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चीनी कर्जजाल से व्यापारिक उपनिवेशवाद का खतरा

कर्जदार देशों की मार्फत भारत पर भी प्रभाव
सुब्रत मजूमदार - 2018-10-27 11:34 UTC
चीन के बेल्ट और रोड पहल, जिसे बाद में बीआरआई के नाम से बदल दिया गया, विकासशील और उभरते देशों के लिए ऋण जाल में फंसने का खतरा पैदा कर रहा है। चीन बुनियादी ढांचे के लिए छोटे और कमजोर देशों को कर्ज देता है और जब उनके कर्ज का भुगतान नहीं किया जाता, तो यह इन देशों की भूमि और संसाधनों पर कब्जा करने लगता है। चीनी ऋण की शर्तो के तहत ऋण राहत के लिए बहुत कम जगह है। अभी तक आठ देश उसके कर्ज जाल के शिकार हो चुके हैं। सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट के एक अध्ययन के मुताबिक वे देश जिबूती, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, लाओ, मालदीव, मंगोलिया, पाकिस्तान और मोंटेनेग्रो हैं।

क्या सीबीआई संकट नरेन्द्र मोदी का वाटरलू साबित होगा?

राजनैतिक माहौल भाजपा के खिलाफ बनता जा रहा है
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-10-26 12:41 UTC
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। वे लगातार बढ़ती जा रही हैं। ताजा समस्या सीबीआई के संकट से जुड़ी हुई है। इसके कारण मोदी प्रशासन की संकट मोचक क्षमता पर तो सवाल उठा ही है, इसके राजनैतिक निहितार्थ भाजपा के लिए और भी मारक है। राहुल गांधी को इस संकट के रूप में अपना राफेल मुद्दा और भी जोर शोर से उठाने का मौका मिला है और सरकार इस मसले पर जितना मुह खोलती है, वह उतना ही संदिग्ध होती जा रही है। उसके पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि राफेल की कीमत 3 गुना क्यों बढ़ गई। सच तो यह है कि इसकी कीमत के बारे में किसी प्रकार की जानकारी भी सरकार लोगों के साथ शेयर नहीं करना चाहती। सरकार के पास इस सवाल का जवाब भी नहीं है कि उसने सरकारी क्षेत्र के हिन्दुस्तान एयरोनाॅक्सि लिमिटेड से आॅफसेट ठेका छीनकर अनिल अंबानी की अनुभवहीन कंपनी के पास क्यों जाने दिया?

अखण्ड सौभाग्य का प्रतीक ‘करवा चौथ’ व्रत

सुहागिनों का सबसे बड़ा त्यौहार
योगेश कुमार गोयल - 2018-10-25 11:36 UTC
करवा चौथ पर्व का हमारे देश में विशेष महत्व है क्योंकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन व्रत रखती हैं और रात को चांद देखकर पति के हाथ से जल पीकर व्रत खोलती हैं। इस शुभ दिन महिलाओं के चेहरे पर अलग ही तेज नजर आता है। करवा चौथ का नाम सुनते ही मन में सोलह श्रृृंगार किए खूबसूरत नारी की छवि उभर आती है। दरअसल मेंहदी लगे हाथों में रंग-बिरंगी खनकती चूड़ियां, माथे पर आकर्षक बिंदिया, मांग में सिंदूर, सुंदर परिधान और तरह-तरह के आकर्षक गहने पहने अर्थात् सोलह श्रृंगार किए सुहागिन महिलाएं इस दिन नववधू से कम नहीं लगती। दुल्हन के लाल जोड़े की भांति इस दिन भी लाल रंग के परिधान पहनने का चलन बहुत ज्यादा है।

मध्य प्रदेश में इस बार जनता से मुकाबला है भाजपा का

कांग्रेस कमजोर संगठन की समस्या को हल नहीं कर पाई है
अनिल जैन - 2018-10-24 11:37 UTC
लोकसभा चुनाव से ऐन पहले जिन पांच राज्यों में अगले महीने विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं, उनमें एक मध्य प्रदेश भी है। यहां भारतीय जनता पार्टी पिछले पंद्रह वर्षों से सत्ता पर काबिज है और हर बार की तरह इस बार भी उसका सीधा मुकाबला कांग्रेस से है। भाजपा जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चेहरे को आगे रखकर चुनाव मैदान में है, वहीं कांग्रेस किसी व्यक्ति विशेष के चेहरे को आगे रखे बगैर भाजपा को चुनौती देने की मुद्रा में हैं।

सबरीमाला संकटः साफ दिख रहे हैं संघ पारिवार के इरादे

पी श्रीकुमारन - 2018-10-23 13:29 UTC
तिरुअनंतपुरमः सबरीमाला मुद्दे पर सांप्रदायिक जुनून को उभारने और राजनीतिक लाभ निकालने का संघ परिवार के एजेंडे का खुलासा हो गया है।

सीबीआई के अंदर छिड़ा घमसान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने एक नया संकट
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-10-22 11:54 UTC
देश के पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनावों की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अगले चंद महीनों के अंदर लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। और बीच देश की सबसे बड़ी जांच एजंेसी केन्द्रीय जांच ब्यूरो( सीबीआई) के अंदर घमासान छिड़ गया है। देखने पर तो यह घमासान सीबीआई के दो वरिष्ठतम पदों पर बैठे दो अधिकारियों के बीच में है, लेकिन यह घमासान अपने जद में पूरी सीबीआई और उसकी नियंत्रक राजनैतिक प्रतिष्ठान को भी घेरे में लेने की क्षमता रखता है। सीबीआई अब सीधे तौर पर प्रधानमंत्री कार्यालय यानी प्रधानमंत्री के नियंत्रण में है, इसलिए सवाल देश के सर्वोच्च कार्यालय पर भी खड़े हो सकते हैं।

कहर बरपाता जीका वायरस

कैसे निपटें इसके प्रकोप से?
योगेश कुमार गोयल - 2018-10-20 12:01 UTC
कुछ दिनों पहले पोलियो के विलुप्त हुए वायरस दोबारा मिलने के बाद देश में भय का माहौल पहले से ही व्याप्त है और अब राजस्थान में बेहद खतरनाक जीका वायरस के सैंकड़ों मामले सामने आने के बाद हड़कम्प मचा है। 25 सितम्बर को सबसे पहले जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में एक वृद्ध महिला में इस वायरस की पुष्टि हुई थी किन्तु देखते ही देखते प्रदेशभर में जीका से प्रभावित ऐसे लोगों की संख्या सौ का आंकड़ा भी पार कर गई है और अभी भी दुविधा यह है कि यह पता नहीं चल सका है कि राजस्थान में फैल रहे इस वायरस का स्रोत कौन है क्योंकि ऐसी आशंका जताई जा रही है कि उस व्यक्ति के जरिये अभी भी यह वायरस फैल रहा हो और राजस्थान के बाद देश के अन्य हिस्सों में इसके फैलने की संभावना जताई जा रही है।

एम जे अकबर का विलंबित इस्तीफा

क्या मध्यप्रदेश की राजनैतिक विवशता ने रंग दिखाया?
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-10-18 11:06 UTC
आखिरकार एमजे अकबर ने मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे ही दिया। उस इस्तीफे के बाद भारत का सभ्य समाज राहत की सांस ले रहा है। हो रहे विलंब के बाद यह लगने लगा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अकबर को निकालने के लिए पड़ रहा जन दबाव काम नहीं कर रहा है और उन्हें सरकार से बाहर का रास्ता दिखाने में मोदी की कोई दिलचस्पी नहीं है। ऐसा लगना स्वाभाविक था क्योंकि मोदी की सरकार से अब तक किसी को भी मंत्रिमंडल से विपक्ष की मांग पर बाहर नहीं किया गया था।
दास्तान- ए- अकबर

आखिर मोदी अकबर को अपनी मंत्रिपरिषद से क्यों नहीं हटा रहे हैं?

उपेन्द्र प्रसाद - 2018-10-17 10:07 UTC
एम जे अकबर के खिलाफ यौन हिंसा का आरोप अब तक एक दर्जन से ज्यादा महिला पत्रकार लगा चुकी हैं। उनमें से एक तो विदेशी भी हैं। आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार अलग अलग काल खंड में अकबर के साथ जुड़ी थीं। उनमें से कुछ 1980, तो कुछ 1990 के दशक में उनसे संपर्क में आई थीं, तो कुछ 21वीं सदी के पहले और दूसरे दशक में। यानी करीब 30 वर्षों के काल खंड की अलग अलग घटनाएं हैं। कुछ समय के अंतराल में ही इतनी सारी महिलाओं ने उन पर यौन हिंसा का आरोप लगाया। दुनिया में शायद ही ऐसा कोई पत्रकार या संपादक होगा, जिनके खिलाफ इतनी सारी महिलाओं ने लगभग एक किस्म के आरोप लगाए।

उत्तराखंड में विकास की संभावनाएं

जरूरत है उनके दोहन की
डाॅ. भरत मिश्र प्राची - 2018-10-17 05:45 UTC
देश के पहाड़ी एवं घने जंगलों से आच्छादित राज्य उत्तराखंड में विकास की बहुत बड़ी संभावनाएं है। यह प्रदेश प्राकृृतिक रूप से हर तरह से सम्पन्न है जहां के पहाडों की तलहटी एवं घने जंगलों में तरह - तरह की जड़ी - बुटियां विद्यमान है, जिनसे दवाई की आयुर्वेदिक कम्पनियां स्थापित की जा सकती है। जिसकी आज जरूरत पूरे देश को है। इस दिशा में इस प्रदेश में तेजी से कार्य कर बेरोजगार युवकों को पलायन से रोका जा सकता है। आज जब अंग्रेजी दवाई के कुप्रभाव से देश के सर्वाधिक लोग परेशान है, ऐसे हालत में उŸाराखंड प्रदेश में विकसित की गई आयर्वेदिक दवाई की कंपनियां ज्यादा कारगा साबित हो सकती है। प्रदेश की सरकार एवं वहां के सामाजिक, राजनीतिक स्तर पर कार्यरत लोगों को इस दिशा में सकरात्मक भूमिका निभानी चाहिए।