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सरकारी उपेक्षा से हुई मौतों के विरोध में पूरे देश में आज मनाया राष्ट्रीय शोक दिवस

लॉकडाउन से प्रभावित लोगों के मसले पर सरकार की जवाबदेही की मांग
राजु कुमार - 2020-06-01 13:53
कोविड 19 के कारण प्रभावित करोड़ों मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के जीवन और आजीविका पर संकट गहरा गया है। लॉकडाउन से प्रभावित ऐसे लोगों के जीवन एवं आजीविका के प्रति सरकारें पूरी तरह अपनी जवाबदेही लेने को तैयार नहीं है। लोग रोजी-रोटी के अभाव में गरिमापूर्ण जीवन से वंचित होते जा रहे हैं। करोड़ों लोगों के जीवन व आजीविका पर संकट और सरकारी उपेक्षा से सैकड़ों लोगों की असमय मौत दुखदायी है।

दुनिया भर की संसद मुखर हैं, भारत की संसद मौन क्यों

अनिल जैन - 2020-06-01 10:00
इंटरनेशनल पार्लियामेंट्री यूनियन (आईपीयू) एक ऐसी वैश्विक संस्था है जो दुनिया भर के देशों की संसदों के बीच संवाद और समन्वय का एक मंच है। कोरोना महामारी के इस वैश्विक संकटकाल में दुनिया के तमाम छोटे-बडे देशों की संसदीय गतिविधियों का ब्योरा इस संस्था की वेबसाइट पर उपलब्ध है। मगर दुनिया के सबसे बडे़ लोकतंत्र यानी भारत की संसदीय गतिविधि का कोई ब्योरा वहां नहीं है। जाहिर है कि इस कोरोना काल में भारत की संसद बिल्कुल निष्क्रिय रही है और अभी भी उसके सक्रिय होने के कोई आसार नहीं हैं।

मध्य प्रदेश में उपचुनावों की गहमागहमी

भाजपा और कांग्रेस में आंतरिक कलह शुरू
एल एस हरदेनिया - 2020-05-30 09:23
भोपालः ऐसा प्रतीत होता है कि आगामी 24 विधानसभाओं के उपचुनावों के कारण कोरोनोवायरस संकट पीछे चला गया है। यह याद किया जा सकता है कि 22 मौजूदा कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे और दो विधायकों की मृत्यु के कारण, 24 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव जल्द ही होंगे। हालांकि उपचुनाव की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों ने प्रारंभिक तैयारी शुरू कर दी है।

जोखिम से घिरे हैं प्रवासी मजदूर

प्रवासी मजदूरों को मिले आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा
राजु कुमार - 2020-05-29 16:11
देश में मौजूदा समय में मजदूरों की स्थिति सबसे खराब है। करोड़ों मजदूर विकराल गरीबी के दुश्चक्र में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। यहां तक कि अब तक के वे सबसे कम सामाजिक सुरक्षा उपायों के साथ जीने को मजबूर हो गए हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और सामाजिक प्रतिष्ठा हर मायने में वे जोखिम से घिरे हुए हैं। यदि प्रवासी मजदूरों की समस्याओं पर तत्काल ध्यान देते हुए उन्हें सहयोग एवं सुरक्षा न मिलेगी, तो करोड़ों लोगों का जीवन संकट में पड़ जाएगा।

कोविड महामारी ने पूंजीवाद की पोल खोल दी

समाजवाद के लिए संघर्ष कठिन और लंबा होगा
बिनॉय विस्वम - 2020-05-29 08:48
लोगों ने अपनी निराशा और आशा के कारण पूछना शुरू कर दिया है कि ‘‘क्या समाजवाद वापस आ जाएगा?’’ उनमें से कई यह सवाल ईमानदारी और उत्सुकता से करते हैं। कुछ अन्य लोग इतने उत्साही नहीं हो सकते हैं। समाजवाद का वापस आने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। यह भी कहने की जरूरत है कि यह नाटकीय तरीके से नहीं हो सकता है। नई विश्व व्यवस्था में समाजवाद का फिर से उभरना एक ऐतिहासिक प्रक्रिया होनी चाहिए, जिसमें विभिन्न कारक जैसे कि आर्थिक, राजनीतिक, वैचारिक, सामाजिक और पर्यावरणीय प्रश्न को संबोधित किया जा सकता है। यह बहुत आसान काम नहीं है, जितना कि कई लोग कर सकते हैं।

प्रियंका गांधी को मायावती समझ रही है अपने लिए बड़ा खतरा

बसपा सुप्रीमो भाजपा से ज्यादा कांग्रेस की आलोचना कर रही हैं
प्रदीप कपूर - 2020-05-28 10:15
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती उत्तर प्रदेश में अपने सहयोगियों के चयन में अप्रत्याशित रूप से यूटर्न लेने के लिए जानी जाती हैं। वह कब किस पाले में चली जाएं, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। वह प्रदेश की अन्य तीनों प्रमुख पार्टियों में अतीत में कभी न कभी गठजोड़ कर चुकी हैं।

भारत के लिए पाकिस्तान से ज्यादा खतरनाक है चीन

चीन के विस्तारवादी इरादों में कोई तब्दीली नहीं आई है
अनिल जैन - 2020-05-27 09:55
इन दिनों लद्दाख और सिक्किम से सटी भारत-चीन सीमा पर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इन इलाकों में चीन ने न सिर्फ अपने सैनिकों की संख्या बढा दी है, बल्कि उसकी वायु सेना के हेलीकॉप्टर भी लगातार आसमान में मंडरा रहे हैं। उधर नेपाल ने भी तिब्बत, चीन और नेपाल से सटी सीमा पर भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिपियाधूरा इलाके को अपने नए राजनीतिक नक्शे में शामिल कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। माना जा रहा है कि नेपाल ने भी यह दुस्साहस चीन की शह पर ही किया है।
नेहरू की पुण्यतिथि पर विशेष

गांधीजी नेहरू और पटेल को बैलों की एक जोड़ी के रूप में देखते थे

तमाम मतभेदों के बावजूद दोनों में गजब का तालमेल था
एल एस हरदेनिया - 2020-05-26 07:49
"नेहरू और पटेल एक दूसरे के पूरक व्यक्ति थे। नेहरू का वैचारिक आधार फेबियन विचारधारा थी जिसके अनुसार संसदीय प्रजातंत्र मानवीय आकांक्षाओं की पूर्ति का सबसे अधिक शक्तिशाली साधन है। वहीं सरदार पटेल मानवीय मनोविज्ञान के अध्येता थे। उन्होंने उन आधारों को समझने का प्रयास किया था जिनसे ब्रिटिश साम्राज्य को सफलता मिली।"

प्रियंका की बस राजनीति से योगी सरकार पस्त

कांग्रेस महासचिव ने प्रदेश में कांग्रेस नेताओं और कार्यकत्र्ताओं का मनोबल बढ़ाया
प्रदीप कपूर - 2020-05-23 09:39
लखनऊः उत्तर प्रदेश में फंसे प्रवासी मजदूरों के लिए बसों की व्यवस्था के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार के बीच चल रही खींचतान ने राज्य में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाया है।

मोदी का पैकेज आत्मनिर्भरता का पैकेज नहीं है

यह तो पूरे देश को बेच देने का ही पैकेज है
बिनॉय विस्वम - 2020-05-22 15:09
जब प्रधानमंत्री महामारी से लड़ने के लिए बहुप्रतीक्षित पैकेज के साथ सामने आए, तो संघ विचारधारा के कुछ उत्साही लोग मोहित हो गए। उनके लिए सबसे आकर्षक तत्व था ‘आत्मनिर्भर भारत’ का उद्घोष। वे यहां तक मानने लगे थे कि अब भारत यू-टर्न लेगा और आत्मनिर्भरता का रास्ता बनाएगा। विदेशी पूंजी पर अनुचित निर्भरता समाप्त हो जाएगी। उनमें से कुछ इस तरह के सपने देखने लगे थे! आत्मनिर्भर भारत के आसपास निर्मित प्रचार प्रसार निश्चित रूप से अल्पकालिक था। 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का सच इतना निर्मम था कि इसने मिट्टी के नीचे ‘आत्मनिर्भर भारत’ को गाड़ दिया।