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भारत

भोपाल की बैठक में तीस्ता पर मुकदमे की निंदा

दंगा प्रभावितों के लिए लड़ना गैर कानूनी नहीं
एल एस हरदेनिया - 2015-08-07 10:50 UTC
भोपालः पिछले दिनों प्रदेश की राजधानी में सामाजिक कार्यकत्र्ता तीस्ता शीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद के खिलाफ चलाए जा रहे मुकदमों पर चर्चा के लिए एक बैठक हुई। बैठक में, बुद्धिजीवियों, राजनीतिज्ञों, सामाजिक कार्यकत्र्ताओं, शिक्षाशास्त्रियों, साहित्यकारों और पत्रकारों ने हिस्सा लिया। उस बैठक में सीबीआई द्वारा तीस्ता और जावेद के खिलाफ चलाए जा रहे मुकदमों की निंदा की गई और फैसला किया गया कि इसी तरह की बैठक देश के अन्य शहरों में भी आयोजित की जाएगी।
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गुरदासपुर हमले का पहला सवाल

इसके पीछे कौन?
बी के चम - 2015-08-07 10:48 UTC
गुरदासपुर मे हुए आतंकी हमले ने न केवल पंजाब के लिए, अपितु पूरे देश के लिए अनेक सवाल खड़े कर दिए हैं। मारे गए तीनों आतंकियों के पास से जो सामान बरामद हुए हैं, उनसे स्पष्ट है कि वे तीनों पाकिस्तान से आए थे। लेकिन वे क्या पाकिस्तान के नन स्टेट खिलाड़ी थे या वे पाकिस्तान के सत्ता प्रतिष्ठान के समर्थन से भारत में आए थे? या वे आईएसआईएस के आतंकवादी थे? गौरतलब हो कि अभी यह प्रकाश में आया है कि आईएसआईएस ने भारत पर पूरी तरह से हमला करने का फैसला किया है। यह खबर अमेरिका के एक मीडिया संस्थान ने जाहिर की थी। या यह हमला पाकिस्तानी आईएसआई की उस योजना का हिस्सा है, जिसके तहत पंजाब में फिर खालिस्तानी आंदोलन को उभारने की कोशिश की जा रही है?
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सूचना प्रवाह को रोकने की सरकारी कवायद

एम.वाई. सिद्दीकी - 2015-08-07 10:43 UTC
भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक आदेश ने सरकार के तानाशाही रवैये की ताकीद कर दी है आदेश में यह कहा गया है कि गृह मंत्रालय के अधिकारियों के चैंबर में पत्रकारों को जाने की इजाजत नहीं होगी, यदि अधिकारी को किसी तरह की सूचना प्रैस को देनी होगी तो वह विभाग के सूचना अधिकारी के कमरे में आकर अपनी बात मीडिया के समक्ष रख सकेंगे। सरकार का यह फैसला भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकारों को मंत्रालय के खबरों के प्रवाह से दूर करने की चाल है। इससे सूचना का प्रवाह प्रभावित होगा और भारतीय लोकतंत्र के मर्यादाओं को ठेस लगेगी, क्योंकि मीडिया में आने वाली खबरें जनता और सरकार के बीच सेतु का कार्य कर रहे पत्रकारों के माध्यम से ही सामने आ पाती हैं। ऐसे में हम जिस लोकतंत्र की बातें करते हैं जहां जनता सरकार की स्वामी है, सत्ता की चाबी उसी के पास है उसके अधिकारों का सीधा-सीधा हनन होगा और यह प्रैस की स्वतंत्रता पर प्रश्न खड़ा करेगा?
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दो मौतों की कहानी: कलाम के लिए सभी ने मातम मनाया

हरिहर स्वरूप - 2015-08-07 10:38 UTC
पिछला वृहस्पतिवार एक कष्टदायी दिन था। उस दिन दो अलग अलग तरह के मुसलमान को दफनाया गया था। नागपुर के जेल में याकूब अब्दुल रजाक मेमन नाम के एक मुस्लिम को फांसी पर लटकाया गया और उसे उसी दिन दफना भी दिया गया। याकूब को फांसी दिए जाने के कुछ समय बाद ही रामेश्वरम में अबुल फकीर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम को पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ दफनाया गया। मेमन को फांसी पर चढ़ते हुए किसी कैमरा को फोटो या विडियो सूट करने की इजाजत नहीं दी गई, लेकिन कलाम की अन्त्येष्टि को देश भर में दिखाया गया।
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उत्तर प्रदेश किसान सभा करेगी आंदोलन

किसानों की आत्महत्या रुकने का नाम नहीं ले रही
प्रदीप कपूर - 2015-08-01 11:21 UTC
लखनऊः उत्तर प्रदेश किसान सभा ने अखिलेश सरकार की उदासी के कारण किसानो की बढ़ती दुर्दशा के प्रति चेतना फैलाने के लिए प्रदेश भर में आंदोलन करने का निर्णय किया है।
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पाकिस्तान के साथ बातचीत रोकने का कोई मतलब नहीं

गुरदासपुर हमले के बाद हमारा संकल्प और मजबूत होना चाहिए
कल्याणी शंकर - 2015-07-31 16:55 UTC
पिछले सोमवार को गुरदासपुर में हुए आतंकी हमले के बाद हमारी आंतरिक सुरक्षा और बाहरी खतरे से संबंधित चिंताएं और गहरी हो गई हैं। दिन के उजाले में आतंकवादी सीमा पार से हमारे देश में आ धमके और हमारो नागरिकों और पुलिस को मार गिराया। यह हमारे लिए खतरे की घंटी है और इसके बाद हमें अपने खुफिया और सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की चुनौती पेश करता है।
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मोदी ने चुनावी लड़ाई के लिए संसद की उपेक्षा की

ताकत के आक्रामक तेवर से राज्य व्यवस्था को नुकसान
एस सेतुरमन - 2015-07-30 11:13 UTC
मोदी सरकार के लिए क्या अच्छा और क्या खराब चल रहा है? इसका शासन दूसरे साल में प्रवेश कर गया है। पर एक साल में ही मतदाताओं की अनेक अपेक्षाएं धूल धूसरित हो गई हैं। इसके कारण देश का राजनैतिक माहौल खराब होता जा रहा है। सामाजिक उथलपुथल तेज हो गई है। शिक्षा और संस्कृति की संस्थाओं का भगवाकरण हो रहा है और सरकार तानाशाह की तरह काम कर रही है।
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नरेन्द्र मोदी की मुजफ्फरपुर रैली

लालू और नीतीश के मर्मस्थल पर हमला
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-07-29 13:17 UTC
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेन्द्र मोदी की यह पहली बिहार यात्रा थी। यात्रा के दौरान उन्होंने मुजफ्फरपुर में एक सभा को संबोधित किया, जो वास्तव में एक चुनावी सभा ही थी और श्री मोदी का भाषण पूरी तरह से चुनावी ही था। दिल्ली विधानसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी का जादू नहीं चला था। सवाल उठ रहा है कि क्या बिहार विधानसभा चुनाव में उनका जादू चलेगा या वहां भी दिल्ली ही दुहरा दी जाएगी। इस सवाल का जवाब मुजफ्फरपुर की रैली में मिल गया है। दिल्ली में श्री मोदी को केजरीवाल के खिलाफ बोलने के लिए कुछ मिल नहीं रहा था, इसलिए उनके भाषण में वह तेज नहीं था, जिसके कारण लोकसभा चुनाव में उनकी जीत हुई थी। जब आपके पास किसी के खिलाफ बोलने के लिए कुछ भी नहीं हो, फिर भी आप उसके खिलाफ कुछ बोलें, तो आप दयनीय हो जाते हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेन्द्र मोदी के भाषणों की दयनीयता को महसूस किया जा सकता था।
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संसद के कामकाज को ठप कराना अनुचित

सोनिया और राहुल को इससे कोई फायदा नहीं होगा
अमूल्य गांगुली - 2015-07-28 14:13 UTC
कांग्रेस के अंदर भाजपा की आत्मा समा गई है। जब पिछली सरकार में कांग्रेस सत्ता में थी, तो भारतीय जनता पार्टी संसद नहीं चलने देती थी। आज जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है, तो कांग्रेस संसद को चलने नहीं दे रही है। यह कांग्रेस की अदूरदर्शिता के अलावा और कुछ भी नहीं है। इससे उसका नुकसान ही हो रहा है। उसने माल और सेवा कर कानून की राह में भी अडं़गे लगाने शुरू कर दिए हैं, जबकि अपने कार्यकाल में उसी ने यह कानून बनाने की शुरुआत की थी। यह कानून लोकहित में है और इसमें अड़ंगा डालकर वह लोगों का भी नुकसान कर रही है।
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केरल में भाजपा की योजना पर पानी फिरा

सीपीएम ने नुकसान रोकने के लिए उठाए कदम
पी श्रीकुमारन - 2015-07-27 11:49 UTC
तिरुअनंतपुरमः अरुविक्कारा विधानसभा क्षेत्र में पिछले दिनों हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 34 हजार से भी ज्यादा मत प्राप्त हो गए थे। उससे उत्साहित होकर भाजपा ने केरल में तीसरे मोर्चे के गठन का प्रयास शुरू कर दिया था। गौरतलब है कि इस समय प्रदेश की राजनीति एलडीएफ और यूडीएफ के बीच बंटी हुई है और किसी तीसरे मोर्चे के लिए जगह नहीं बन पा रही है।