तेजी से बढत़ा हुआ शहरीकरण और शहरों की जनसंख्या में हो रही बढा़ेत्तरी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान की दिशा में प्रमुख चुनौतियों के रूप में देखा जाता रहा है । अनुमान है कि 1990 और 2025 के बीच विकासशील देशों में शहरी आबादी में तीन गुनी वृद्धि हो चुकी होगी और यह कुल जनसंख्या के 61 प्रतिशत के बराबर हो गयी होगी । इस बढत़ी हुई शहरी आबादी को देखते हुए पानी, पर्यावरण, हिंसा और चोट , गैर संचारी रोगों जैसी स्वास्थ्य संबंधी अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है । इसके अलावा, तम्बाकू के उपयोग, अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक अकर्मण्यता और महामारियों के फैलने से जुड़ी आकांक्षाएं और खतरे भी कोई कम चुनौतीपूर्ण नहीं हैं।