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भारत: मध्य प्रदेश

व्यापम की भेंट चढ़ा विधानसभा का सत्र

सदन मे आई घूसेबाजी की नौबत
एल एस हरदेनिया - 2015-07-25 15:38 UTC
भोपालः व्यापम घोटाले की भेंट एक और सत्र हो गया। मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 20 जुलाई को शुरू हुआ। अपने तय कार्यक्रम के अनुसार उसे 31 जुलाई तक चलना था। लेकिन सदन की तीन बैठकों के बाद ही इसे 22 जुलाई को समाप्त कर दिया गया।
भारत

संसद ठप होने से लोकतंत्र को नुकसान

बहस रोकने से करदाताओं के पैसे की होती है हानि
कल्याणी शंकर - 2015-07-24 13:42 UTC
मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल में एक संसद के सत्र के दौरान एक चुटकुला बहुत ही लोकप्रिय हो चला था। वह चुटकुला यह था कि संसद का सत्र मैगी के दो मिनट में तैयार वाले समय तक ही चलता था। लेकिन अब दो मिनट में तैयार होने वाली मैगी पर संकट आ गया है, तो अब कोई दूसरा चुटकुला ढूंढ़ना पडेगा।
भारत

सुषमा को मंत्री पद से हटाने का मामला

भाजपा इसे प्रतिष्ठा का सवाल न बनाए
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-07-23 13:20 UTC
भारतीय जनता पार्टी अपने मंत्री और मुख्यमंत्री नेताओं के पर भ्रष्टाचार के लग रहे आरोपों के बाद जिस तरह से आक्रामक मुद्रा में आ गई है, उससे तो यही लगता है कि दूसरों को भ्रष्ट साबित कर वह अपने भ्रष्टाचार को न्यायसंगत ठहरा रही है। दूसरों के चेहरे कीचड़ से सने हैं, इसके कारण आपका कीचड़ से सना चेहरा बहुत सुंदर हो जाता, यह कोई नहीं मानता है, लेकिन भाजपा के नेता इसी भ्रम में पड़े हुए हैं। इसके कारण ही वे अपने उन नेताओं के बचाव में बहुत ही आक्रामक तरीके से आ गए हैं। इस तरह की आक्रामकता का क्या हश्र होता है, उसे पिछले लोकसभा चुनाव से सीखना चाहिए। मनमोहन सिंह सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान कांग्रेस लगभग इसी तरह की आक्रामकता का सहारा लेती थी। जब यूपीए सरकार के मंत्रियों के भ्रष्टाचार पर चर्चा होती थी तो वह भाजपा के कर्नाटक सरकार के भ्रष्टाचार का गाना गाने लगती थी। जब सोनिया गांधी के दामाद पर अंगुली उठती थी, तो अटल बिहारी वाजपेयी के दामाद की ओर उसकी अंगुली उठने लगती थी।
भारत: तमिलनाडु

जया विरोधी दल कर रहे हैं सत्ता के लिए आपस में होड़

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी सबकी नजर
एस सेतुरमन - 2015-07-22 12:32 UTC
अगले साल के मई महीने में तमिलनाडु में विधानसभा के आम चुनाव होने हैं। अब उसके 9 महीने रह गए हैं। करुणानिधि की डीएमके और अन्य विपक्षी पार्टियां उस चुनाव के बाद सत्ता हासिल करने के लिए आपस में ही होड़ कर रही हैं। उधर मुख्यमंत्री जयललिता के बारे में कहा जा रहा है कि प्रदेश की जनता पर उनकी पकड़ बहुत मजबूत है और उन्हें हराना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा।

केरल सीपीआई प्रमुख ने शुरू की सेकुलरिज्म पर बहस

वामपंथी दलों की दी मुस्लिम तुष्टीकरण से बचने की नसीहत
पी श्रीकुमारन - 2015-07-21 13:01 UTC
तिरुअनंतपुरमः सीपीआई के केरल प्रदेश सचिव ने सेकुलरिज्म पर एक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है और इसके कारण प्रदेश में वामपंथी खेमे में एक बड़ी बहस शुरू हो गई है। वामपंथी खेमे के बाहर के लोग भी इस बहस में शामिल हो गए हैं, लेकिन वामपंथियों में तो इसे लेकर मंथन का एक दौर शुरू हो गया है।
भारत

संसद का मानसून सत्र

जाति जनगणना और भ्रष्टाचार के मामले छाये रहेंगे
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-07-20 16:56 UTC
मोदी सरकार के लिए संसद का मानसून सत्र भारी पड़ रहा है। सरकार के एक साल पूरा होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शान से कहा था कि उनकी सरकार के पहले साल की सबसे बड़ी उपलब्धि भ्रष्टाचार मुक्त शासन की रही है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भी श्री मोदी ने दावा किया था कि उनकी सरकार में भ्रष्टाचार नहीं चल रहा है। दिल्ली के लोगों ने उनकी बात को माना या नहीं, यह तो कहा नहीं जा सकता, लेकिन भ्रष्टाचार के मसले पर अरविंद केजरीवाल नरेन्द्र मोदी से ज्यादा विश्वसनीय दिखाई पड़े और दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल को ही पसंद किया और भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली में ऐसी हार का सामना करना पड़ा, जो उसके विरोधियों के लिए भी अविश्वसनीय था।
भारत

सोनिया की इफ्तार पार्टी

राजनीति और दिखावे का मिश्रण
कल्याणी शंकर - 2015-07-17 16:11 UTC
सोनिया गांधी द्वारा पिछले दिनों दी गई इफ्तार पार्टी क्या सफल रही? इसके बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हालांकि उनके समर्थक दावा कर रहे हैं कि गिलास आधा भरा हुआ था। उनके कहने का मतलब है कि वह 50 फीसदी सफल रही। दूसरी ओर सोनिया के विरोधियों को गिलास आधा दिखाई दे रहा है। इन दावों में कुछ खास नहीं रखा हुआ है। असल चीज जो मायने रखती हे, वह यह है कि इफ्तार पार्टी के बाद किस तरह तरह की गतिविधियां तेज हुई हैं।
भारत

ओबीसी आंकड़े बनेंगे बिहार में चुनावी मुद्दा

भाजपा का दिल्ली वाला हश्र हो सकता है वहां
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-07-16 16:54 UTC
बिहार में लालू यादव ने जाति के आंकड़े को एक बड़ा मुद्दा बनाने में सफलता पा ली है। नीतीश कुमार इस मसले पर शुरू में स्पष्ट नहीं थे, लेकिन अब उन्होंने भी इस आंकड़ों को सार्वजनिक करने को एक चुनावी मुद्दे के रूप में देखना शुरू कर दिया है। जिस रोज दिल्ली में नीति आयोग की बैठक हो रही थी, उस दिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जाति के आंकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग कर दी है। यदि इसे सार्वजनिक नहीं किया गया, तो चुनावों मंे इसे एक बड़ा मुद्दा बनने से कोई रोक नहीं सकता।

भारत में औद्योगिक उत्पादन को बड़ा बढ़ावा मिले

घरेलू मांग बढ़ाकर विकास दर बढ़ाया जा सकता है
के आर सुधामन - 2015-07-15 15:35 UTC
केन्द्र सरकार का ’’मेक इन इंडिया‘‘ अभियान भले ही जोर नहीं पकड़ पा रहा हो, लेकिन इसने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। इसका प्रमाण अर्थव्यवस्था की विकास दर में देखी जा रही वृद्धि है। केन्द्र सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद विकास की वृद्धि को मापने का तरीका बदल दिया है और कुछ लोग इसके कारण जारी की जा रही विकास दरों के आंकड़ों पर सवाल खड़े कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहतर हो रही है और इसके कारण भविष्य में और भी तेज विकास की उम्मीद की जा सकती है। इस साल विकास की दर का अनुमान साढ़े सात फीसदी लगाया जा रहा है, लेकिन यदि यह दर 8 फीसदी तक पहुंच जाय, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
भारत

विकास की राजनीति: अदानी के मसले पर असमंजस में सरकार

पी श्रीकुमारन - 2015-07-14 15:36 UTC
तिरुअनंतपुरमः विझिंजम बंदरगाह का मामला केरल सरकार के गले की हड्डी बन गया है। उसे निर्णय करने में समस्या हो रही है कि अदानी को वह बंदरगाह अवार्ड किया जाना सही है या नहीं।