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प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी की ओर मोदी के बढ़ते कदम

नीतीश कुमार को अब अपनी राह अलग करनी होगी
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-06-10 10:22
आडवाणी द्वारा किए गए जबर्दस्त विरोध के बावजूद नरेन्द्र मोदी अपनी पार्टी के चुनाव अभियान समिति के चेयरमैन का पद हासिल करने में सफल रहे। यह पद इतना ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं होता है कि यह चर्चा का इतना बड़ा विषय बने। पर आज के माहौल में नरेन्द्र मोदी से जुड़ी छोटी बातें भी बड़ी बहस का विषय बन जाती है।

मोदी को मोर्चे के आगे रखने की रणनीति

उत्तर प्रदेश भाजपा लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी
प्रदीप कपूर - 2013-06-08 10:01
लखनऊः चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों से उत्साहित होकर भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी है। गौरतलब है कि पिछले दिनों किए गए कुछ सर्वेक्षणों में भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस के ऊपर भारी दिखाई गया था।

मोदी और आडवाणी के द्वंद्व के पीछे

भाजपा के लौहपुरुष की प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा है बरकरार
कल्याणी शंकर - 2013-06-08 01:58
गोवा की भाजपा कार्यकारिणी ने 11 साल पहले नरेन्द्र मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री बने रहने की इजाजत दी थी। वैसे उस समय अटल बिहारी वाजपेयी नरेन्द्र मोदी को गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को लेकर उत्साहित नहीं थे। पर भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने नरेन्द्र मोदी के गुजरात मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफे की पेशकश को ठुकरा दिया था और नरेन्द्र मोदी उस पद पर बने रहे। वह 2002 की घटना थी।

नक्सल प्रभावित जिलों में बेरोजगारों के लिए रोशनी कार्यक्रम

एस एन वर्मा - 2013-06-07 09:32
नई दिल्ली। नक्सल प्रभावित जिलों में बेरोजगार तथा भटके हुए युवकों और युवतिओं को राह पर लाने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने रोशनी कार्यक्रम की आज शुरूआत की। पहले चरण में देश के नक्सल प्रभावित 82 जिलों में से 24 जिलों के 50 हजार बेरोजगार युवकों व युवतिओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

महाराज गंज में जद(यू) की हार

मोदी का विरोध भारी पड़ा नीतीश को
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-06-06 15:28
बिहार के महाराजगंज लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में जद(यू) उम्मीदवार की करारी हार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। यह सच है कि यहां पिछले लोकसभा आमचुनाव में भी उनके दल के उम्मीदवार की हार हुई थी, लेकिन वह हार महज 27 सौ वोटो से ही हुई थी, पर इस उपचुनाव में उनके दल का उम्मीदवार 1 लाख 37 हजार से भी ज्यादा मतों से हारा।

अन्ना हजारे का उत्थान और पतन

सत्याग्रह जब खुराफाती लगने लगा
अमूल्य गांगुली - 2013-06-05 09:55
अन्ना हजारे की सक्रियता का बुखार उतर गया है। इसमें टिकने की शक्ति थी ही नहीं। इसका पता तो उसी समय लग गया था, जब आंदोलन का स्थान दिल्ली से बदलकर मुंबई कर दिया गया था। यह दिसंबर 2011 की घटना थी। उस समय अन्ना के आंदोलन में उतने लोग नहीं उमड़ रहे थे, जितने उसी साल अगस्त और मई के आंदोलन में दिखाई पड़े थे। मुंबई के बांद्रा कुर्ला परिसर मैदान में अन्ना का वह आंदोलन शुरू हुआ था और उसका एक बड़ा हिस्सा खाली दिखाई पड़ रहा था।

बस्तर के खून खराबे का सच

दशकों की उपेक्षा ने माओवाद पैदा किया है
हरिहर स्वरूप - 2013-06-04 10:14
बस्तर के आदिवासियों के दशकों से हो रहे शोषण ने आज वहां वह समस्या पैदा की है, जिसे हम माओवादी उग्रवाद कहते हैं। कुछ दिन पहले इस उग्रवाद के शिकार 29 लोग हुए, जिनमें कांग्रेस के नेता महेन्द्र कर्मा, छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नन्द कुमार पटेल और उनके एक बेटे मारे गए। एक अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विद्या चरण शुक्ल उस हमले में बुरी तरह घायल हुए हैं और जिंदगी व मौत के बीच गुड़गांव के एक अस्पताल में जूझ रहे हैं।

बीसीसीआई बन गया है भ्रष्टाचार का अड्डा

सरकारी दखल से ही इसकी सफाई को सकती है
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-06-03 10:35
पिछले 2 जून को बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) की बैठक में जो कुछ हुआ वह अप्रत्याशित नहीं था। यह तो टीवी चैनलों द्वारा खबरों में सनसनी पैदा करने की आदत है, जिसके कारण लग रहा था कि श्रीनिवासन इस्तीफा दे देंगे अथवा उनपर बर्खास्तगी का खतरा उस बैठक में मंडराता दिखाई पड़ेगा।

मनमोहन सिंह की जापान यात्रा से चीन को क्यों मिर्ची लगी?

वह प्रशांत और हिंद महासागर में अपना एकछत्र राज चाहता है
नंतू बनर्जी - 2013-06-01 09:59
भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिह जापान दौरे के दौरान चीन की प्रतिक्रिया बहुत ही तीखी रही। भारत और जापान दोनों के रिश्ते बेहतर हों, यह दोनों का आपसी मामला है, पर चीन नहीं चाहता कि दोनों एक दूसरे के ज्यादा करीब आए और वह भारत को इसके लिए चेतावनी दे रहा है। यह तो एक किस्म की दादागिरी है, जो भारत के लिए बहुत ही आपत्तिजनक होनी चाहिए।

खराब रिकार्ड के साथ यूपीए मांगेगा जनादेश

चुनावी विवशताएं अब सुधार एजेंडे को बढ़ने नहीं देंगी
एस सेतुरमन - 2013-05-31 11:17
यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल की उपलब्धियां पहले कार्यकाल की उपलब्धियों के आगे कहीं नहीं ठहरतीं। इसमें कोई शक नहीं है कि दूसरे कार्यकाल की शुरुआत जब यूपीए सरकार ने की थी, तो उस समय भारत भी विश्वव्यापी आर्थिक संकट के आगोश में आ गया था। इसके कारण दुनिया के अन्य देशों की तरह यह भी अपने राजकोषीय असंतुलन को संतुलित करने के लिए संघर्ष कर रहा था।