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चीनी संकट और हम

मोदी से गलती कहां हुई?
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-06-25 08:48 UTC
कोरोना संकट के बीच चीन ने भी भारत के लिए एक बड़ा सकट खड़ा कर दिया है और यह संकट 1962 के पहले वाले संकट से भी बड़ा है। हमारे 20 जबान मारे जा चुके हैं। चीनी गिरफ्त में गए अपने 10 जवानों को जिंदा वापस पाने में हम सफल हुए हैं, लेकिन संकट समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा। मीडिया में स्टोरी प्लांट कर कभी चीनी सैनिकों के हताहत होने की भी बात की जाती है और कभी बात की जाती है कि चीनी सैनिक पीछे हट गए हैं। लेकिन उसके बाद खबर आती है कि चीन ने अन्य जगहों पर भी सेना तैनात कर रखी है और वह युद्ध की तैयारी कर रहा है। उधर चीन से कभी समझौतावादी स्वर उभरते हैं, तो कभी उधर से धमकी भरी बातें सुनने को मिलती हैं।

मध्यप्रदेश विधानसभा के उपचुनाव

कांग्रेस और भाजपा हो रही हैं तैयार
एल एस हरदेनिया - 2020-06-24 09:32 UTC
भोपालः राज्यसभा के चुनाव के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों ने राज्य विधानसभा की 24 सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है। इन उपचुनावों के नतीजे राज्य सरकार के भाग्य का फैसला करेंगे। राज्य के इतिहास में कभी भी इतनी बड़ी संख्या में उपचुनाव नहीं हुए हैं। एमपी विधानसभा की ताकत 230 है। वर्तमान में, कांग्रेस के 92 सदस्य हैं। सत्ता पर कब्जा करने के लिए कुल 116 सदस्यों की आवश्यकता होती है। इस प्रकार बहुमत हासिल करने के लिए उसे सभी 24 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करनी चाहिए।

राज्यसभा में बहुमत के लिए भाजपा को अभी लंबा इंतजार करना होगा

पिछले तीन दशकों से उच्च सदन में किसी पार्टी का बहुमत नहीं
अनिल जैन - 2020-06-23 10:20 UTC
अपनी तमाम हिकमत अमली के बावजूद केंद्र सहित कई राज्यों में सत्तारुढ भारतीय जनता पाटी इस समय राज्यसभा में बहुमत ही नहीं, बल्कि 100 सीटों के आंकडे से भी दूर है। आठ राज्यों की 19 राज्यसभा सीटों के लिए हाल ही में हुए द्विवार्षिक चुनाव के बाद भी संसद का यह उच्च सदन त्रिशंकु स्थिति में बना हुआ है। यानी किसी भी पार्टी या गठबंधन का यहां फिलहाल बहुमत नहीं है। राज्यसभा में यह स्थिति पिछले तीन दशक से बनी हुई है और आगे कब तक बनी रहेगी, कुछ कहा नहीं जा सकता।

जो नेहरू के साथ हुआ, वही मोदी के साथ हुआ है

लेकिन हमें आज मोदी के साथ खड़ा रहना चाहिए
एल एस हरदेनिया - 2020-06-22 10:00 UTC
जब चीन में क्रांति हो रही थी उस दौरान उसे विश्व की जनता का जबरदस्त समर्थन प्राप्त था। उस समय चीन के बारे में कहा जाता था कि वहां के निवासी अफीम का नशा करके सुप्त अवस्था में पड़े रहते हैं। उस समय चीन की आर्थिक स्थिति इतनी जर्जर थी कि कहा जाता था कि वहां का नागरिक बोरे में भरकर नोट लेकर बाजार जाता था और उसके एवज में एक पुड़िया माल लेकर घर आता था। चीन को इस स्थिति से उबारने में वहां की कम्युनिस्ट पार्टी और उसके महान नेता माओत्से तुंग का प्रमुख योगदान था।

2020 में विकास वित्त में दर्ज होगा ऐतिहासिक पतन

चुनौती है पूर्ण घ्वंस को रोकने और खाद्य सुरक्षा की
ज्ञान पाठक - 2020-06-20 09:37 UTC
कोविड -19 के कारण खाद्य असुरक्षा और मानव जीवन के लिए खतरा दुनिया के सभी देशों, विशेष रूप से सबसे कम विकसित और विकासशील देशों के सामने मंडरा रहा है। 2020 में विकास वित्त में एक ऐतिहासिक गिरावट की संभावना एक अतिरिक्त चुनौती होगी।

यह भारतीय बाजार से चीनियों से छुटकारा पाने का आदर्श समय है

भारतीय निर्माताओं और उद्योगों को नई शुरुआत करने के लिए राहत मिलनी चाहिए
अंजन रॉय - 2020-06-19 10:53 UTC
गालवान घाटी में खूनी मुठभेड़ के बाद भारत और चीन के भविष्य के रिश्ते को लेकर कोई संदेह नहीं रह गया है, और अब उसकी कोई जगह नहीं है।

मतदान की पूर्व संध्या पर दिग्विजय और शिवराज में नोकझोंक

पुलिस कार्रवाई और सामाजिक मीडिया राजनीति पर हावी
एल एस हरदेनिया - 2020-06-18 10:59 UTC
भोपालः राज्यसभा के लिए द्विवार्षिक चुनाव की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बीच नोकझोंक की जंग होती रही। एक अभूतपूर्व कदम में दिग्विजय सिंह के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। एफआईआर भाजपा नेता और पूर्व गृह मंत्री उमा शंकर गुप्ता ने दर्ज कराई है। भाजपा के कदम के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में दिग्विजय सिंह ने भी मुख्यमंत्री चौहान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की घोषणा की है।

केरला कांग्रेस (एम) का बढ़ता संकट

कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती
पी श्रीकुमारन - 2020-06-17 09:42 UTC
तिरुअनंतपुरमः कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के एक महत्वपूर्ण घटक केरल कांग्रेस (एम) का संकट दोनों गुटों द्वारा परस्पर समझौता करने से इनकार करने के साथ गहरा गया है।

सुशांत राजपूत की मौत

क्या प्रतिभाओं की कब्रगाह बनी हुई है बॉलीवुड?
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-06-16 09:40 UTC
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या से देश उद्वेलित है। 34 वर्ष के सुशांत को एक सफल कलाकार माना जा रहा है, जिन्होंने 10 साल के संघर्ष से अपना मुकाम हासिल कर लिया था। धोनी की भूमिका करके उन्होंने बहुत सराहना पाई थी और छिछोरे फिल्म में भी अपने अभिनय की धाक जमाई थी। उनके पास पैसा था, शोहरत थी और भी बहुत चीजें थीं, जो एक सफल व्यक्ति के पास होता है। इन सबके बावजूद उन्होंने आत्महत्या कर ली। यह आत्महत्या भी उन्हांने एकाएक आवेश में आकर नहीं की, बल्कि 6 महीने के मानसिक अवसाद के बाद यह किया।

मोदी को निर्णय लेने में सावधानी बरतनी चाहिए

कोविड संक्रमण पर सफलता की शुरुआती उत्तेजना गलत साबित हुई
के रवीन्द्रन - 2020-06-15 12:19 UTC
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र की नियति को प्रभावित करने वाले फैसले लेने में अपना मनमानापन दिखाया। यह सच है कि उन्होंने इस तरह की विचारहीन कार्रवाई से अपने प्रधानमंत्रित्व को दांव पर लगा दिया है, लेकिन यह उस कीमत की तुलना में नगण्य है जो देश को भुगतना पड़ रहा है।