हिमालय में अनेक पनबिजली परियोजनाओं पर भूस्खलन के खतरे
भारत की पनबिजली क्षमता लगातार बढ़ रही है
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2021-02-23 11:05 UTC
उत्तराखंड के जोशीमठ में हाल ही में हुए विनाशकारी ग्लेशियर के प्रकोप ने इस क्षेत्र की कम से कम चार पनबिजली परियोजनाओं सहित जीवन और संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचाया है, लेकिन इससे देश की भारी क्षमता का दोहन करने के लिए सरकार और उद्योग की बोली धीमा होने की संभावना नहीं है। भारत 2022-23 के अंत तक 225 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। पनबिजली विद्युत परियोजनाओं से इस क्षमता में काफी योगदान होने की उम्मीद है। हालांकि, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) अधिक सतर्क होगा और नई बिजली परियोजनाओं को सख्ती से दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए कि हिमनद झील के प्रकोप के कारण होने वाली आपदाओं से कैसे निपटें।