जनसंख्या विस्फोट पर प्रधानमंत्री की चिंता के मायने
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार की नाकामी से ध्यान हटाने का उपक्रम
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2019-08-22 12:46 UTC
तेजी से बढती हुई जनसंख्या सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया के और भी कई देशों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। क्योंकि जिस गति से जनसंख्या बढ रही है, उसके लिए जीवन की बुनियादी सुविधाएं और संसाधन जुटाना सरकारों के लिए चुनौती साबित हो रहा है। इसीलिए जब स्वाधीनता दिवस पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताई तो उसका आमतौर पर स्वागत ही हुआ। उन्होंने कहा कि हमारे देश में जो बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, वह हमारी आने वाली पीढियों के लिए कई तरह के संकट पैदा करेगा। यह संभवतः पहला मौका रहा जब लंबे समय बाद किसी प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने भाषण में बढती जनसंख्या की समस्या पर चिंता जताई हो। लेकिन सवाल है कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी इस चिंता को लेकर क्या वाकई गंभीर हैं?