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हितधारकों के साथ भारतीय खान विभाग के पुनर्गठन एवं समीक्षा पर बैठक

विशेष संवाददाता - 2010-12-20 17:43
नई दिल्ली: खान मंत्रालय के सचिव श्री एस. विजय कुमार ने आज भारतीय खान विभाग (आईबीएम) की समीक्षा एवं पुनर्गठन पर हितधारकों की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में राज्य सरकारों, खनिज उद्योग, भारतीय खान विभाग, जीएसआई और एफआईएमआई के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मुद्दे पर प्रारूप रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के लिए यह बैठक आयोजित की गई थी।
भारत

प्‍याज निर्यात के लिए अनापत्‍ति प्रमाण पत्र निलम्‍बित

विशेष संवाददाता - 2010-12-20 17:39
नई दिल्ली: प्‍याज के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमईपी) का निर्धारण करने के लिये मूल्‍य निर्धारण सलाहकार समिति की आज बैठक आयोजित की गई।
भारत - कंग्रेस के 125 वर्ष

कंग्रेस अधिवेशन में राजनीति और विरासत पर जोर

विजयकुमार मधु - 2010-12-20 06:27
नयी दिल्ली: विरासत की राजनीति में ताजपोशी का ही जिक्र होना इस महाधिवेशन की आम बात बन गई है। प्रदेश चाहे कोई भी हो सभी जगह पिता के पश्चात पुत्र को राजनीतिक विरासत का द्योतक माना जाना एक तरह की परम्परा ही दिखाई दे रही है।

भ्रष्टाचार फिर एक बड़ा मुद्दा बना

कांग्रेस को इसका सामना करना ही होगा
राजनैतिक संवाददाता - 2010-12-20 05:11
नई दिल्लीः राजीव गांधी ने 1985 के मुबई कांग्रेस महाधिवेशन में जो कहा था वह आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी को सत्ता के दलालों से खतरा है, जो पार्टी के अंदर भरे हुए हैं।उसके 25 साल बाद जब पार्टी के 125 साल पूरा हो रहे हैं, तब कांग्रेस के सामने यह चुनौती आज उस समय की अपेक्षा बहुत बड़ी दिखाई पड़ रही है।

जम्मू और कश्‍मीर के गुज्जर और बकरवाल

एम एल धर - 2010-12-19 05:26
जम्मू और कश्‍मीर में करीब दो लाख खानाबदोश गुज्जर और बकरवाल परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत लाया जा रहा है। राज्य के उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री कमर अली अख्खून ने बताया कि उनको अस्थाई राशन कार्ड जारी किए जाएंग़े ताकि एक स्थान से दूसरी जगह जाने के दौरान उन्हें बिना किसी कठिनाई के राषन मिल सके। मंत्री महोदय ने कहा कि अपनी प्रवासी प्रवृत्ति के कारण वे बीपीएल परिवारों के लिए शुरू की गईं सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे थे, इससे उनकी लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी।

मध्यावधि चुनाव की कोई आशंका नहीं

चुनाव के लिए कोई भी तैयार नहीं
कल्याणी शंकर - 2010-12-18 11:43
क्या लोकसभा के मध्यावधि चुनाव की संभावना बन रही है? जब यह सवाल भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का एक मंत्री इस तरह की बात को हवा देने में लगे हुए हैं। उनका उद्देश्य विपक्ष के सांसदों को डराना है ताकि विपक्ष में फूट पड़ जाए।
भारत

जनवरी से अक्‍टूबर, 2010 के बीच प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश पहुंचा 17.37 अरब

औद्योगि‍क नीति‍ और संवर्द्धन वि‍भाग की वर्षांत समीक्षा
विशेष संवाददाता - 2010-12-16 12:16
मौजूदा कैलेंडर वर्ष में (जनवरी से अक्‍टूबर 2010 के बीच) प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश के रूप में 17.37 अरब अमेरि‍की डॉलर प्राप्‍त हुए हैं। मौजूदा ‍वि‍त्‍त वर्ष 2010-11 के पहले सात महीनों (अप्रैल से अक्‍टूबर 2010) के दौरान 12.40 अरब अमेरि‍की डॉलर प्राप्‍त हुए। वि‍त्‍त वर्ष 2009-10 के दौरान 25.89 अरब डॉलर का प्रत्‍यक्ष वि‍देशी नि‍वेश हुआ था।

चर्चे मध्यावधि चुनाव के

क्या कांग्रेस इसके लिए तैयार है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-12-15 12:51
भ्रष्टाचार के मसले पर संसद का पूरा शीतकालीन सत्र बिना किसी कामकाज के समाप्त हो गया है, लेकिन सत्तारूढ़ पक्ष और विपक्ष के बीच चल रहा गतिरोध समाप्त नहीं हुआ है। अब अगला सत्र आगामी फरवरी महीने में शुरू होगा। सवाल उठ रहे हैं कि क्या उसमें भी वही नजारा देखने को मिलेगा, जो शीतकालीन सत्र में देखा गया? मुख्य विपक्षी दल के नेता लालकृष्ण आडवाणी से जब इसके बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इसके बारे में निर्णय उसी समय किया जाएगा। उसके पहले जब यही सवाल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पूछा गया था, तो उन्होंनें कहा था कि यदि बजट सत्र में भी ऐसा ही होता है, तो देश की संसदीय प्रणाली के खतरनाक होगा।

हरियाणा की राजनीति में आई फिर गर्मी

पार्टियों ने अपनी जड़ता तोड़ी
बी के चम - 2010-12-14 10:31
चंडीगढ़ः हरियाणा की राजनीति एक बार फिर गर्म हो रही है। 2014 के पहले राज्य में कोई चुनाव नहीं होने हैं, फिर भी राजनैतिक पार्टियों ने अपने अपने तरीके से लोगों से संवाद स्थापित करना शुरू कर दिया है। इस होड़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी इंडियन नेशनल लोकदल अन्य पार्टियों से आगे हैं।

बिहार चुनाव का मुस्लिम फैक्टर

अब वोट बैंक नहीं रहे मुसलमान
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-12-13 12:49
बिहार विधानसभा के चुनावी नतीजो का एक निष्कर्ष यह भी है कि अब मुसलमानों ने वहां किसी पार्टी का वोट बैंक बनने से इनकार कर दिया है। वैसे मतदान गुप्त होते हैं और किसने किसको मत दिया, इसके बारे में कोई कुछ भी दावे से कह नहीं सकता, लेकिन चुनावी नतीजों के आयने मे इसका अंदाज तो लगाया जा ही सकता है कि किस समुदाय विशेष ने किस पार्टी को ज्यादा मत दिया। जब बात मुस्लिम समुदाय की हो, तो यह बताना हमेशा आसान रहा है कि चुनाव में उनकी खास पसंद कौन पार्टी रही है।