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भारत

कनिमोझी के खिलाफ मुकदमे का मामला

डीएमके लड़ेगा कानूनी लड़ाई
एस सेतुरमण - 2011-04-28 20:34
करुणानिधि की बेटी कनिमोझी के खिलाफ 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में अभियोग पत्र दाखिल होने के बाद डीएमके नेता तिलमिला गए हैं। पार्टी के अन्य लोगों को भी बड़ा झटका लगा है। इसे कांग्रस द्वारा किया गया विश्वासघात तक माना जा रहा है। पहली प्रतिक्रिया के रूप में पार्टी के केन्द्र सरकार से समर्थन वापस लेने की बात भी की जाने लगी, लेकिन पार्टी के अंदर के अनेक नेता इसके लिए तैयार नहीं दिखे। वैसे नेताओं में ही करुणानिधि के दोनों बेटे ही शामिल थे। उन दोनों ने आखिर में करुणानिधि को यह समझाने में सफलता पाई कि केन्द्र सरकार से बाहर होना कोई समझदारी का काम नहीं है। फिर तो पार्टी ने फैसला किया कि वह केन्द्र सरकार में बनी रहेगी और कनिमोझी को पाक साफ साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेगी।

कलमाडी की गिरफ्तारी के बाद शीला पर दबाव

इस्तीफे के लिए भाजपा ने डाला दबाव
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-04-28 20:31
राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में सुरेश कलमाड़ी की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के होश उड़ गए हैं। घोटालों के इस खेल में सुरेश कलमाड़ी के अलावा यदि किसी पर घोटाले का सबसे ज्यादा आरोप लग रहा था, तो वह शीला दीक्षित ही थीं। सच तो यह है कि उन पर घोटाला करने का आरोप खुद सुरेश कलमाड़ी ने भी लगाया था। यह दीगर बात है कि राष्ट्रमंडल खेल समाप्त होते ही सुश्री दीक्षित ने घोटालों के लिए सिर्फ सुरेश कलमाड़ी को जिम्मेदार ठहराया था।

उत्तर प्रदेश में अन्ना हजारे

भ्रष्टाचार बन सकता है मुख्य चुनावी मुद्दा
प्रदीप कपूर - 2011-04-28 20:28
लखनऊः दिल्ली में सफल भूख हड़ताल के बाद अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना राष्ट्रव्यापी उत्तर प्रदेश से शुरू करने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश के बनारस से वे अपने इस अभियान की शुरुआत 29 अप्रेैल को करेंगे। बनारस को उन्होंने अपने अभियान को इसलिए चुना है क्योंकि यह सबसे पुराना नगर माना जाता है। उत्तर प्रदेश को अपने अभियान की शुरुआत के लिए उन्होंने इसलिए चुना है, क्योंकि यह देश की सबसे ज्यादा आबादी वाला राज्य है और देश की राजनीति के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य भी है।

भारत पाकिस्तान व्यापार संबंध: रिश्ते सुधारने की कोशिश

विशेष संवाददाता - 2011-04-28 20:25
नई दिल्लीः भारत और पाकिस्तान ने आपसी व्यापार बढ़ाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इसके लिए दोनों देशों के वाणिजय सचिवों की एक बैठक 27 और 28 अप्रैल को इस्लामाबाद में हो रही है। भारत को उम्मीद है कि इस बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध बढ़ाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की पृष्ठभूमि तैयार होगी।
भारत

इन्फोसिस के शीर्ष प्रबंधक का सवाल

मोहनदास का दर्द
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-04-28 20:21
देश की दो सबसे बड़ी निर्यातक कंपनियों मे से एक इन्फोसिस में उत्तराधिकार का मामला गर्मी पैदा कर रहा है ओर उसकी यह गर्मी सिर्फ उसी तक सीमित नहीं रह गई है। कंपनी के एक डायरेक्टर मोहनदास पै ने कंपनी से इस्तीफा देने के बाद जिस तरह के बयान दिए हैं, उससे यह साफ हो गया है कि उनका इस्तीफा कंपनी के शीर्ष प्रबंधन के साथ उनके असंतोष का ही परिणाम था।

आंदोलनों पर प्रतिबंध के आदेश को मायावती का बौखलाहट बताया बीजेपी ने

एस एन वर्मा - 2011-04-28 03:10
नई दिल्ली। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार द्वारा जारी किए गए फरमान, जिसमें सभी तरह के सामाजिक, राजनीतिक आंदोलनों को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है कि कड़ी भर्त्सना करते हुए इसे जनता के मौलिक अधिकारों का हनन बताया है।

तमिलनाडु कांग्रेस में भारी गुटबाजी

थंकबालू के खिलाफ असंतोष बढ़ा
कल्याणी शंकर - 2011-04-23 15:03
तमिलनाडु में चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है, इसके बावजूद राज्य का राजनैतिक पारा ऊपर चढ़ा हुआ है। जैसे ही चुनाव प्रचार का शोरगुल समाप्त हुआ, कांग्रेस के अंदर की गुटबाजी अपने चरम पर पहुंच गई हैं।

मायावती सरकार के खिलाफ सीपीआई का आंदोलन

किसानों की दुर्दशा होगा मुख्य मुद्दा
प्रदीप कपूर - 2011-04-23 15:00
लखनऊः अगले मई महीने से सीपीआई राज्य की मायावती सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाने जा रही है। यह आंदोलन राज्य में बढ़ते भ्रष्टाचार और गिरती कानून व्यवस्था के खिलाफ होगा। सरकार की जन विरोधी नीतियों को भी जनता के सामने उजागर किया जाएगा।

केरल विधानसभा चुनाव में भारी मतदान

इसका फायदा किसे मिलेगा?
पी श्रीकुमारन - 2011-04-23 14:57
तिरुअनंतपुरमः पिछले 13 अप्रैल को हूए केरल विधानसभा के चुनाव में भारी मतदान हुए। मतदान का प्रतिशत 75 तब पहुंच गया, जो पिछले कई आमचुनावों की अपेक्षा बहुत ज्यादा है। सवाल उठाया जा रहा है कि इतने भारी मतदान का लाभ किस मोर्चे को मिलेगा?

हजारे बनाम सरकार: नागरिक समाज को है बढ़त प्राप्त

अमूल्य गांगुली - 2011-04-20 10:47
अन्ना हजारे का यह कहना कि यदि संसद ने तैयार किए जा रहे विधेयक को पारित करने से इनकार कर दिया, तो वे उसे स्वीकार कर लेंगे यह साबित करता है कि उन्होंने अपना रुख कुछ लचीला कर लिया है। इस तरह का बयान वे उस समय नहीं दे सकते थे, जब वे जंतर मंतर पर आमरण अनशन पर बैठे हुए थे। अब उनका इस तरह का बयान इसलिए आ रहा है, क्योंकि उन्हें लग रहा है कि कानून बनाना उतना सरल नहीं है, जितना वे पहले समझ रहे थे।