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शहीद के गांव नेताओं के कारवां

नेताओं का पहला दायित्व गुस्से को युद्धोन्माद बनने से रोकना है
अवधेश कुमार - 2013-01-19 18:25
हमारे राजनेता किसी शहीद सैनिक के घर जाएं, उनके परिवार की पीठ पर हाथ रखें इससे किसी को आपत्ति नहीं हो सकती। इसलिए शहीद लांसनायक हेमराज या लांसनायक सुधाकर के परिवार को नेताओं द्वारा सम्मान देना सामान्यतः उचित मानना चाहिए। देश का नेतृत्व करने के नाते यह उनका दायित्व भी है। किंतु इसमें स्वाभाविक संवेदनशीलता तथा ईमानदारी दिखनी चाहिए।

कांग्रेस को आत्ममंथन की सख्त जरूरत

क्या चिंतन शिविर में कांग्रेस ऐसा कर पाएगी?
कल्याणी शंकर - 2013-01-18 13:25
आखिर कांग्रेस की बीमारी क्या है? सबसे बड़ी बीमारी तो संवादहीनता की स्थिति है, जो इसकी वर्तमान हालत के लिए जिम्मेदार है। एक समय था, जब कोई भी कांग्रेसी कार्यकत्र्ता किसी नेता के घर जाकर आसानी से उससे मिल सकता था। लेकिन अब यह अतीत की बात हो गई है। अब नेता जनता से दूर होते जा रहे हैं और उन्होंने अपने आपको अपने सुरक्षित बंगले में कैद कर रखा है। वे लोगों से नहीं मिलते। अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी नहीं मिलते।
चुनावी चुनौतिओं से निबटने के लिए षुरू हुई कांग्रेस की चिंतन बैठक

सोनिया ने दी युवा प्रतिनिधिओं को नसीहतें

एस एन वर्मा - 2013-01-18 12:33
जयपुर। यूपीए सरकार को हर मोर्चे पर मिली नाकामिओं के कारण जनता में गिर रही कांग्रेस की साख को बचाने की जद्दोजहद आज से जयपुर में शुरू हो गयी है। बहुप्रतिक्षित कांग्रेस का दो दिवसीय चिंतन बैठक सोनिया के हुंकार व नसीहत भरे भाषण से प्रारंभ हुआ । इस चिंतन शिविर में भाग लेने वाले नेताओं को पांच विषयों पर माथापच्ची करते हुए कांग्रेस को सशक्त करने और आने वाले चुनावों का सामना करने के लिए बलशाली बनाने के उपाए बताने हैं। नेताओं को बेखौफ हो कर अपनी राय व्यक्त करने को कहा गया है। युवाओं के हाथों में कमान सौंपने के लिए बुजुर्ग नेताओं की अध्यक्षता में विचार विमर्श शुरू हो गया है।

'कोल्ड हॉरर' से गुंडागर्दी तक

बद से बदतर की ओर बंगाल
अमूल्य गांगुली - 2013-01-17 13:25
राजनीति किस तरह की जा रही है, इसका पता लगाना है, तो पश्चिम बंगाल की राजनीति को देख लीजिए, जो ’’कोल्ड हॉरर’’ से गुंडागर्दी की ओर बढ़ चुकी है। जब नंदीग्राम में भयंकर हिंसा हुई थी, तो उस घटना को उस समय के राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने कोल्ड हॉर कहा था। अब पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति को देखकर वर्तमान राज्यपाल एम के नारायणन इसे गुंडागर्दी बता रहे हैं।

चौटाला के घोटाले पर विलंबित फैसला

भ्रष्टाचार के मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में क्यों नहीं?
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-01-16 13:44
शिक्षक भर्ती घोटाले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को एक सीबीआई अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद बाद भ्रष्टाचार से आहत देश का एक बहुत बड़ा समुदाय राहत की सांस ले रहा है। यह पहला मौका है, जब मुख्यमंत्री के पद का दुरुपयोग करते हुए भ्रष्टाचार मे लिप्त पाए गए किसी राजनेता को किसी अदालत द्वारा दोषी पाया गया है।

जब पूरा समाज ही सन्निपात से ग्रस्त हो जाए

तो पुलिस, प्रशासन और अस्पतालों को संवेदनशील कौन बनाए?
अवधेश कुमार - 2013-01-12 17:02
क्या हमारे आपके शब्दकोष मे ऐसे शब्द हैं जिनसे 16 दिसंबर की सामने आई आपबीती को परिभाषित किया जाए। मृतका के दोस्त ने हमारे नागरिक समाज, पुलिस और अस्पताल के रवैये का जो विवरण दिया है उससे तो ह्दयहीन व्यक्ति का कलेजा भी मुंह को आ जाए। दोनों घायल नंगे छटपटाते रहे, लोग आते जाते रहे, रुककर उन्हें देखते भी रहे, पर उन्हें उठाकर अस्पताल पहुंचाने की बात तो दूर किसी ने उनके नंगे बदन पर कपड़ा तक डालने की जहमत नहीं उठाई।

क्या राष्ट्रपति शासन से हल हो पाएगा झारखंड का संकट?

कांग्रेस इंतजार करो और देखो की भूमिका में
कल्याणी शंकर - 2013-01-11 12:45
अर्जुन मुंडा सरकार के इस्तीफे के बाद झारखंड एक बार राजनैतिक संकट के भंवर में फंस चुका है। जब से इस राज्य का निर्माण हुआ है, उसी समय से ही यहां राजनैतिक अस्थिरता का माहौल रहा है। यहां अब तक दो बार लंबे समय के लिए राष्ट्रपति शासन का दौर रह चुका है। यदि किसी सरकार का गठन नहीं हुआ, तो एक बार फिर यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।

बलात्कार के लिए फांसी की सजा की मांग एक राजनैतिक स्टंट है

अब तो गांधीवादी भी फांसी की मांग कर रहे हैं
अमूल्य गांगुली - 2013-01-10 17:49
सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद देश में चारों तरफ से फांसी बलात्कारियों के लिए फांसी की मांग उठ रही थी। गांधीवादी अन्ना हजारे भी कह रहे थे कि बलात्कारियों को सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उत्तेजना की समाप्ति के बाद अब शांति से इस मसले पर विचार किए जाने की जरूरत है।

झारखंड में अब क्या होगा?

चाभी लालू के हाथ
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-01-09 13:12
झारखंड में इतिहास ने एक बार फिर अपने आपको दुहराया है। वहां फिर सरकार का पतन हो गया है और एक नई सरकार के गठन की कवायद चल रही है। बिहार से अलग एक नये राज्य की मांग के पीछे इस क्षेत्र का विकास सबसे बड़ा तर्क था, लेकिन गठन के बाद ही यहां राजनैतिक अनिश्चय का माहौल बन गया और यह माहौल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। इसके कारण इसका विकास प्रभावित हुआ है। जहां बिहार 13 फीसदी प्रति साल की दर से विकास कर रहा है, वहीं झारखंड एक अदद सरकार के लिए हमेशा संघर्ष करता दिखाई पड़ रहा है।

नारायण दत्त तिवारी एक नई भूमिका में

अब वे समाजवादी पार्टी की बढ़ाएंगे ताकत
प्रदीप कपूर - 2013-01-08 16:21
लखनऊः उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने अब अपने लिए एक नई भूमिका चुन ली है। कांग्रेस द्वारा उपेक्षित किए जाने के बाद अब वे मुलायम सिंह के साथ जुड़ गए हैं और वे आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जिताने के लिए काम करेंगे।