Loading...
 
Skip to main content

View Articles

रामनाथ कोविंद राजग के राष्ट्रपति उम्मीदवार

एक तीर से कई निशाने
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-06-20 13:22
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने बिहार के राज्यपाल डाॅक्टर रामनाथ कोविंद को अपना राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर वास्तव में सभी को चैंका दिया है। इसका कारण यह है कि जिन नामों की चर्चा राजग की उम्मीदवारी को लेकर हो रही थी, उनमें यह नाम था ही नहीं। हां, कुछ लोग यह अनुमान अवश्य लगा रहे थे कि प्रधानमंत्री शायद किसी दलित को इस पद के लिए चुनें। जब दलित राष्ट्रपति की चर्चा होती थी, तो बात आदिवासी राष्ट्रपति की ओर बढ़ जाती थी और तब झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम की भी चर्चा होने लगती थी। जब दक्षिण भारत के व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाने की बात आती थी, तो लोग वेंकैया नायडू का नाम भी लेने लगते थे, लेकिन जिस दिन भाजपा अमित शाह ने राष्ट्रपति के नाम पर सहमति बनाने वाले तीन लोगों की एक समिति में श्री नायडू का नाम डाला, उसी दिन जाहिर हो गया कि श्री नायडू के उम्मीदवार बनने की संभावना समाप्त हो गई है।

गोरखालैंड राज्य के लिए फिर उबाल

बिमल गुरुंग के नहले पर ममता बनर्जी का दहला
आशीष बिश्वास - 2017-06-19 12:51
दार्जिलिंग और आसपास के पहाड़ी इलाकों में एक बार फिर अलग गोरखालैंड राज्य के लिए राजनैतिक पारा चढ़ गया है। आंदोलन हो रहे हैं और गिरफ्तारियां भी हो रही हैं। छापे भी मारे जा रहे हैं और कार्यालय भी बंद किए जा रहे हैं। इस इस बीच आंदोलन चला रही मुख्य पार्टी गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेता केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ बातचीत के लिए भी लाॅबिइंग में लगे हुए हैं, लेकिन दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंदोलनकारियों से बातचीत की संभावना से इनकार कर दिया है।

उत्तर प्रदेश में महागठबंधन

भाजपा को सता रही है इसकी चिंता
प्रदीप कपूर - 2017-06-17 11:52
लखनऊः 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले उत्तर प्रदेश में एक महागठबंधन बनने की संभावना हवा में तैर रही है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को लगता है कि इससे उसे कोई खतरा नहीं है।

आपातकाल के सबकः लोकतंत्र विरोधी प्रावधानों को देश सहन नहीं करेगा

अनिल सिन्हा - 2017-06-16 11:25
आपातकाल 25 जून, 1975 की रात को जब लागू हुआ तो आम लोगों को वास्तव में पहली बार पता चला कि संविधान का यह प्रावधान क्या मायने रखता है। असलियत यह है कि देश में यह तीसरी बार लगा था और जब लगा था तो दूसरी दफा का आपातकाल जारी ही था। आपात काल पहली बार 1962 में चीन के युद्ध के समय लगा था और दूसरी बार बंाग्लादेश युद्ध के समय। यही वजह है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को यह सलाह दी गई और बेटे संजय गांधी की तरफ से दबाब डाला गया तो वह शुरू में इसके लिए तैयार नहीं थीं। वह बाद में मान गईं।

भाजपा में गाय पर घमसान

क्या संघ परिवार राजनाथ को सुनेगा?
अमूल्य गांगुली - 2017-06-15 12:28
राजनाथ सिंह ने रोशनी देख ली है, पर क्या संघ परिवार के अन्य लोग भी उसे देख पाएंगे? केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी किसी से यह नहीं कह रही है कि वे क्या खाएं और क्या पहनें? इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि भारत बहुलतावादी देश है और हम इस वास्तविकता को समझते हैं कि यहां सांस्कृतिक विभिन्नताएं हैं।

कर्ज से दबकर किसानों की आत्महत्या

कृषि में गंभीर सुधार करने की जरूरत
कल्याणी शंकर - 2017-06-14 11:31
हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन ने पिछले दिनों ट्विट किया कि यदि खेती की स्थिति बिगड़ती है तो किसी की स्थिति अच्छी नहीं रहेगी। इसलिए सरकार को चाहिए कि किसानों की बेहतर स्थिति को वह अपने सभी कार्यक्रमों और नीतियों का केन्द्र बनाए। विख्यात कृषि विशेषज्ञ स्वामीनाथन ने सोशल मीडिया में अपने ये विचार उस समय रखे, जब मंदसौर में पुलिस की गोली से किसानों के मरने की खबर आई थी।

केरल की नई शराब नीति

विपक्ष विरोध में लामबंद
पी श्रीकुमारन - 2017-06-13 11:00
तिरुअनंतपुरमः सत्तारूढ़ लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार की नई शराब नीति ने प्रदेश की आबादी के एक बड़े हिस्से में भूचाल पैदा कर दिया है। लेकिन इसके कारण कैश की कमी का सामना कर रहे प्रदेश को राहत लेने का मौका भी मिल गया है।

ढह गए हैं बिहार में विद्या के मंदिर

नतीजों में घोटाले क्यों न हों?
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-06-12 11:58
बिहार में एक बार फिर टाॅपर घोटाला सामने आया है। पिछले साल जब यह घोटाला सामने आया और पता चला के टाॅपर करने वाले अधिकांश छात्र और छात्राएं पास होने की योग्यता भी नहीं रखते, तो बहुत हल्ला हंगामा हुआ और उसके बीच अनेक गिरफ्तारियां हुईं। बिहार विद्यालय परीक्षा बोर्ड के चेयरमैन सहित अनेक लोग जेल गए। उनमें से अधिकांश अब जेल से बाहर भी आ गए हैं। उस घोटाले के बाद प्रदेश सरकार ने कुछ नई नियुक्तियां भी कीं और उसके बाद उम्मीद की गई कि अब नतीजों में घोटाले नहीं हो सकेंगे।

मध्यप्रदेश का किसान आंदोलन

सरकार ने आग में घी का काम किया
एल एस हरदेनिया - 2017-06-10 16:14
भोपालः 1956 में अपने निर्माण के बाद मध्यप्रदेश ने उतनी हिंसा कभी नहीं देखी, जितना वह आज देख रहा है। पिछले एक सप्ताह से मध्य प्रदेश का एक बड़ा हिस्सा जल रहा है। दर्जनों बसों और ट्रकों को आंदोलनकारियों ने फूंक डाला। कारों और पेट्रोल पंपों में भी आग लगाई गई। इसके कारण हजारों करोड़ रुपयों की संपत्ति का नुकसान हो चुका है।

अपने आदेशों पर अमल नहीं करवा पा रहे हैं योगी

अनुभव की कमी और बाहरी हस्तक्षेप से समस्या हो रही है जटिल
प्रदीप कपूर - 2017-06-09 12:12
लखनऊः योगी सरकार के 100 दिन पूरे होने वाले हैं, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री प्रशासन पर अपनी पकड़ पाने में नाकाम रहे हैं। 100 दिन की उपलब्धियों की सूची तैयार करने को नौकरशाही को कहा गया है, लेकिन सरकार की क्या उपलब्धियां रहीं, यह ढूृढ़े नहीं मिल पा रही है।