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जाति जनगणना हकीकत बनी

इससे जाति अंततः कमजोर ही होगी
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-09-13 13:21
आखिरकार केन्द्र सरकार ने जाति जनगणना का फैसला कर ही लिया। इस तरह की जनगणना के लिए देश भर में राजनैतिक सहमति बन गई थी, लेकिन केन्द्र सरकार खुद असमंजस की शिकार बनी हुई थी। शुरू शुरू में जब शरद यादव, लालू यादव और मुलायम सिंह यादव ने इसकी मांग जोरदार तरीके से की और उन्हें भाजपा के गोपीनाथ मुंडे और बसपा के दारा सिंह सहित तमाम गैर कांग्रेसी पार्टियों का इस मसले पर समर्थन मिला, तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी ने जाति जनगणना पर अपनी सहमति दे डाली।

मनमोहन के मजबूत संकेत

अब सरकार में उन्हीं की चलेगी
कल्याणी शंकर - 2010-09-10 13:17
संपादकों के सम्मेलन में जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कड़ा रुख अख्तियार किया, तो अनेक लोगों की भौहें तन गईं। आखिर इसका मतलब क्या है? उनके खिलाफ विपक्ष ही नहीं बल्कि मीडिया की ओर से खासी आलोचनाएं हो रही हैं। कांग्रेस के अंदर से भी उनकी सरकार के खिलाफ आलोचना के स्वर उठ रहे हैं। क्या यह माना जाए कि इन आलोचनाओं के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सब्र का बांध टूट चुका है।

असम की राजनीति में नया मोड़

प्रफुल्ल मोहंता की असम गण परिषद में वापसी
बरुण दास गुप्ता - 2010-09-09 13:12
कोलकाताः प्रफुल्ल कुमार मोहंता की असम गण परिषद (अगप) में वापसी राज्य की एक महत्वपूर्ण राजनैतिक घटना है, जिसका असर राज्य की राजनीति पर पड़ेगा। श्री मोहंता राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अगप के गठन में उनकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्हें पार्टी ने 2005 में पार्टी से निकाल दिया था। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप भी लगाया गया था।

बंद से मणिपुर की अर्थव्यवस्था घ्वस्त

केन्द्र बना हुआ है मूक दर्शक
बरुण दास गुप्ता - 2010-09-08 12:53
कोलकाताः किसी देश पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ की अनुमति जरूरी है, लेकिन किसी भारत के किसी राज्य में इसी तरह का प्रतिबंध लगाने के लिए किसी की अनुमति की जरूरत नहीं पड़ती। मुट्ठी भर लोग जब चाहें ऐसा कर सकते हैं।

मायावती के सामने मजबूत विपक्षी चुनौती

कानून व्यवस्था मुख्सय मुद्दा
प्रदीप कपूर - 2010-09-07 12:48
लखनऊः जैसे जैसे 2012 का विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है मुख्यमंत्री मायावती के सामने विपक्षी चुनौतियां भी मजबूत होती जा रही हैं। उन्हें सरकार के स्तर पर ही नहीं, बल्कि अपने संगठन के स्तर पर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा को जबर्दस्त सफलता मिली थी, लेकिन आज बसपा सुप्रीमो अपने आपको राजनैतिक रूप से पूरी तरह अलग थलग पा रही हैं। राज्य की सभी पार्टियों से उनका संवाद टूटा हुआ है।

बिहार में राहुल गांधी

क्या कांग्रेस की कायापलट हो पाएगी?
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-09-06 12:45
राहुल गांधी ने बिहार का चुनावी अभियान शुरू कर दिया है। अभियान के पहले दौर में उनकी सभाओं में जुटी भीड़ की संख्या के लिहाज से कहा जा सकता है कि कांग्रेस में अब लोगों की दिलचस्पी फिर से बढ़ने लगी है। पर सवाल उठता है कि क्या उनकी सभा में उमड़ी भीड़ कांग्रेसी वोटों की शक्ल ले सकेगी?

खाद्य सुरक्षा विधेयक पर संशय

राष्ट्रीय सलाहकार समिति और सरकार में मतभेद
कल्याणी शंकर - 2010-09-04 12:40
प्रस्तावित खाद्य सूरक्षा विधेयक पर सहमति बनती नहीं दिखाई पड़ रही है। यूपीए के पिछले कार्यकाल में सोनिया गांधी की नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद नरेगा और सूचना के अधिकार जैसे दो महत्वपूर्ण कानून को बनाने में सफल हो गई थी, लेकिन दूसरे कार्यकाल में खाद्य सुरक्षा कानून से संबंधित विधेयक को संसद से पारित करवाना उसके लिए कठिन साबित हो रहा है। इसका कारण यह है कि इस विधेयक के कुछ बिन्दुओं पर केन्द्र सरकार और राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के बीच मतभेद है।

आईयूएमएल की उग्रवाद विरोधी बैठक क्या छलावा थी?

बाद में कुछ नहीं होना लीग की मंशा पर सवाल खड़ा करता है
पी श्रीकुमारन - 2010-09-03 12:36
तिरुअनंतपुरमः पिछले महीने इंडियन नेशनल मुस्लिम लीग ने मल्लपुरम जिले के कोटाक्कल शहर में उग्रवाद के खिलाफ एक बैठक आयोजित की थी। उस बैठक मेें बहुत ही लंबी लंबी बातें कही गई थीं और बहुत कुड करने का दंभ भरा गया था, लेकिन बैठक के बाद कुछ हुआ नहीं। इसलिए अब सवाल किया जा रहा है कि क्या लीग द्वारा आयोजित की गई वह बैठक महज एक दिखावा थी?

केरल ने राष्ट्रीय राजमार्ग मसले पर केन्द्र की बात मानी

पी श्रीकुमारन - 2010-09-01 13:58
तिरुअनंतपुरमः राष्ट्रीय राजमार्ग के मसले पर केन्द्र के साथ केरल का चल रहा टकराव अब समाप्त हो गया है। केरल सरकार ने आखिरकार हठधर्मिता के ऊपर व्यावहारिकता को महत्व दिया और अब केन्द्र सरकार की बात मानने को तैयार हो गया है।

भारत की राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली

डॉ एस अय्यप्पन - 2010-08-31 13:16
राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणाली दुनिया की सबसे बड़ी प्रणालियों में से एक है जो कृषि उत्पादकता एवं उत्पादन बढाने वाली प्रौद्योगिकियों के सृजन के माध्यम से कृषि के सर्वांगीण विकास में उत्प्रेरक भूमिका निभा रही है। भारत एक समय खाद्यान्नों के लिए आयात पर निर्भर रहता था लेकिन अब वह खाद्यान्नों का निर्यात करने लगा है।