नहीं है। उस दिन मनमोहन सिंह सरकार ने विश्वास मत जीत लिया था, लेकिन मतदान के पूर्व भाजपा के तीन सांसदों द्वारा लोकसभा की मेज पर एक हजार के नोटों से भरी अटैचियां रखने का शर्मनाक नजारा दुनिया के सामने आ चुका था। भारतीय संसद के इतिहास में वह इस किस्म का पहला कालादिन था। इसके पूर्व कभी ऐसा नहीं हुआ था।

मायावती समय से पहले विधानसभा का चुनाव करा सकती हैं

विपक्षी पार्टियां भी अब चुनाव के लिए तैयार हो रही हैं
प्रदीप कपूर - 2011-03-26 10:16
लखनऊः राजनैतिक पंडित अनुमान लगा रहे हैं कि मुख्यमंत्री मायावती विभाजित विपक्ष का फायदा उठाने के लिए तय समय से पहले ही राज्य विधानसभा का आमचुनाव करवा सकती हैं। गौरतलब है कि तय समय के अनुसार उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव 2012 की पहली छमाही में होना है।

केरल: कांग्रेस की बढ़त बनी हुई है

अच्युतानंदन की उम्मीदवारी से एलडीएफ का मनोबल बढ़ा
कल्याणी शंकर - 2011-03-26 10:12
केरल का विधानसभा चुनाव इस बार इस मायने में दिलचस्प है कि पहली बार सीपीएम एक विभाजित पार्टी के रूप में चुनाव लड़ रही है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव के समय भी अंदरखाने मनमुटाव था, लेकिन इस बार तो मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन और राज्य सचिव पी विजयन के बीच कलह साफ साफ सतह पर आ गया है।

केरल में कांग्रेसी मोर्चे को झटका

दो ईसाई ग्रुप मोर्चे के खिलाफ हुए
पी श्रीकुमारन - 2011-03-26 10:09
तिरुअनंतपुरमः गुटबाजी और टिकट वितरण के मामले पर पहले से ही संकट का सामना कर रहे कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे को एक और बड़ा झटका लगा है। यह झटका उच्च न्यायालय के एक फैसले के रूप में सामने आया है। अदालत ने निर्वाचन आयोग के उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा चलाई गई दो रुपए प्रति किलो चावल की योजना के अमल को रोक दिया गया था।

आम बजट का देश की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

यह दीर्घकाल को घ्यान में रखकर तैयार किया गया है
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-03-26 10:06
पिछले 28 फरवरी को पेश बजट में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कोई वैसा प्रावधान तो नहीं किया, जिसे हम लोकप्रियतावादी कहते हैं और जिसे हमारे वित्त मंत्री चुनावों को ध्यान में रखते हैं, हालांकि आने वाले महीने में देश के 5 राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे है। सच कहा जाए तो अपने बजट में श्री मुखर्जी ने देश की अर्थव्यवस्था के निरंतर विकास को घ्यान में रखने की कोशिश की है। बजट महंगाई की पृष्ठ भूमि में पेश किया गया था। उम्मीद की गई थी कि महंगाई को दूर करने की कोई ऐसी घोषणा की जाएगी, जिससे वित्तमंत्री लोगों की बाहबाही लूटते नजर आएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया, क्योंकि वित्त मंत्री की नजर तत्कालिक सफलता से ज्यादा देश के निरंतर और उच्च आर्थिक विकास का है।