Loading...
 
Skip to main content

View Articles

सीटों के बंटवारे पर इंडिया ब्लॉक में बातचीत आखिरकार प्रगति पर

अब महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बिहार में घटक दलों का ध्यान केन्द्रित
कल्याणी शंकर - 2024-02-28 10:49
विनाश का भविष्यवाणी करने वालों ने कहा था कि इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के बीच सीटों का बंटवारा विफल हो जायेगा, लेकिन उसके घटक दल धीरे-धीरे आगे बढ़े। अब उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों में गठबंधन धीरे-धीरे आकार ले रहा है। गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में हो सकता है त्रिकोणीय मुकाबला

इंडिया ब्लॉक सबसे मजबूत, अन्नाद्रमुक और भाजपा को भी मिल रहे सहयोगी
के आर सुधामन - 2024-02-27 11:21
2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तमिलनाडु में राजनीतिक सीटों की साझेदारी के संबंध में अभी तक विभिन्न पार्टियों के बीच समझौते पूरे नहीं हुए हैं। राज्य में आधी सदी या उससे भी अधिक समय से राजनीति दो द्रविड़ पार्टियों द्रमुक और अन्नाद्रमुक के इर्द-गिर्द घूमती रही है। कुछ साल पहले द्रमुक के संरक्षक एम करुणानिधि और अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जे जयललिता की मृत्यु के बाद से दोनों दलों, जिनके पास लगभग 30 से 35 प्रतिशत वोट शेयर थे, निश्चित रूप से कम हो गये हैं। तब से दोनों द्रविड़ पार्टियों का व्यक्तिगत वोट शेयर घटकर 20-22 प्रतिशत रह गया है और जैसा कि हमने पिछले कुछ चुनावों में देखा था, जो भी पार्टी बेहतर गठबंधन बनाती है, वह जीतती है, चाहे वह तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा का।

भाजपा को जबरन चंदा का मोदी सरकार के सभी घोटालों की जननी होना संभव

देखा जा सकता है चुनावी बांड फैसले में सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट संकेत
के रवीन्द्रन - 2024-02-26 10:34
कांग्रेस पार्टी का यह आरोप कि कैसे मोदी सरकार ने चंदा लेने के लिए सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया, यह मोदी के शासन के सबसे बड़े घोटाले को रूप में उभरने की संभावना है, शायद संप्रग सरकार से 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के आयामों की तरह।

कांग्रेस-सपा गठबंधन ने जगायी उत्तर प्रदेश में विपक्ष की उम्मीद

दोनों पक्षों पर भारी मुस्लिम दबाव के कारण जल्दी हुआ समझौता
प्रदीप कपूर - 2024-02-24 11:45
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ता उत्साहित हैं क्योंकि पहली बार जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को यह विश्वास हो रहा है कि सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने के बाद राज्य में भाजपा को हराया जा सकता है। दूसरी ओर, भाजपा के राज्य नेता घबड़ाये हुए हैं, हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जनता को विश्वास दिलाया कि उन्हें राज्य की कुल 80 सीटों में से 65 सीटें मिलेंगी।

केंद्र और किसान संगठन दोनों विवादास्पद मुद्दों पर नए सिरे से विचार करें

एमएसपी की कानूनी गारंटी से प्रभावित होगा कृषि अर्थव्यवस्था का भविष्य
अंजन रॉय - 2024-02-22 10:58
न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर एक ओर केंद्र सरकार और दूसरी ओर समृद्ध किसानों के बीच जारी गतिरोध भारतीय कृषि नीति और वास्तविकता के विरोधाभासों को दर्शाता है।

रोजगार सृजन पर मोदी सरकार की चुप्पी पर उठते सवाल

केंद्र का बुनियादी ढांचा खर्च बढ़ा-चढ़ाकर बताने का संदेह
नन्तु बनर्जी - 2024-02-21 10:44
यह समझना मुश्किल है कि सरकार रोजगार सृजन पर चुप क्यों है जबकि वह साल-दर-साल बुनियादी ढांचे पर रिकॉर्ड खर्च का लगातार दावा कर रही है। नयी नौकरी चाहने वालों के लिए अवसर लगातार कम हो रहे हैं। पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए बेरोज़गारी का लगातार बढ़ना चिंता का कारण बनता जा रहा है। वर्तमान में, देश का वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद विस्तार बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक हो सकता है, लेकिन स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा समय-समय पर जारी किये जाने वाले बेरोजगारी के आंकड़ों को देखते हुए यह रोजगारहीन आर्थिक विकास की तरह दिखता है, जबकि बुनियादी ढांचे पर होने वाला खर्च सीधे तौर पर रोजगार से जुड़ा होता है।

केंद्र को अब पारदर्शी चुनावी फंडिंग प्रणाली पर काम करना चाहिए

अनुचित था मोदी सरकार का 2017 बांड योजना के बचाव पर अड़े रहना
कल्याणी शंकर - 2024-02-20 11:10
भारतीय चुनाव एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें लाखों मतदाता और अनेक राजनीतिक दल शामिल होते हैं। ये पार्टियाँ अपने अभियानों के वित्तपोषण के लिए व्यक्तियों और निगमों के योगदान पर बहुत अधिक निर्भर करती हैं, क्योंकि फंडिंग महत्वपूर्ण है। चुनाव के दौरान बहुत सारा काला धन भी घूमता है।

एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, जिसे मोदी सरकार देने को तैयार नहीं

प्रदर्शनकारी किसान परेशान, 'मोदी की गारंटी' पर उनका विश्वास नहीं
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-02-17 12:12
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हर तरह की "मोदी गारंटी" बांट रहे हैं, लेकिन शायद इसमें ज़रा भी संदेह नहीं था कि किसान आगे आएंगे और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए "कानूनी गारंटी" की मांग करेंगे, और केवल आश्वासनों से संतुष्ट नहीं होंगे। अपने आंदोलन को तार्किक अंत तक ले जाने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं। 12 फरवरी को दिल्ली चलो आंदोलन शुरू होने के बाद से केंद्र और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच तीन दौर की वार्ता पहले ही विफल हो चुकी है। मोदी सरकार "कानूनी गारंटी" नहीं देना चाहती है, जबकि किसानों ने इससे कम पर समझौता करने से इनकार कर दिया है।

सर्वोच्च न्यायालय को बधाई, चुनावी बांड रद्द करने के आदेश से लोकतंत्र मजबूत हुआ

12 अप्रैल, 2019 को अंतरिम रोक का आदेश देकर प्रारंभिक क्षति से बचना बेहतर होता
नित्य चक्रवर्ती - 2024-02-16 10:42
नरेंद्र मोदी सरकार की चुनावी बांड योजना को अंततः 'असंवैधानिक' घोषित करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ को बधाई, क्योंकि बांड भारत के संविधान की धारा 19(1) के तहत सूचना के अधिकार का उल्लंघन है। केंद्र सरकार की ओर से बांड जारी करने वाले भारतीय स्टेट बैंक को 12 अप्रैल 2019 को चुनाव आयोग को जारी अंतरिम आदेश के दिन से आगे के बांड जारी करने से रोकने और जारी किये गये बांड और खरीददारों की सूची जमा करने के लिए कहा गया है जिसे चुनाव आयोग को 13 मार्च 2024 तक अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करने का आदेश दिया गया है।

चुनावों के लिए सरकारी वित्तपोषण पर बहस फिर से शुरू करने का समय

सर्वोच्च न्यायालय के लिए परिवर्तन का उत्प्रेरक बनने का ऐतिहासिक क्षण
के रवीन्द्रन - 2024-02-15 11:25
आपत्तिजनक चुनावी बांड योजना, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने अब असंवैधानिक घोषित कर दिया है, के माध्यम से सत्तारूढ़ दल को बेरोकटोक राजनीतिक फंडिंग के कड़वे परिणामों को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि देश में चुनावों के लिए राज्य फंडिंग की अवधारणा पर वापस जाने का समय आ गया है, अगर देश में लोकतंत्र को जीवित रखना है तो, विशेषकर इसलिए क्योंकि चुनावी बांड योजना के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में तोड़फोड़ हो रही है।