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आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में मूर्खता और अहंकार के उत्सव

गलत तथ्य परोसने में पहले मोदी जी और अब पीआईबी और न्यू इंडिया समाचार भी
अनिल जैन - 2022-01-17 09:48
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इतिहास संबंधी ‘ज्ञान’ से तो देश ही नहीं पूरी दुनिया अच्छी तरह वाकिफ है। कभी वे सिकंदर को बिहार तक ले आते हैं तो कभी तक्षशिला को बिहार में बसा देते हैं और कभी मौर्य वंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य को गुप्त वंश का संस्थापक बता देते हैं। कभी वे 700 साल पुराने कोणार्क के सूर्य मंदिर को 2000 साल पुराना बता देते हैं तो कभी कबीर, नानक और गोरखनाथ को मगहर में एक साथ बैठा देते हैं। देश को यह जानकारी भी उनसे ही मिलती है कि आजादी के वक्त डॉलर और रुपए की कीमत बराबर थी। इस तरह की इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, विज्ञान आदि से संबंधित भी कई अजीबोगरीब जानकारियों से वे देश-दुनिया को अवगत कराते रहते हैं। अब आजादी के इतिहास संबंधी ऐसी ही अद्भूत जानकारी भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय यानी प्रेस इन्फार्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने भी दी है।

धर्म संसद किसके लिए?

कृष्णा झा - 2022-01-15 11:30
पटना हाईकोर्ट की पूर्व न्यायाधीश अंजना प्रकाश और वरिष्ठ पत्रकार कुर्बान अली की उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका को स्वीकृति मिली है, जिसमें हरिद्वार में हुई धर्म संसद में दिये गये भाषणों के विरूद्ध आवाज उठाई गई है। यह धर्म संसद दिसंबर 17 और 19 को अलग-अलग संस्थाओं द्वारा आयोजित की गई थी। उच्चतम न्यायालय ने आवेदनकर्ताओं से यह भी आग्रह किया है कि आने वाले दिनों में आयोजित होने वाली ऐसी सारी घटनाओं पर वे याचिकाएं प्रस्तुत करते रहें।

मणिपुर में चुनावी जंग तेज, बीजेपी सत्ता बचाने को बेताब

कांग्रेस को आने वाले हफ्तों में और मेहनत करनी होगी
सागरनील सिन्हा - 2022-01-14 09:36
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और पंजाब के चुनावों के साथ ही उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में भी चुनाव होंगे। चुनाव दो चरणों में होंगे - 27 फरवरी और 3 मार्च। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी दूसरी बार सत्ता में लौटने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जबकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अपने पूर्व गढ़ को हथियाने के लिए बेताब है। लड़ाई केवल भाजपा बनाम कांग्रेस तक ही सीमित नहीं है क्योंकि अन्य क्षेत्रीय दल - नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और नागालैंड पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) हैं, जो इसे एक बहुकोणीय मुकाबला बना रहे हैं।

मौर्य का भाजपा से बाहर होना सपा के लिए वरदान

असंतुष्ट नेता के पास 50 से अधिक सीटों पर मतदान प्रभावित करने की क्षमता
प्रदीप कपूर - 2022-01-13 11:38
लखनऊः वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और भाजपा के तीन विधायकों के इस्तीफे ने उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारूढ़ दल की पिछड़ी राजनीति को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

चुनाव फंड के लिए अपील

विशेष संवाददाता - 2022-01-13 07:11
नई दिल्लीः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने चुनाव फंड के लिए अपील जारी की है। पार्टी के महासचिव डी राजा ने निम्नलिखित अपील जारी की।

चुनाव पूर्व दलबदल

इसे रोकने के लिए भी कानून बनना चाहिए
उपेन्द्र प्रसाद - 2022-01-13 06:07
पांच राज्यों की विधानसभाओं के चुनावों की तिथियां घोषित हो चुकी हैं और दलबदल का खेल जारी है। यह पिछले कई महीनों से चल रहा है और चुनाव का सामना कर रहे सभी प्रदेशों में चल रहा है। ताजा घटना में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। उनके अलावा करीब दर्जन भर अन्य भाजपा विधायक भी पार्टी छोड़ रहे हैं। दूसरी पार्टियों के लोग भाजपा में जा रहे हैं। ऐसा कोई पहली बार नहीं हो रहा है, बल्कि पिछले कई दशकों से हो रहा है और इस खेल मे सबसे आगे भारतीय जनता पार्टी ही रही है। यह दूसरी बात है कि उत्तर प्रदेश के ताजा घटनाक्रम में उसके विधायक उसका साथ छोड़ रहे हैं।
स्वामी विवेकानंद जयंती (12 जनवरी) पर विशेष

विवेकानंद का आदर्श भारत

ब्राह्णकाल का ज्ञान, क्षत्रियकाल की सभ्यता, वैश्यकाल का प्रचार और शूद्रकाल की समता हो
एल. एस. हरदेनिया - 2022-01-11 10:51
पिछले दिनों से देश के विभिन्न भागों में मुस्लिम एवं ईसाई नागरिकों पर अत्प्रयाशित हमले होते रहे हैं। यहां तक कि हरिद्वार में मुसलमानों के कत्लेआम तक का आव्हान किया गया। इस तरह की बातों से देश की एकता को चोट पहुंचती है। इस बात से कौन इंकार कर सकता है कि देश के नागरिकां की एकता के बिना देश का विकास संभव नहीं है।

मोदी की सुरक्षा चूक और कार्रवाई में सापेक्षता का सिद्धांत

डच प्रधानमंत्री साइकिल से दफ्तर जाते हैं
के रवींद्रन - 2022-01-10 11:27
उस घटना के संबंध में सापेक्षता के दो सिद्धांत संभव हैं जिसमें प्रधान मंत्री मोदी 20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंस गए थे, जिससे राष्ट्रीय हंगामा हुआ। पहला, जिसे मोदी खुद पसंद करते हैं, अधिक क्लासिक व्याख्या से संबंधित है जो प्रयोगों के आधार पर भविष्यवाणियां करना चाहता है और दूसरा दो तुलनीय स्थितियों से संबंधित है जैसा कि वे वास्तव में हैं।

पूंजीवाद का बदलता चेहरा

आज का पूंजीवाद दो हिस्सों में बंट चुका है
कृष्णा झा - 2022-01-08 09:31
यह घुमक्कड़ी नहीं है जिसके आकर्षण में लोग भटकते रहते हैं। आज यह आकर्षण मजबूरी बन गई है। यह मजबूरी भूख की है जिससे निजात पाना मुश्किल है। कुछ समय पहले ये मजदूर जो नौकरी से निकाले हुए थे और सड़क पर उतर आए थे, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलते हुए ये वहां पहुंचना चाहते थे जहां रोटी थी। भूख का मंजर अभी खत्म नहीं हुआ है। नौकरियां कम से कम होती जा रही हैं, अवसर सीमित हैं और योग्यता के अनुसार तो बिल्कुल नहीं। कोई बिजनेस मैंनेजमेंट कर चुका है लेकिन माली की नौकरी में जा रहा है और जिसने पी.एच.डी. की, वह स्कूल में पियन ;चपरासी है। व्यवस्था कुशलता को अपनाने से इंकार करती है। बेरोजगारी दर दिसंबर 2014 में ही सी.एमआई.ई. के अनुसार 7.91 फीसदी पर पहुंच चुकी है। यह महामंदी के दिनों से भी अधिक है लेकिन इन स्थितियों में भी धनी और भी धनी बनते जा रहे हैं। वे लगातार अधिकाधिक धनी होते जा रहे हैं।

पूंजीवाद का बदलता चेहरा

आज का पूंजीवाद दो हिस्सों में बंट चुका है
कृष्णा झा - 2022-01-08 09:31
यह घुमक्कड़ी नहीं है जिसके आकर्षण में लोग भटकते रहते हैं। आज यह आकर्षण मजबूरी बन गई है। यह मजबूरी भूख की है जिससे निजात पाना मुश्किल है। कुछ समय पहले ये मजदूर जो नौकरी से निकाले हुए थे और सड़क पर उतर आए थे, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के साथ ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलते हुए ये वहां पहुंचना चाहते थे जहां रोटी थी। भूख का मंजर अभी खत्म नहीं हुआ है। नौकरियां कम से कम होती जा रही हैं, अवसर सीमित हैं और योग्यता के अनुसार तो बिल्कुल नहीं। कोई बिजनेस मैंनेजमेंट कर चुका है लेकिन माली की नौकरी में जा रहा है और जिसने पी.एच.डी. की, वह स्कूल में पियन ;चपरासी है। व्यवस्था कुशलता को अपनाने से इंकार करती है। बेरोजगारी दर दिसंबर 2014 में ही सी.एमआई.ई. के अनुसार 7.91 फीसदी पर पहुंच चुकी है। यह महामंदी के दिनों से भी अधिक है लेकिन इन स्थितियों में भी धनी और भी धनी बनते जा रहे हैं। वे लगातार अधिकाधिक धनी होते जा रहे हैं।