लीबिया में नाटो की कार्रवाई
सैन्य गठबंधन को महंगा पड़ रहा है हस्तक्षेप
2011-05-01 09:00
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लीबिया को लेकर अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो का रवैया शुरू से ही आपत्तिजनक रहा है। वहां गद्दाफी के खिलाफ असंतोष भड़कने के साथ ही ब्रिटेन और फ्रांस ने अफवाहों का बाजार गर्म कर दिया। अपने प्रचार तंत्र का इस्तेमाल कर ऐसा माहौल खड़ा करना शुरू कर दिया, जिससे लग रहा था कि वहां कर्नल गद्दाफी के दिन लद गए हैं। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि गद्दाफी अपना देश छोड़कर भाग चुके हैं। जाहिर है, इस तरह का दुष्प्रचार विद्रोह को बढ़ावा देने के लिए किया गया और उसमें वे सफल भी रहे, लेकिन असंतोष के बावजूद गद्दाफी अपने किले में मजबूत बने रहे और धीरे धीरे अपनी मजबूती बढ़ाते भी रहे।