एक निस्तेज रेल बजट
चुनावी दबाव में बंसल के बंधे हाथ
2013-02-26 11:07
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पवन कुमार बंसल द्वारा पेश किया गया रेल बजट यदि निस्तेज दिखाई पड़ रहा है, तो इसका एक कारण भारतीय रेल की अपनी अंदरूनी दुर्दशा है और दूसरा कारण आने वाले महीनों और साल में होने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव। श्री बंसल के पास देश के लोगों यानी रेल यात्रियों के पास देने के लिए कुछ भी नहीं था, क्योंकि रेल की माली हालत खराब है और यह घाटे में चल रही है। खुद रेल मंत्री का अनुमान है कि 13वीं पंचवर्षीय योजना में रेल का आपरेटिंग घाटा 25 हजार 6 सौ करोड़ होगा।