बाजारवाद की मार: आम आदमी को राहत कैसे मिले?
- 2018-05-11 09:35 UTCदेश में आये दिन वेतन एवं सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में निरंतर मांग चलती रहती है। वेतन एवं सुविधाओं को लेकर यहां सरकारी क्षेत्र में आयोग भी गठित है जो समय - समय पर इस दिशा में विचार कर नया वेतन एवं सुविधाएं को लागू करता रहता है। हमारे जनप्रतिनिधि जिन्हें पहले केवल भत्ते एवं सुविधाएं मिला करती अब वेतन भोगी हो चले है पर वेतन आयोग के दायरे में नहीं आते। वे स्वयं ही इसका निर्धारण करते है। देश में अधिकांश ऐसे क्षेत्र है जो निजी क्षेत्र में आते है, जिनका वेतन एवं सुविधाओं का निर्धारण मालिक करता है। अधिकांश ऐसे क्षेत्र भी है जहां कोई नियमावली नहीं लागू। जो कुछ दे दिया वहीं उनका वेतन है। सुविधाएं तो बिल्कुल नगण्य है।