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बिहार को पिछड़ा घोषित करने का खेल

नीतीश यूपीए मिलकर धूल झोंक रहे हैं
नन्तू बनर्जी - 2013-03-31 04:55
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पता है कि वर्तमान यूपीए सरकार के पास बिहार को पिछड़ा राज्य का दर्जा देने की ताकत ही नहीं है। यूपीए सरकार को भी इस तथ्य की जानकारी है। इसके बावजूद दोनों बिहार को पिछड़ा राज्य घोषित करने अथवा विशेष राज्य का दर्जा देने और विशेष पैकेज देने की बातें कर रहे हैं। ऐसा करके वे लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।

तीसरे मोर्चे की हकीकत

इसका रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है
कल्याणी शंकर - 2013-03-31 04:48
कांग्रेस और भाजपा को बाहर रखते हुए अन्य पार्टियों द्वारा आपस में मिलकर मोर्चा बनाने का प्रस्ताव नया नहीं है। इस तरह के प्रस्ताव जब तब आते रहे हैं। इस बार समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह तीसरे मोर्चे के गठन की बात कर रहे हैं। सांगली की एक सभा में उन्होंने कहा कि सामाजिक बदलाव में लगी पार्टियों को आपस में मिलकर एक मोर्चा बनाना चाहिए। उन्होंने अपने इस प्रस्ताव में महाराष्ट्र, बिहार और अपने उत्तर प्रदेश की पार्टियों का नाम लिया।

मोदी का विकास कार्ड

सांप्रदायिकता से विकास की ओर मुड़ने की रणनीति नर्इ नहीं
अमूल्य गांगुली - 2013-03-28 11:48
नरेन्द्र मोदी द्वारा सांप्रदायिकता से हटकर विकास को अपनी रणनीति बनाना कोर्इ पहली घटना नहीं है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। हालांकि मोदी के मामले में यह पूरी तरह एक अलग मामला है। ऐसा उन्होंने इसलिए किया, क्योंकि उन्हें इस बात का अहसास हो गया कि सांप्रदायिकता की रणनीति से उन्हें कुछ हासिल होने वाला नहीं है।

आडवाणी के क्यों कायल हो रहे हैं मुलायम?

भाजपा के अंदर नरेन्द्र मोदी के उभार को रोकने की कोशिश
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-03-26 12:05
मुलायम सिंह यादव करें आडवाणी की प्रशंसा, तो अनेक लोगों की भौंहे तनना स्वाभाविक है, क्योंकि भाजपा नेता आडवाणी की मुख्य राजनैतिक पूंजी बाबरी मस्जिद को ढहाने के लिए जिम्मेदार 1990 की राम रथ यात्रा है, तो मुलायम सिंह यादव की मुख्य राजनैतिक पूंजी उस यात्रा की समाप्ति के बाद अयोध्या में बाबरी मस्जिद को आडवाणी समर्थकों से बचाने के लिए हिंदुओं पर की गई ताबड़तोड़ फायरिंग। एक का नाम बाबरी मस्जिद तोड़ने से जुड़ा हुआ है, तो दूसरे का नाम मस्जिद बचाने के लिए की गई कार्रवाई के लिए।

लोकसभा चुनाव के लिए तैयार हो रहा है उत्तर प्रदेश

सभी पार्टियों की नजर केन्द्र पर
प्रदीप कपूर - 2013-03-25 10:37
लखनऊः केन्द की घटनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश की पार्टियां समय से पहले ही लोकसभा चुनाव की उम्मीद कर रही है। वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल मई, 2014 तक है, लेकिन पार्टियों को लग रहा है कि यह समय से पहले इसी साल के सितंबर या अक्टूबर महीने मंे हो सकते हैं।

लंका विरोधी प्रस्ताव में लिट्टे की ज्यादतियों का जिक्र नहीं

तमिल संकट पर अपने स्वार्थ की रोटियों सेंक रहा है डीएमके
हरिहर स्वरूप - 2013-03-25 09:39
लिबरेशन टाइगर्स आफ तमिल एलम (लिट्टे) अब तक का सबसे अधिक भयावह आतंकवादी संगठन रहा है। दुनिया का किसी अन्य आतंकवादी संगठन ने मानवाधिकारों को उस तरह नहीं कुचला है, जितना लिट्टे ने। अपने 26 साल के इतिहास में इसने न केवल श्रीलंका को बल्कि भारत को भी गहरे जख्म दिए हैं। श्रीलंका के गृहयुद्ध में एक लाख से ज्यादा नागरिकए 22 हजार से ज्यादा जवान और 30 हजार से ज्यादा लिट्टे विद्रोही मारे गए। सुसायड बेल्ट का ईजाद भी लिट्टे ने ही किया।

गुजरात बनाम बिहार मॉडल, किंगमेकर बन सकते हैं नीतीश

कल्याणी शंकर - 2013-03-22 10:24
अब वह जमाना लद गया जब राष्ट्रीय नेता राज्यों में जाकर रैलियों को संबोधित किया करते थे। अब जमाना पलट गया है और उलटी गंगा बहने लगी है। अब क्षेत्रीय नेता जब तब दिल्ली में आते हैं और रैली करके या किसी अन्य तरीके से यहां के लोगों को संबोधित करके अपनी ताकत का अहसास कराके चले जाते हैं।

असम की राजनीति में तूफान के बाद शांति

मुख्यमंत्री गोगोई को हटाने की कोशिश विफल
बरुण दास गुप्ता - 2013-03-22 10:19
कोलकाताः इस महीने के शुरूआत में गौहाटी में इस बात की चर्चा बहुत तेज थी के कुछ कांग्रेस विधायक तरूण गोगोई को मुख्यमंत्री के पद से हटाने के लिए हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं। कहा गया कि वे स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्री हिमन्त बिश्व शर्मा के समर्थक हैं।

सोनिया ने बर्बाद किए कांग्रेस के 15 साल

पार्टी की कीमत पर राहुल को आगे बढ़ाना अनुचित
अमूल्य गांगुली - 2013-03-22 10:11
सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में 15 साल पूरे होने पर कांग्रेसी भले ही उत्सव मना रहे हों, लेकिन इस तरह का उत्सव मनाना कांग्रेस जैसी पुरानी पार्टी को शोभा नहीं देता, क्योंकि लोकतंत्र में इस तरह के उत्सव का कोई स्थान नहीं होना चाहिए, भले ही वह लोकतंत्र सोनिया के दामाद की नजर में एक बनाना लोकतंत्र हो।

नीतीश की अधिकार रैली और उसके बाद

कांग्रेस से जद(यू) के गठबंधन के आसार बढ़े
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-03-19 10:52
नीतीश कुमार द्वारा दिल्ली में आयोजित अधिकार रैली के बाद बदलते घटनाक्रम की परिणति जनता दल (यू) और भाजपा के अलगाव के रूप में हो सकती है। इस रैली के द्वारा नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी पर दबाव बनाना चाह रहे थे कि वह आगामी लोकसभा चुनाव के पहले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में नहीं पेश करे।