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कबतक चमकेगा यह सोना?

अमीर देशों की बेहाली सोना को और भी सोना बना रही है
उपेन्द्र प्रसाद - 21-09-2011 10:57 GMT-0000
सोने की कीमतों में हो रही वृदिध अपूर्व और ऐतिहासिक है। इस तरह की वृदिध अब तक कभी भी देखी नहीं गर्इ थी। दुनिया में सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश भारत ही है और इसके लिए हम इस चमकीले धातु के आयात पर निर्भर करते हैं, इसलिए इसकी कीमत में हो रही यह वृदिध विशेष मायने रखते हैं। भारत में सोने की भूख इतनी ज्यादा है कि महंगा होने के बावजूद इसकी मांग बढ़ रही है और इस साल तो रिकार्ड एक हजार टन सोने की आयात होने का अनुमान है।

टैगोर – कवि, गीतकार, दार्शनि‍क, कलाकार और शि‍क्षा वि‍शारद

तड़ि‍त मुखर्जी - 05-05-2011 11:11 GMT-0000
‘प्रसन्‍न रहना तो बहुत सहज है, परन्‍तु सहज रहना बहुत कठि‍न’
‑ रवीन्‍द्रनाथ टैगोर

विश्व का लोकतांत्रिक धर्म हिन्दू

राजकरण सिंह - 09-01-2011 05:03 GMT-0000
जीवन के सम्पूर्ण क्षेत्रों की वैज्ञानिक व्याख्या के साथ उपाय प्रस्तुत करने वाले वेद ही विश्व के प्राचीनतम आध्यात्मिक ज्ञान के स्त्रोत हैं। हिन्दू धर्म का मूल वेदों से प्रारम्भ होता है जिसने विश्व के सभी मत पन्थों और दर्शन को प्रभावित किया है। वैश्विक समाज को एकीकृत और सौहार्दपूर्ण बनाने एवं ‘आत्म’ और ‘संसार’ के रहस्य को जानने का एकमात्र साधन वेद ही हैं। वर्तमान भारत के लोगों के द्वारा ही अपनी पहचान को स्थापित न कर पाने के कारण सनातन काल से चली आ रही भारत के अमूल्य ज्ञान की यह परम्परा उपेक्षित हो रही है।

हिंदी की दशा और दिशा

राजकरण सिंह - 08-01-2011 18:24 GMT-0000
ईश्वर ने संसार की रचना में मनुष्य को श्रेष्ठ बनाने की दृष्टि से बुद्धि रुपी अनमोल सौगात प्रदान की है। मनुष्य को अपनी श्रेष्ठता व्यक्त करने के लिए ही प्रभू ने उसे वाणी प्रदान की है। उस वाणी को, जन्म देने वाली माता से शब्द प्राप्त होते हैं, जिसे हम सब मातृभाषा कहते हैं। इसी मातृभाषा के माध्यम से ही हम सबका जीवन व्यापार चलता रहता है। भाषा रुपी एक ऐसा साधन मनुष्य के पास सुलभ होता है, जिसके माध्यम से ही मनुष्य अपने जीवन के सभी कार्यों, सुख-दुख एवं विचारों की अभिव्यक्ति करता है। मातृभाषा के बाद जब हम एक राष्ट्र के रुप में अपने आप को जोड़ते है, तब हमारा नाता एक राष्ट्रभाषा से जुड़ता है।

सोचने का नजरिया बदलें और असंभव को संभव करें

विशेष संवाददाता - 20-12-2010 17:48 GMT-0000
नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 ए.पी.जे. कलाम ने छात्रों से असंभव को संभव करने का आह्वान किया है। श्री कलाम आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली के आर्मी पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय चरित्र निर्माण विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। डॉ0 कलाम ने शिक्षकों से छात्रों को अलग तरीके से सोचने के लिए उत्साहित करने का अनुरोध किया। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि शिक्षक राष्ट्र -निर्माण के आवश्यक अंग हैं। पूर्व राष्ट्रपति ने एक मजबूत भारत के निर्माण के लिए नैतिकता आधारित शिक्षा पर जोर दिया।

विभिन्न प्रकार के भूकंप और उनके कारण

विशेष संवाददाता - 01-10-2010 10:32 GMT-0000
पृथ्‍वी की प्‍लेटों की सीमाओं के आस-पास आने वाले भूकंप से करीब 80% भूकंपीय ऊर्जा निकलती है। इस प्रकार के भूकंपों को अंत:प्‍लेट भूकंप कहते हैं क्‍योंकि इस प्रकार के भूकंप का सीधा संबंध प्‍लेटों की परस्‍पर क्रिया संबंधी बल से होता है। इसलिए प्रशांत बेल्‍ट के चारों तरफ, मध्‍य-एटलांटिक पर्वत श्रेणी और उच्‍च हिमालयी बेल्‍ट अंत:प्‍लेट भूकंपीय श्रेणी में आते हैं।
भारत

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों के जरिए समावेशी विकास

पसूका - 27-08-2010 11:17 GMT-0000
निर्माण, रोजगार और निर्यात के क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम महत्वपूर्ण योगदान करते हैं । परिमाण के संदर्भ में अनुमान है कि देश में कुल उत्पादन में इसकी 45 प्रतिशत और कुल निर्यातों में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी है । 2006-07 के संदर्भ वर्ष में एमएसएमई के चौथे अखिल भारतीय गणना के त्वरित अनुमानों के अनुसार उपक्रमों की कुल संख्या लगभग 26 मिलियन थी, और लगभग 60 मिलियन लोगों को रोजगार प्राप्त था। एमएसएमई क्षेत्र का पूंजी अनुपात और आमूल वृध्दि बड़े उद्योगों से काफी ऊंची है। एमएसएमई की भौगोलिक पृष्ठभूमि भी समान है । अत: एमएसएमई राष्ट्र के सम्मान और समावेशी उद्देश्यों के लिए महत्वपूर्ण है ।

सुपर स्टार की कुर्सी और कलाकार

डा शंकरस्वरूप शर्मा - 30-07-2010 11:02 GMT-0000
जब फिल्म उद्योग शुरू हुआ था तो उस समय नाटक और नौटंकी का जमाना था। नाच गाना गाने वाली और मुजरा करके गुजारा करने वाले लोगों का ही बोलबाला था। जिन्हें आम जनता की जुबान में लोगों का दिल बहलाने की वस्तु ही समझा जाता था वही आम जनता को गमों रजों के दौर से अपनी कला को प्रदर्शित करके उन्हें उस माहौल से बाहर निकालने की कोशिश ये समाज से दूर रहने वाले कलाकार करते थे ताकि समाज का आम आदमी हंस और मुस्करा सके।

अमरनाथ यात्रा - एकता का महान उदाहरण

एम एल धर - 26-07-2010 11:39 GMT-0000
प्रकृति का अद्भुत वैभव -अमरनाथ गुफा 3888 मीटर (13,500 फुट) ऊंचाई पर स्थित है । पवित्र गुफा जिसमें बर्फ का शिवलिंग बनता है,120न् 100 न् 60 फुट व्यास की है और इसमें हजारों श्रद्धालु समा सकते हैं । एक पौराणिक गाथा के अनुसार भगवान शिव ने पार्वती को जीवन और मृत्यु के रहस्य बताने के लिए इस गुफा को चुना था ।

भारतीय और चीनी पैंगोलिन

कल्पना पालखीवाला - 22-07-2010 11:34 GMT-0000
पैंगोलिन या शल्की चींटी खोर कौतुहल पैदा करने वाला प्राणी है। देश में दो तरह के पैंगोलिन पाये जाते हैं-भारतीय और चीनी। चीनी पैंगोलिन पूर्वोत्तर में पाया जाता है। दुनियाभर में पैंगोलिन की सात प्रजातियां पायी जाती हैं। लेकिन वनों में पाये जाने वाले चीनी पैंगोलिन की संख्या के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। दक्षिण एशियाई देशों में उनकी बहुत बड़ी मांग है।