ओबामा की यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया है
भारत को इसका फायदा उठाना चाहिए
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2010-11-12 18:41
बराक ओबामा आए। उन्होंने देखा। और क्या उन्होंने जीता भी? उनकी यात्रा को बुश अथवा क्लिंटन की यात्राओं की श्रेणी में तो नहीं डाला जा सकता, लेकिन इतना कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि यह यात्रा प्रभावकारी रही। वे असर छोड़ गए। उनकी यात्रा मुम्बई हमलों के शिकार हुए लोगों को श्रद्घांजलि देने से शुरू हुई। पूरा देश उसे देख रहा था जिसने अमेरिका में इतिहास बनाया है। ओबामा द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करना इस यात्रा की सबसे बड़ी घटना रही।