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लोकतंत्र की तिल तिल कर हत्या

पश्चिम बंगाल की पंचायत चुनाव की हिंसा
नन्तू बनर्जी - 2013-07-30 13:36
पंचायतों को भारत के जमीनी लोकतंत्र का प्रतीक कहा जाता है, लेकिन पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में इसमें अभूतपूर्व हिंसा हुई। देश के किसी भी राज्य के किसी भी पंचायत चुनाव में इतनी हिंसा अब तक नहीं हुई है। पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में हुई हिंसा में अब तक 30 लोग मारे जा चुके हैं। सैंकड़ों लोग घायल हुए हैं। हजारों लोग बेघर हो गए हैं। घायल लोगों में अनेक की हालत बहुत खराब है और इसलिए मरने वालों की संख्या 50 तक पहुंच सकती है।

अरुणाचल प्रदेश के साथ सामरिक जुड़ाव

विलंब से समस्या पैदा हो सकती है
आशीष बिश्वास - 2013-07-29 16:20
कोलकाताः भारत का सबसे बड़ा रोड- रेल पुल ब्रह्मपुत्र नदी पर बन रहा है। यह करीब 5 किलोमीटर लंबा पुल है। इसके बनने के साथ ही अरुणाचल प्रदेश के साथ भारत के शेष भाग से लोगांे के आने जाने को काम बहुत आसान हो जाएगा।

लैपटॉप बन रहा डेस्कटॉप पीसी के लिए चुनौती, गायब हो रहा है घरों से मॉनिटर

एस एन वर्मा - 2013-07-29 15:38
नई दिल्ली। वह दिन दूर नहीं जब लोगों के घरों में और कुछ हद तक कार्यालयों में डेस्क टॉप नहीं दिखाई पड़ेगा।कुछ खास विशेषताओं के कारण लैपटॉप व टेबलेट की लोकप्रियता बढ़ रही है। लैपटाप के मुफत में या कम कीमत पर देने की सरकार की नीति के कारण भी डेस्कटाप की बिक्री कम हो रही है।यहां तक प्रिंटरों की बिक्री पर भी इसका असर दिखाई पड रहा है।यूपीस का बाजार तो लगभग खत्म ही हो रहा है।

कांग्रेस के सेकुलर कार्ड के खतरे

यह हिन्दू बैकलैश पैदा कर सकता है
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-07-28 17:32
कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव की एक रणनीति के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही मुद्दा बनाने की सोच रखी है। यह उसके नेताआंे के बयानों से साफ साफ दिखाई पड़ता है। इसके पीछे शायद कांग्रेस की सोच है कि वह भ्रष्टाचार और महंगाई जैसे मुद्दों से देश के लोगों का ध्यान हटा पाएगी और मोदी विरोधी लोगों का ज्यादा से ज्यादा समर्थन प्राप्त कर फिर से सत्ता में आ सकेगी। यानी यदि भाजपा सोच रही है कि मोदी की सहायता से वह सत्ता में आ सकती है, तो उसी तरह कांग्रेस भी सोचती है कि मोदी को मुद्दा बना कर वह सत्ता में आ सकती है। फर्क यह है कि कांग्रेस को लगता है कि मोदी विरोधी मुस्लिम और स्वयंघोषित सेकलर भ्रष्टाचार और महंगाई को भुलाकर उसे ही वोट देंगे।

त्रासदियों पर राजनीति बंद हो

मिड डे मील का हादसा हमारे लिए एक बड़ी चेतावनी है
कल्याणी शंकर - 2013-07-27 08:49
क्या राजनैतिक दलों को त्रासदियों और प्राकृतिक आपदाओं पर राजनीति करनी चाहिए? पिछले महीने ही उत्तराखंड में एक बड़ी आपदा का हमें सामना करना पड़ा, जिनमें हजारों मारे गए और लाखों बेघर हो गए। उसमें भी राजनीति हुई। अब बिहार के सारण जिले के एक गांव के एक प्राथमिक विद्यालय में विषाक्त मिड डे भोजन के कारण 23 बच्चों की मौत पर शर्मनाक राजनीति हो रही है।

मध्यप्रदेश में धर्मांतरण पर बहस

एक नया कानून बनने बस बनने ही वाला है
एल एस हरदेनिया - 2013-07-25 13:35
भोपालः मध्यप्रदेश में इस समय बहस का एक बहुत बड़ा मुद्दा धर्मांतरण से संबंधित एक विधेयक है, जिसे विधानसभा द्वारा पारित भी किया जा चुका है। उसे कानून बनने में मात्र राज्यपाल के एक दस्तखत की जरूरत है। फिलहाल उस दस्तखत का इंतजार किया जा रहा है और उस पर प्रदेश में एक तीखी बहस हो रही है।

पंजाब में भूमाफियाओं का राज

राज्यशक्ति का खुलकर दुरुपयोग
बी के चम - 2013-07-24 13:21
चंडीगढ़ः पंजाब और हरियाणा में जमीन कब्जा करने वाले भूमाफिया तत्वों की चांदी हो गई है। पिछले सप्ताह दो ऐसे मामले सामने आए, जिनसे पता चलता है जमीन कब्जाने की इस प्रक्रिया में बड़े बड़े लोग शामिल हैं और वे कब्जा करने के लिए अपने सरकारी ओहदे का इस्तेमाल करते हैं।

क्या सिक्युलर बांग्लादेश आगे बढ़ सकता है?

1971 के बोझ को उसे उतार फेंकना होगा
सरवर जहां चौधरी - 2013-07-24 07:51
किसी भी आधुनिक राष्ट्र के इतिहास में हम यह देख सकते हैं कि पहले क्रांति होती है और उसके बाद प्रतिक्रियावादी ताकतें अपना सिर उठाती हैं। बांग्लादेश में भी यही हुआ। 1970 के दशक की शुरुआत में हुई क्रांति को बाद की घटनाओं ने पीछे धकेल दिया। 1971 में बांग्लादेश का सृजन हुआ। वह एक क्रांतिकारी घटना थी। लेकिन उसके बाद से ही प्रतिक्रियावादी ताकतें सक्रिय हो गईं। 1975 में तो उन ताकतों ने क्रांति के नायक को ही खत्म कर दिया। उसके बाद के दो दशक तक उन ताकतों ने सेना और एक दक्षिणपंथी पार्टी के बल पर बांग्लादेश पर शासन भी किया।

ओमन चांडी अब कांग्रेस की ताकत नहीं रहे

सोलर पैनल घोटाले में मुख्यमंत्री की छवि धूमिल
पी श्रीकुमारन - 2013-07-22 12:39
तिरुअनंतपुरमः कुछ सप्ताह पहले तक कांग्रेस की केरल में सबसे बड़ी ताकत मुख्यमंत्री ओमन चांडी को माना जाता था। लेकिन सोलर पैनल घोटाले ने उनकी छवि को इस कदर धूमिल कर दिया है कि अब वे कांग्रेस की ताकत होने का दावा तो कर ही नहीं सकते, उल्टे उसकी कमजोरी बनकर सामने आ गए हैं। कमजोरी होने के बावजूद उन्हें इस बात का श्रेय तो देना ही होगा कि इस घोटाले के बावजूद वे कांग्रेस के अंदर और उसके बाहर के अपने विरोधियों के सामने अब भी खड़े हैं, हालांकि उनकी बदली हुई छवि से उनके विरोधी अपनी खुशी का इजहार करने से अपने आपको रोक नहीं पा रहे हैं।

मध्यप्रदेश में शिक्षा क्षेत्र अस्त व्यस्त

शिक्षा का अधिकार कानून की उड़ रही है धज्जियां
एल एस हरदेनिया - 2013-07-21 07:08
भोपालः शिक्षा का अधिकार कानून को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश की शिक्षा की स्थिति का सर्वेक्षण करने पर पाया गया है कि यहां की स्थिति बहुत ही असंतोषजनक है। भोपाल में हाल ही में इस मसले पर एक दिन की कार्यशाला हुई, जिसमें गैर सरकारी संगठनों ने अपने अपने अध्ययन प्रस्तुत किए। इन संगठनों ने शिक्षा की स्थिति का पता लगाने के लिए राज्य के अनेक जिलों में अनेक सर्वेक्षण किए थे। इनमें लगभग सभी जिले शामिल थे। अनेक संगठनों के प्रवक्ताओं ने बताया कि मध्यप्रदेश में शिक्षा की मूल अधिसंरचना पूरी तरह से तैयार ही नहीं हो पाई है। गौरतलब हो कि इस कानून के तहत केन्द्र सरकार ने राज्यों को शिक्षा का इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए तीन साल का समय दिया था।