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भारत

पर्यावरण और वन मंत्रालय हाथी को राष्ट्रीय धरोहर पशु घोषित करेगा

विशेष संवाददाता - 2010-10-01 23:12
नई दिल्ली: पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री श्री जयराम रमेश ने कहा है कि हाथी को राष्ट्रीय धरोहर पशु घोषित किया जाएगा । आज नई दिल्ली में हाथी कार्यबल की रिपोर्ट जारी करते हुए उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय शीघ्र ही राष्ट्रीय हाथी संरक्षण प्राधिकरण का भी गठन करेगा, जो राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की तर्ज पर हाथियों के संरक्षण का काम करेगा ।
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कश्मीर पैकेज पर काम होना चाहिए

विश्वास का माहौल बनाना जरूरी
कल्याणी शंकर - 2010-10-01 10:43
क्या कश्मीर मसले पर केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 8 सूत्री पैकेज कश्मीर की मौजूदा समस्या को हल करने में कारगर साबित हो पाएगा? या यह फार्मूला भी पहले के फार्मूलों की तरह की बेकार साबित होगा? क्या हिंसा से ग्रस्त कश्मीरियों के लिए कोई आशा की किरण कहीं है? क्या अलगाववादी अपनी हरकतों से बाज आएंगे और वहां के लोगों को चैन की जिंदगी जीने देंगे? अथवा क्या पाकिस्तान कश्मीर की गड़बड़ियों को बढ़ावा देना बंद करेगा? ये सब ऐसे सवाल हैं, जो आज कश्मीर समस्या से जुड़े सभी लोगों के जेहन में उठ रहे हैं। यह अब केन्द्र और राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि इन सारे सवालों का सकारात्मक जवाब ढूंढ़ने के लिए आगे बढ़े।

महात्‍मा गांधी-शांति के नायक

नरेन्‍द्र देव - 2010-10-01 10:38
2 अक्‍टूबर का दिन कृतज्ञ राष्‍ट्र के लिए राष्‍ट्रपिता की शिक्षाओं को स्‍मरण करने का एक और अवसर उपलब्‍ध कराता है। भारतीय राजनीतिक परिदृश्‍य में मोहन दास कर्मचंद गांधी का आगमन खुशी प्रकट करने के साथ-साथ हजारों भारतीयों को आकर्षित करने का पर्याप्‍त कारण उपलब्‍ध कराता है तथा इसके साथ उनके जीवन-दर्शन के बारे में भी खुशी प्रकट करने का प्रमुख कारण है, जो बाद में गांधी दर्शन के नाम से पुकारा गया। यह और भी आश्‍चर्यजनक बात है कि गांधी जी के व्‍यक्तित्‍व ने उनके लाखों देशवासियों के दिल में जगह बनाई और बाद के दौर में दुनियाभर में असंख्‍य लोग उनकी विचारधारा की तरफ आकर्षित हुए।

भारत में विलुप्तप्राय: पादप प्रजातियां

विशेष संवाददाता - 2010-10-01 10:35
भारत अपनी सम्‍पन्‍न जैव विविधता के लिए जाना जाता है। देश के दस भौगोलिक क्षेत्रों में 91,000 से ज्यादा पशुओं की प्रजातियां और 46,000 पादप प्राजातियां पहले से दर्ज है। करीब 65,000 देशीय पौधे अभी तक स्वास्थ्य की देखभाल से संबध्द स्वदेशी प्रणालियों में इस्तेमाल किए जाते हैं। देश आठ फसल पादपों के उदगम और विविधता का वैविलोवियन केन्द्रों (वैविलोवियन सेंटर्स ऑफ ऑरिजन एंड डाइवर्सिटी क्रॉप प्लांट्स) में से एक के रूप में माना जाता है। हमारे यहां उगाए जाने वाले पौधों के 300 वन्य पूर्वज और उनसे मिलते-जुलते पौधे प्राकृतिक परिस्थितियों में अब तक विकसित हो रहे हैं। इसके साथ ही हम फिर विविध कारणों से कुछ खास किस्म की प्रजातियों को या तो खोते जा रहे हैं या उनकी संख्या कम हो रही है। ये विलुप्तप्राय: पादप हैं।

विभिन्न प्रकार के भूकंप और उनके कारण

विशेष संवाददाता - 2010-10-01 10:32
पृथ्‍वी की प्‍लेटों की सीमाओं के आस-पास आने वाले भूकंप से करीब 80% भूकंपीय ऊर्जा निकलती है। इस प्रकार के भूकंपों को अंत:प्‍लेट भूकंप कहते हैं क्‍योंकि इस प्रकार के भूकंप का सीधा संबंध प्‍लेटों की परस्‍पर क्रिया संबंधी बल से होता है। इसलिए प्रशांत बेल्‍ट के चारों तरफ, मध्‍य-एटलांटिक पर्वत श्रेणी और उच्‍च हिमालयी बेल्‍ट अंत:प्‍लेट भूकंपीय श्रेणी में आते हैं।

गांधी के सपनों का भारत

देवेंद्र उपाध्‍याय - 2010-10-01 10:29
महात्‍मा गांधी ने अपने सपनों के भारत में जिस दृष्टि की कल्‍पना की थी उसमें व्‍यापकता थी। यही कारण है कि उनके उसी दृष्टिकोण या उन्‍हीं विचारों को गांधीवाद की संज्ञा दी गई। ग्रामीण विकास की तरफ गांधी जी की दृष्टि हमेशा सजग ही रही। ग्रामीण विकास के लिए जिन बुनियादी चीजों को वे जरूरी समझते थे, उनमें ग्राम स्‍वराज, पंचायतराज, ग्रामोद्योग, महिलाओं की शिक्षा, गांवों की सफाई, गांवों का आरोग्‍य और समग्र ग्राम विकास आदि प्रमुख हैं।

भारत का भूकंपीय क्षेत्रीकरण

विशेष संवाददाता - 2010-10-01 10:25
भारतीय उपमहाद्वीप में विनाशकारी भूकंपों का लम्‍बा इतिहास रहा है। भूकंपों की अत्यधिक आवृत्ति और तीव्रता का मुख्य कारण यह है कि भारत तकरीबन 47 मिलीमीटर प्रति वर्ष की गति से एशिया से टकरा रहा है। भारत का करीब 54 प्रतिशत हिस्सा भूकंप की आशंका वाला है।
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संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा में दरार

सहयोगी दलों ने कांग्रेस की बात मानने से इनकार किया
पी श्रीकुमारन - 2010-09-30 10:28
तिरुअनंतपुरमः स्थानीय निकायों के चुनाव के अब एक महीने भी नहीं रह गए हैं और संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे में दरार दिखाई पड़ने लगी है। यह मोर्चा न तो अब संयुक्त रह गया है और नही लोकतांत्रिक। सीटों बंटवारे में घटक दलों में जिस तरह से घमासान हुआ, उससे साफ लग रहा था कि यह मोर्चा अपने आप से युद्ध कर रहा है।
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राजनीति की सरकती जमीन फिसलते राजनीतिज्ञ

विजय कुमार मधु - 2010-09-30 10:23
भारतीय राजनीति की शुरूआत हम कब से माने चाणक्ययुग से या फिर महाभारत युग से इस पर काफी चर्चा होनी चाहिए।
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राष्ट्र-कुल के खेल राष्ट्र का सम्मान

विजय कुमार मधु - 2010-09-30 10:16
अभी तक हमारे खिलाड़ी ओलम्पिक खेलों एवं सार्क,दक्षम और निर्गुट देशों के साथ क्रिकेट कुश्ती और टेबल टेनिस एवं बैडमिंटन में अपनी जीत हासिल करने में ही माहिर हैं। उसके साथ ही साथ लम्बी दोड़ में पी.टी. उषा तथा सुमन रंगानाथन जैसी उड़न बालाओं ने चांदी एवं सोने के मैडल लाने में कोई कसर नहीं रख छोड़ी। अभी तक सुशील कुमार जो कि रेलवे के कर्मचारी हैं उन्होंने पिछले वर्षों की भान्ति इस वर्ष भी देश को स्वर्णिम सम्मान दिलवाया। रेलवे के मंत्री एचं रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने उन्हें 10 लाख की धनराशि का पुरस्कार भेंट किया और खेल मंत्री श्री मनोहर सिंह गिल ने भी उन्हें मन्त्रालय की ओर से सम्मानित किया।