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ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

प्रधान मंत्री ने डलवायी नकेल

System Administrator - 2007-10-20 07:26
भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष अनिल काकोदकर, जो कल तक इस समझौते को भारत के लिए नुकसानदेह बता रहे थे, अचानक बदल गये और कहने लग गये हैं कि वे अंतिम प्रारुप से संतुष्ट हैं।

ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

बदलता मौसम और ...

System Administrator - 2007-10-20 07:21
दुनिया के बदलते मौसम को रोकने के लिए ग्रुप-8 देशों की बैठक में फिर एक बार अपने पुराने संकल्प और आह्वान को दोहराया। इसका सभी ओर स्वागत हुआ है। विश्व बैंक ने भी इसका स्वागत किया है क्योंकि यह भी तो उन्हीं देशों के कब्जे में रहने वाली संस्था है। सबों ने कहा कि

ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

आरक्षण, राजनीति, अन्याय ...

System Administrator - 2007-10-20 07:17
सर्वोच्च न्यायालय की एक खंड पीठ के कल के आदेश से यह साफ हो गया है कि इस अध्ययन सत्र से देश के उच्च शिक्षा के संस्थानों में अन्य पिछड़ी जातियों के लिए 27 प्रति शत आरक्षण लागू नहीं हो पायेगा। यह अलग बात है कि अब तक केन्द्र सरकार इसे लागू करने पर आमादा रही है।

राष्ट्रीय पुनर्निर्माण ...

एक कार्यक्रम की पहल

समाज का कोई भी वर्ग भविष्य के प्रति आश्वस्त नहीं
राजकिशोर - 2007-10-20 07:09
देश इस समय एक भयावह संकट से गुजर रहा है। उदारीकरण के मुट्ठी भर समर्थकों को छोड़ कर समाज का कोई भी वर्ग भविष्य के प्रति आश्वस्त नहीं है। किसान, मजदूर, मध्य वर्ग, छात्र, महिलाएं, लेखक, बुध्दिजीवी सभी उद्विग्न हैं। राजनीतिक दल न केवल अप्रासंगिक, बल्कि समाज के लिए अहितकर, हो चुके हैं। नेताओं को विदूषक बने अरसा हो गया। हर आंदोलन किसी एक मुद्दे से बंधा हुआ है।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

धन कमाइये और सेक्स का मजा ...

भारत का बदलता मिजाज
System Administrator - 2007-10-20 07:05
केन्द्र सरकार आपकी सेवा में हाजिर मिलेगी
धन कमाइये और सेक्स का मजा लीजिए
पिछले लगभग एक दशक से भारत की पूरी राष्ट्रीय सोच की दिशा बदल गयी लगती है। किसी भी कीमत पर धन कमाना और सेक्स के पीछे भागना ही सर्वत्र दिखायी देने लगा है। हमारे समाचार माध्यम और सरकारें इसमें जनता की भरपूर मदद कर रही हैं।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

पिछड़ों की पहचान ...

System Administrator - 2007-10-20 06:59
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कल अपने एक फैसले में आखिर 1931 के आंकड़ों के आधार पर 2007-08 में अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के लिए आईआईटी और आईआईएम जैसे उच्चतर शिक्षा के संस्थानों में आरक्षण लागू करने पर रोक लगा दी।

ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

राष्ट्रपति चुनाव से उभरे सवाल

सांसदों और विधायकों के मत
System Administrator - 2007-10-20 06:54
कुछ मतदान प्रक्रिया से अलग रहे और कुछ ने मानसिक दिवालियेपन का परिचय दिया
भारत में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव संपन्न हो गये परन्तु इसने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं। सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर सांसदों और विधायकों की भी मति क्यों मारी गयी? वे मतदान करने और नहीं करने के अपने मौलिक अधिकार की बात तो करते रहे, लेकिन क्या लोकतंत्र में मतदान करना उनका मौलिक कर्तव्य नहीं था? अनेक सांसदों और विधायकों ने मानसिक दिवालियेपन की हद तक जाकर उन कारणों के आधार पर मत क्यों दिया जिनका राष्ट्रपति चुनाव से कोई लेना देना नहीं? ऐसे और भी अनेक सवाल हैं जो जवाब मांगते हैं।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

जेल और अपराध ...

System Administrator - 2007-10-20 06:51
इस समय दुनिया एक विशेष तरह की वीभत्स पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रही है जिसमें जीवन के अधिकांश पक्षों की योग्यता, श्रेष्ठता और वांछनीयता के लिए पूंजी या धन को ही सर्वोच्च मानदंड माना जा रहा है। इस समाज ने अधिकांश कार्यों के लिए न्यूनतम धन का निर्धारण किया है जिससे कम धन वालों को अयोग्य करार दिया जाता है –
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

दिल्ली का संकट ...

System Administrator - 2007-10-20 06:49
दिल्ली की बदहाली के लिए बाहर से आने वाले लोगों, विशेषकर बिहार और उत्तर प्रदेश से, को दोषी ठहराने वाले अपने बयान पर मुख्य मंत्री शीला दीक्षित ने माफी मांग ली, लेकिन इससे मूल मुद्दा खत्म नहीं होता। लोक सभा में उनके बयान पर हंगामा होने और सदन में उन्हें तलब किये जाने के बाद उनके पास माफी मांगने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया था, लेकिन दिल्ली की बदहाली के लिए उनकी सरकार को माफ नहीं किया जा सकता।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

बीस रुपये से भी कम पर गुजारा

System Administrator - 2007-10-20 06:41
अर्थशास्त्री प्रधान मंत्री के कार्यकाल में भारत में गरीबों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे भी ज्यादा आश्चर्य यह कि डा. मनमोहन सिंह देश के विकास के नाम पर अभी भी अपनी पीठ थपथपाते हैं। कहते हैं कि उनकी आर्थिक नीतियां ही सही हैं। उधर करोड़ों लोग दाने - दाने को तरस रहे हैं।