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राजस्थान ने अन्य राज्यों के लिए उदाहरण तैयार किया

अब निवेशक सीधे किसानों से जमीन खरीदेंगे
अहतेशाम कुरेशी - 2010-09-20 13:40
जयपुरः राजस्थान सरकार ने एक ऐसा कानून बनाया है, जो अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बनने का काम करेगा। उस कानून के तहत अब उद्योगपति किसानों से सीधे जमीन ख्रीद सकेंगे। यह राज्य के हदबंदी कानून में बदलाव करके संभव बनाया गया है।

सलमान के बयान पर हंगामा क्यूं है बरपा

अवधेश कुमार - 2010-09-18 13:35
सलामान खान ने स्वयं अपने बयान के लिए क्षमा मांग ली है। उनके पिता सलीम खान ने भी ऐसा ही किया है। सलमान ने कहा है कि उनके वक्तव्य से किसी को भी कश्ट पहुंचा है तो उनके लिए वे बार-बार क्षमा मांगते हैं। इसके बाद 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए हमले के संदर्भ में उनके बयान पर मचा हंगामा लगभग समाप्त हो गया है।

उमर से सरकार नहीं संभल रही है

उग्रवादी हावी होते जा रहे हैं
कल्याणी शंकर - 2010-09-17 13:32
जब उमर अब्दुल्ला ने पिछले विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, तो उसे समय कश्मीर को लेकर आशा का माहौल था। विधानसभा चुनाव में भारी संख्या मंे लोगों ने हिस्सा लिया था। तब लग रहा था कि युवा मुख्यमंत्री राज्य में शांति बनाने और विकास की गति को आगे बढ़ाने में सफल हो जाएंगे। लेकिन पिछले जून से जो कुछ भी वहां हो रहा है, वह अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। कहने की जरूरत नहीं कि वह संकट सरकार की विफलता के कारण पैदा हुआ है।

अनंतकुमार ने मंत्रियों का मजाक उड़ाया

मुख्यमंत्री को मुत्रिमंडल में फेरबदल की खुली छूट
एल एस हरदेनिया - 2010-09-16 13:29
भोपालः भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और मध्यप्रदेश के पार्टी प्रभारी ने उस समय फिर एक नया विवाद खड़ा कर दिया, जब उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल से शराबी और अय्याश मंत्रियों का निकाल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में अनेक मंत्री ऐसे हैं जो जमकर पीते हैं और देर सुबह तक सोए रहते हैं। उनके पास पार्टी कार्यकर्त्ताओं व आमलोगों से मिलने का समय नहीं है। ऐसे लोगों को मंत्रिमंडल से निकाल दिया जाना चाहिए और उनकी जगह गंभीर लोगों को मंत्रिपरिषद में जगह दी जानी चाहिए।

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर संशय बरकरार

क्या केरल सरकार के सामने झुकेगा टेकॉम
पी श्रीकुमारन - 2010-09-14 13:24
तिरुअनंतपुरमः क्या स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट हकीकत बन पाएगा? अथवा यह लाल फीताशाही का शिकार हो जाएगा? इन सवालों का जवाब इसी 15 सितंबर को मिल जाएगा।

जाति जनगणना हकीकत बनी

इससे जाति अंततः कमजोर ही होगी
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-09-13 13:21
आखिरकार केन्द्र सरकार ने जाति जनगणना का फैसला कर ही लिया। इस तरह की जनगणना के लिए देश भर में राजनैतिक सहमति बन गई थी, लेकिन केन्द्र सरकार खुद असमंजस की शिकार बनी हुई थी। शुरू शुरू में जब शरद यादव, लालू यादव और मुलायम सिंह यादव ने इसकी मांग जोरदार तरीके से की और उन्हें भाजपा के गोपीनाथ मुंडे और बसपा के दारा सिंह सहित तमाम गैर कांग्रेसी पार्टियों का इस मसले पर समर्थन मिला, तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने जाति जनगणना पर अपनी सहमति दे डाली।

मनमोहन के मजबूत संकेत

अब सरकार में उन्हीं की चलेगी
कल्याणी शंकर - 2010-09-10 13:17
संपादकों के सम्मेलन में जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कड़ा रुख अख्तियार किया, तो अनेक लोगों की भौहें तन गईं। आखिर इसका मतलब क्या है? उनके खिलाफ विपक्ष ही नहीं बल्कि मीडिया की ओर से खासी आलोचनाएं हो रही हैं। कांग्रेस के अंदर से भी उनकी सरकार के खिलाफ आलोचना के स्वर उठ रहे हैं। क्या यह माना जाए कि इन आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सब्र का बांध टूट चुका है।

असम की राजनीति में नया मोड़

प्रफुल्ल मोहंता की असम गण परिषद में वापसी
बरुण दास गुप्ता - 2010-09-09 13:12
कोलकाताः प्रफुल्ल कुमार मोहंता की असम गण परिषद (अगप) में वापसी राज्य की एक महत्वपूर्ण राजनैतिक घटना है, जिसका असर राज्य की राजनीति पर पड़ेगा। श्री मोहंता राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अगप के गठन में उनकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्हें पार्टी ने 2005 में पार्टी से निकाल दिया था। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप भी लगाया गया था।

बंद से मणिपुर की अर्थव्यवस्था घ्वस्त

केन्द्र बना हुआ है मूक दर्शक
बरुण दास गुप्ता - 2010-09-08 12:53
कोलकाताः किसी देश पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की अनुमति जरूरी है, लेकिन किसी भारत के किसी राज्य में इसी तरह का प्रतिबंध लगाने के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ती। मुट्ठी भर लोग जब चाहें ऐसा कर सकते हैं।

मायावती के सामने मजबूत विपक्षी चुनौती

कानून व्यवस्था मुख्सय मुद्दा
प्रदीप कपूर - 2010-09-07 12:48
लखनऊः जैसे जैसे 2012 का विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है मुख्यमंत्री मायावती के सामने विपक्षी चुनौतियां भी मजबूत होती जा रही हैं। उन्हें सरकार के स्तर पर ही नहीं, बल्कि अपने संगठन के स्तर पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा को जबर्दस्त सफलता मिली थी, लेकिन आज बसपा सुप्रीमो अपने आपको राजनैतिक रूप से पूरी तरह अलग थलग पा रही हैं। राज्य की सभी पार्टियों से उनका संवाद टूटा हुआ है।