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भारत का शेयर बाजार बूम

गुब्बारे को फटना ही है
नंतू बनर्जी - 2021-01-18 10:18 UTC
पिछले चार वर्षों में भारत के शेयर बाजार में तेजड़ियों की आंधी ने इस मिथक को तोड़़ दिया है कि शेयर बाजार अर्थव्यवस्था का एक बैरोमीटर है। पिछले चार वर्षों में अपने स्टॉक सूचकांकों की गति के साथ भारत की आर्थिक विकास की प्रवृत्ति का लिंक यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि भारत की वास्तविक अर्थव्यवस्था का उसके शेयर बाजार के साथ बहुत कम संबंध है। 2017-18 में, जब देश की जीडीपी वृद्धि आधिकारिक तौर पर 7.2 प्रतिशत थी, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) संवेदनशील सूचकांक (सेंसेक्स) 36,443.98 के ऊच्च स्तर पर पहुंच गया। इसके बाद, एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 2018-19 में 38,989.65 के उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह 13 जनवरी 2021 को 49,795.19 था।

मोदी ने टीकाकरण अभियान में एक गलती कर दी

पहला टीका उन्हें ही लेना चाहिए था
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-01-16 08:54 UTC
भारत में भी कोराना वायरस के खिलाफ टीकाकरण का अभियान शुरू हो गया। अनेक देशों में यह पहले ही चल रहा था। सबसे पहले शुरुआत रूस में ही हो गई थी, जब पिछले साल अगस्त महीने में स्पुतनिक वी वैक्सिन को तैयार करने वाले वैज्ञानिकों ने खुद वह टीका लगवाया था। चूंकि उस टीका का परीक्षण 60 साल से कम उम्र के लोगों पर ही किया गया था, इसलिए 60 साल से ऊपर की उम्र वाले प्रधानमंत्री पुतिन खुद यह टीका नहीं ले सकते थे, लेकिन रूस और दुनिया के लोगों का उस वैक्सिन में विश्वास पैदा करने के लिए पुतिन ने अपनी बेटी को वह टीका दिलवाया।

केरल में यूडीएफ के सामने पहचान का संकट

कांग्रेस की गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही
पी श्रीकुमारन - 2021-01-15 09:37 UTC
तिरुअनंतपुरमः कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में पूरी तरह से लोकतांत्रिक मोर्चा पहचान संकट का सामना कर रहा है। स्थानीय निकायों के चुनावों में उसे हाल ही में हार मिली और उस हार के बाद उसकी किस्मत त्रिशंकु की तरह आसमान में झूल रहा है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करे।

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रियंका ने कसी कमर

वह अनेक मुद्दों पर योगी सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रही है
प्रदीप कपूर - 2021-01-14 09:37 UTC
लखनऊः श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी योगी आदित्यनाथ सरकार पर बेरोजगारी, कुपोषण और महिलाओं पर अत्याचार के मुद्दों पर संघर्ष कर रही है।

कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

समस्या का समाधान सुप्रीम कोर्ट के पास शायद है ही नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-01-13 09:57 UTC
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी सक्रियता दिखाई है। उसने दो फैसले किए। पहले फैसले में उसने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी। दूसरा फैसला करते हुए उसे एक चार सदस्यीय समीति का गठन कर डाला, जिसे किसानों से बात करके दो महीने के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। उसका पहला फैसला तो सही है, क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। और जब तक मामला विचाराधीन हो, तबतक के लिए सुप्रीम कोर्ट कानून पर रोक लगा सकता है। पहले भी सरकारी निर्णयों और कानूनों पर इस तरह की रोक लगती रही है। लेकिन अपने दूसरे फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने जो किया वह गलत है।

असम में भाजपा आरामदेह स्थिति में

गठबंधन में कांग्रेस को बेलने पड़ेंगे पापड़
सागरनील सिन्हा - 2021-01-12 09:35 UTC
असम, जनसंख्या के मामले में सभी पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे बड़ा है। राजनीतिक गतिविधियां लगभग अंतिम चरण में हैं - क्योंकि राज्य में चुनाव केवल तीन महीने दूर हैं।

केरल सरकार बहुत पहले से किसानों को संरक्षण दे रही है

बीजेपी, आरएसएस ने उनके हितों को कॉर्पोरेट घरानों को बेच दिया है
बिनॉय विश्वम - 2021-01-11 16:59 UTC
जैसा कि उम्मीद की जा रही थी, किसान यूनियनों और नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रियों के बीच आठवें दौर की वार्ता 8 जनवरी को विफल रही। घरेलू कॉरपोरेट्स और एफडीआई के अधीन कोई सरकार उसी तरह से काम कर सकती है जिस तरह से भाजपा सरकार ने की है। ‘सबका साथ’ के खोखले नारे के तहत, सरकार भारतीय कृषि में ‘अडानी-अंबानी राज’ के लिए जमीन तैयार करने का इरादा रखती है। ये स्वदेशीवादी हमारे कृषि क्षेत्र में मोनसेंटो और कारगिल के लिए लाल कालीन बिछाने के लिए उत्सुक हैं।

भागवत की नजर में हिन्दू देश विरोधी नहीं हो सकता

आखिर देश विरोध है क्या?
अनिल जैन - 2021-01-09 11:07 UTC
आरएसएस के मुखिया मोहन राव भागवत ने फरमाया है कि अगर कोई हिंदू है तो वह देशभक्त ही होगा, क्योंकि देशभक्ति उसके बुनियादी चरित्र और संस्कार का अभिन्न हिस्सा है। यह बात उन्होंने महात्मा गांधी को हिंदू राष्ट्रवादी बताने वाली एक किताब ‘मेकिंग ऑफ ए हिंदू पैट्रियटः बैक ग्राउंड ऑफ गांधीजी हिंद स्वराज’ का विमोचन करते हुए कही। किताब के नाम और मोहन भागवत के हाथों उसके विमोचन किए जाने से ही स्पष्ट है कि यह महात्मा गांधी को अपने हिसाब से परिभाषित करने की कोशिश है।

कोविड टीकाकरण कार्यक्रम सावधानी से चलाए जाने चाहिए

गरीबों के टीकाकरण की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए
डॉ अरुण मित्रा - 2021-01-08 10:28 UTC
भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों का टीकाकरण करने का निर्णय लिया है और उसके बाद फ्रंट लाइन कार्यकताआर् का टीकाकरण होगा। यह एक स्वागत योग्य कदम है। कोविड के खिलाफ लड़ाई के दौरान 700 से अधिक डॉक्टरों और कई स्वास्थ्य कर्मचारियों की मौत हो गई। चूंकि स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक उच्च कोटि के जोखिम में रहकर काम करते हैं, इसलिए उन्हें प्राथमिकता पर टीका लगाया जाना ही चाहिए। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) ने भारत में उपयोग के लिए ऑक्सफोर्ड - एस्ट्रा जनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड वैक्सीन के उपयोग को मंजूरी दे दी है। बायोटेक इंडिया द्वारा विकसित कोवैक्सिन को बैकअप के रूप में रखा गया है।

जेल से निकल कर राजनीति में सक्रिय होंगी शशिकला

एआईएडीएमके की अभी से बढ़ रही हैं धड़कनें
कल्याणी शंकर - 2021-01-07 09:39 UTC
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की साथी शशिकला जल्द ही जेल से बाहर आने वाली हैं। 2016 में जयललिता के निधन के बाद सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के भीतर बड़े पैमाने पर राजनीतिक उथल-पुथल हो रही थीं। वह उथल-पुथल का केन्द्र थीं शशिकला। पार्टी का पूरा नियंत्रण शशिकला के हाथ में आ रहा था। उसी समय उसी समय उन्हें फरवरी 2017 में चार साल के लिए जेल भेज दिया गया। वह भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त पाईं गई थीं। उनके जेल का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है। क्या वह अप्रैल-मई में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तमिलनाडु की राजनीति का एक कारक बन जाएगी? कुछ लोगों का मानना है कि वह भूमिका निभा सकती हैं और कुछ लोगों का मानना है कि वे अपने समय का इंतजार करेंगी और राजनीति पर सिर्फ अपनी नजर अभी रखेंगी।