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दक्षिण भारत में जीत के लिए बड़ी योजना बना रही है भाजपा

अमित शाह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु से दस सीटों का लक्ष्य रखा
कल्याणी शंकर - 23-11-2022 11:28 GMT-0000
दशकों तक कड़ी मेहनत करने के बावजूद भाजपा की उपस्थिति सत्तारूढ़ कर्नाटक को छोड़कर दक्षिणी राज्यों में बहुत कम या नहीं के बराबर है। दक्षिण भारत के राज्य लोकसभा में 129 सीटों का योगदान करते हैं, जिनमें से भाजपा के पास केवल 29 हैं। इसलिए भाजपा में राजनीतिक मंथन हो रहा है, विशेष रूप से तमिलनाडु के संदर्भ में जहां भाजपा अपने सहयोगी अन्नाद्रमुक के पीठ पर सवारी करते हुए खाली स्थान को भरने की तैयारी कर रही है।

असली अर्थव्यवस्था को चकमा दे रही भारत की अनियंत्रित काली अर्थव्यवस्था

केवल बड़बोलेपन पर खड़ी है सरकार पर कार्यनिष्पादन में फिसड्डी
नन्तु बनर्जी - 22-11-2022 11:04 GMT-0000
भारत सरकार असहमत हो सकती है परन्तु पिछले आठ वर्षों में भारत का आर्थिक प्रदर्शन फिसड्डी साबित हुआ है। देश लगातार बढ़ती जा रही काली अर्थव्यवस्था की एक वास्तविक चुनौती से जूझ रहा है, जो राष्ट्रीय और राज्य सरकारों की राजस्व आय के बड़े हिस्से को डकार रहा है। अमीरों के पास का बेहिसाब पैसा सरकार और आम आदमी को नुकसान पहुंचा रहा है। यह मूल्य वृद्धि और मुद्रास्फीति में एक प्रमुख योगदानकर्ता है।

बढ़ने लगा है पूर्वोत्तर-भारत बांग्लादेश व्यापार

ढाका चटगांव और मोंगला बंदरगाहों का उपयोग करेगा
आशीष विश्वास - 21-11-2022 09:59 GMT-0000
बेहतर क्षेत्रीय संपर्क और बढ़ते द्विपक्षीय हितों को लिए उठाये गये कदमों की मेहरबानी सेहाल के वर्षों में भारत के पूर्वोत्तर राज्यों और बांग्लादेश के बीच व्यापार की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उत्तर पूर्व भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय व्यापार की मध्यम अवधि की संभावनाओं के बारे में विश्लेषकों के बीच आशावाद पैदा करने के लिए वर्तमान रुझान काफी सकारात्मक है। उन्हें लगता है कि आयात और निर्यात के प्रभुत्व वाले एक नये व्यापार / व्यापार केंद्र की नींव आखिरकार रखी गयी है।

राष्ट्रीय पेंशन योजना 2024 के चुनाव में एक प्रमुख मुद्दा होगा

योजना का विरोध कर रहे हैं केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी
सी. श्रीकुमार - 19-11-2022 10:54 GMT-0000
वर्ष 2003 में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा लागू की गयी गैर-गारंटी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के खिलाफ पूरे देश में केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कर्मचारियों का आंदोलन जारी है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने 14 से 18 अक्टूबर, 2022 तक विजयवाड़ा में आयोजित 24वीं कांग्रेस में एनपीएस के खिलाफ न केवल एक प्रस्ताव पारित किया है बल्कि गारंटीकृत और गैर-अंशदायी पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग की है।

महान विभूतियों को याद नहीं करने के पीछे भी सरकार का भय

इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू को भुलाना कदापि उचित नहीं
एल एस हरदेनिया - 18-11-2022 10:32 GMT-0000
गत 31 अक्तूबर को देश ने लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनायी। परंतु उस दिनका एक और महत्व है। भारत की तीसरी प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की उस दिन हत्या की गयी थी। उसके पूर्व पूरा देश उन्हें लौह महिला के रूप में स्वीकार कर चुका था। भारत सरकार ने उस दिन तो सरदार पटेल को याद करते हुए विज्ञापन निकाले। परंतु इंदिरा गांधी को पूरी तरह भुला दिया गया।

गुजरात विधानसभा चुनाव में हर तरह से नरेंद्र मोदी हैं भाजपा नहीं

प्रधानमंत्री ने दिसंबर चुनाव के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया
सुशील कुट्टी - 17-11-2022 16:23 GMT-0000
यह एक छोटी सी दुनिया है, और ध्वनि दूर तक जाती है। नहीं तो अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिध्वनि कैसे कर सकते थे? व्हाइट हाउस के लिए अपने2024 के दावे की घोषणा करते हुए, ट्रम्प ने कहा, "यह अभियान मेरा नहीं, हमारा होगा"। फिर टेलीविजन होस्ट सीन हैनिटी ने कहा, "महान लाइन, अगर वह अपना ध्यान इसी तरह रखते हैं, तो वह अपराजेय हैं।"

पश्चिम बंगाल के विभाजन के लिए अलगावदियों से मिले हैं भाजपा नेता

प्रदेश के वरिष्ट भाजपा नेता भी अनंत महाराज के बंटवारे की मांग के पीछे
तीर्थंकर मित्रा - 16-11-2022 11:00 GMT-0000
पंचायत चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, उत्तर बंगाल गलत कारणों से चर्चा में है। उसे पश्चिम बंगाल से अलग एकराज्य या केंद्र शासित प्रदेश की मांग फिर से उठ गयी है।

भारत को दुनिया का कारखाना बनने के लिए बड़े विदेशी निवेश की जरूरत

चिंता का विषय है अस्थिर नियामक परिदृश्य
नन्तु बनर्जी - 15-11-2022 11:11 GMT-0000
वैश्विक निवेश बैंकर मॉर्गन स्टेनली ने चीन में आर्थिक विकास की गति धीमी होने के बाद भले ही वर्तमान दशक को भारत के दशक होने की भविष्यवाणी की हो, वास्तव में भारतीय अर्थव्यवस्था उतनी तेजी से नहीं बढ़ रही है जितनी की उम्मीद की जा रही थी। बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) भारत की अत्यधिक मूल्य संवेदनशील अर्थव्यवस्था से कतराते हुए प्रतीत होते हैं। अनिश्चित और अस्थिर नियामक परिदृश्य की जटिलताएं एक मुद्दा बनी हुई हैं। भारतके‘दुनिया का कारखाना’ बनने की संभावनाएं तो हैं, लेकिनकारोबार सुगमता को लेकर सरकार पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है।

आरक्षण पर उभर रहा है यथार्थवाद का नया दृष्टिकोण

सर्वोच्च न्यायालय ने खोला एक नया रास्ता
के रवींद्रन - 14-11-2022 09:57 GMT-0000
आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सोच का पहला बड़ा संकेत 2021 के मराठा आरक्षण मामले में भारत के शीर्ष अदालत के फैसले में उपलब्ध था, हालांकि उस याचिका में उठाया गया मूल मुद्दा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के मामले में अदालत के नवीनतम रुख से अलग था।

पंडित नेहरू और शेख अब्दुल्ला के कारण ही कश्मीर बन सका भारत का हिस्सा

कश्मीर समस्या के लिए उन्हें दोष देना अनुचित
एल. एस. हरदेनिया - 12-11-2022 11:17 GMT-0000
भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समेत कई व्यक्ति व संगठन जवाहरलाल नेहरू को कश्मीर समस्या के लिए जिम्मेदार मानते हैं। परंतु इसके विपरीत पूरे विश्वास से यह दावा किया जा सकता है कि यदि जवाहरलाल नेहरू और शेख अब्दुल्ला नहीं होते तो जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं बन पाता। भारत को आजादी देने के लिए ब्रिटिश संसद ने जो कानून बनाया था उसके अनुसार इंडिया को दो राष्ट्रों में विभाजित किया जाना था। भारत की सभी रियासतों को तीन विकल्प दिए गए थे। वे चाहेँ तो भारत या पाकिस्तान में शामिल हों सकते थे या आजाद भी रह सकते थे। उन्हें यह फैसला दोनों राष्ट्रों के बनने के पहले लेना था। फैसला लेने का अधिकार संबंधित रियासत के राजा/नवाब को दिया गया था।