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दिल्ली के चुनाव में यह तो होना ही था

केजरीवाल ने 2015 के जनादेश का गलत मतलब निकाला
अनिल जैन - 2017-05-08 12:17
दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी के चुनाव नतीजों ने भारतीय जनता पार्टी को खुश होने और जश्न मनाने का एक और मौका दे दिया। तीनों नगर निगमों (दक्षिण दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली) पर भाजपा ने भारी बहुमत से लगातार तीसरी बार अपना कब्जा बरकरार रखा है। करीब दो साल पहले दिल्ली विधानसभा के चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को बुरी तरह धूल चटाकर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की हालत इस चुनाव में लगभग वैसी ही रही जैसी दो साल पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की हुई थी। उस चुनाव में ऐतिहासिक जीत और बहुमत हासिल करके भाजपा और कांग्रेस को हाशिये पर पहुंचा देने के बाद आम आदमी पार्टी अन्य राज्यों में भी अपने पांव फैलाने को बेताब थी। लेकिन पंजाब और गोवा में उसकी हसरतें परवान नहीं चढ सकीं। दोनों राज्यों में चोंट खाने के बाद वह दिल्ली की जनता से मरहम की उम्मीद कर रही थी लेकिन दिल्ली के मतदाताओं ने उसके जख्मों पर मरहम लगाना तो दूर, उसे सहानुभूति लायक भी नहीं समझा।

व्यापम पर सीबीआई रिपोर्ट

मुख्यमंत्री चौहान की छवि चमकी
एल एस हरदेनिया - 2017-05-06 10:14
भोपालः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नर्मदा यात्रा के दौरान दो ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छवि में सुधार ही नहीं हुआ है, बल्कि उसकी चमक काफी बढ़ गई है।

भारत में विपक्षी एकता: विचारधारा की उलझनें

विपक्षी पार्टियों के पास मोदी-विरोध का कोई साझा मुद्दा नहीं
अनिल सिन्हा - 2017-05-05 13:30
दिल्ली के कंस्टीच्यूशन क्लब में 1 मई को लगी विपक्षी नेताओं की जमघट असरदार थी। कई पार्टियों ने इसमें हिस्सा लिया। समाजवादी अंादोलन के शीर्ष नेताओं में से एक मधु लिमये की जयंती पर आयोजित इस सभा का विषय भी मौके के मुताबिक ही था-प्रगतिशील ताकतों की एकता।

उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत और उसके बाद

क्या सपा और बसपा का गठबंधन संभव है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-05-04 11:31
उत्तर प्रदेश में भाजपा के हाथों भारी पराजय पाने के बाद विपक्षी पार्टियां महागठबंधन की बात करने लगी हैं। उन्हें लगता है कि यदि भाजपा को हराना है, तो उन सबको एक साथ आना ही होगा। उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए वे कहते हैं कि वहां यदि समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस द्वारा प्राप्त मतों को जोड़ दिया जाय, तो वे करीब 50 फीसदी होते हैं, जबकि लगभग 40 फीसदी पाकर ही भाजपा ने 403 में से 325 सीटों पर जीत हासिल कर ली।
भारत

कांग्रेस संगठन में जान फूंकना आसान नहीं

सोनिया को अपने पद पर बने रहना होगा
कल्याणी शंकर - 2017-05-03 09:00
क्या सोनिया गांधी एक बार फिर अपनी पार्टी के मुख्य मोर्चे पर आ गई हैं? 2013 में राहुल गांधी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाने के बाद वह पृष्ठभूमि में चली गई थीं और पार्टी के निर्णय लेने का जिम्मा राहुल के ऊपर आ गया था। पर अब पार्टी के अंदर कोई भी राहुल को अध्यक्ष बनाने की बात नहीं कर रहा है, क्योंकि पार्टी में हौसलापस्ती का माहौल है। पार्टी के अंदर राहुल के खिलाफ असंतोष बढ़ता जा रहा है। पुराने और नये लोगों के बीच की लड़ाई भी जारी है।
भारत

माओवाद से संबंधित सरकार की नीति में स्पष्टता नहीं

गृह मंत्रालय को सुकमा की घटना से सबक लेनी चाहिए
हरिहर स्वरूप - 2017-05-02 12:32
माओवादी समस्या से निपटने के लिए केन्द्र सरकार के पास कोई स्पष्ट नीति नहीं है, इसका पता सुकमा की घटना से लगता है, जिसमें केन्द्रीय सुरक्षा पुलिस बल के 25 जवान मारे गए थे। स्पष्ट रणनीति का अभाव और केन्द्रीय बलों पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता ने माओवादियों के खिलाफ किए जा रहे संघर्ष को कुंद बना दिया है।

लाल बत्ती पर सरकार का निर्णय जनहित में सराहनीय कार्य

भरत मिश्र प्राची - 2017-05-01 13:43
देश में आत्मगौरव एवं सर्वोच्य प्रतिष्ठा का परिचायक बनी वी आई पी संस्कृृति से जुड़ी लाल बŸाी की गाड़ी से लाल बत्ती हटाये जाने का केन्द्र सरकार का देश हित में लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे केन्द्र सरकार के प्रति आम जन में विश्वसनीयता बढ़ी है। केन्द्र सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले से पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरिन्दर सिंह एवं यू.पी. के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी ने लाल बत्ती की गाड़ी का त्याग कर सही मायने में सही जनप्रतिनिधि बनने का परिचय दिया है, जिसकी देश की आम जनता सच्चे मन से सराहना कर रही है। इस तरह के कदम से निश्चित तौर पर लाल बत्ती में बैठकर आमजन के बीच रूतबा जमाने वालों पर लगाम कसेगी एवं इसकी आड़ में पनप रहे अपराध को विराम लगेगा।

भगवा लंपटवाद से योगी को शर्मिंदगी

हिन्दुत्ववादी उत्तर प्रदेश में नियंत्रण से बाहर
प्रदीप कपूर - 2017-04-29 09:29
लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कानून व्यवस्था की भारी समस्या का सामना कर रही है। यह समस्या सबसे ज्यादा भगवा संगठन खड़ी कर रहे हैं। पिछले एक महीने से वे समस्या खड़ी करने में विशेष रूप से सक्रिय हैं।

बस्तरः हिंसा का खत्म न होने वाला सिलसिला

आदिवासियों को शांतिपूर्ण लड़ाई के लिए कौन संगठित करेगा?
अनिल सिन्हा - 2017-04-28 13:15
माओवादी हिंसा में कमी के मुख्यमंत्री रमन सिंह के हाल के दावों के बीच बस्तर के सुकमा में 25 अप्रैल, 2017 को हुई सीआरपीएफ के 25 जवानों की मौत ने सरकार की नींद उड़ा दी है। महीना भर पहले, 11 मार्च को इसी इलाके में सीआरपीएफ के 12 जवान मारे गए थे। इस घटना ने एक बार और साबित किया है कि बस्तर में बरसों से चल रहा हिंसा का तांडव थमा नहीं है और न ही इसके थमने के आसार है। सुकमा में हुई दोनों घटनाओं के बारे में जिस तथ्य पर गौर करना सबसे ज्यादा जरूरी है कि ये घटनाएं सड़क-निर्माण को सुरक्षा देने वाले जवानों पर आक्रमण के रूप में सामने आई हैं। सरकार इन इलाकों को सड़क से जोड़ने पर अमादा है, लेकिन स्थानीय आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं। माओवादी इस विरोध को आवाज द रहे हैं और बदले में हिंसा पर आधारित अपनी राजनीति के लिए समर्थन हासिल कर रहे हैं।

दिल्ली में आप की हार

भ्रष्टाचार का बढ़ सकता है बोलबाला
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-04-27 12:10
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार हो गई। उसकी हार के कारण भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के तीनों नगर निगमों पर जीत गई। लेकिन चुनावी नतीजे को देखा जाय, तो यह मूल रूप से भारतीय जनता पार्टी की जीत नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी की हार है। भारतीय जनता पार्टी को कुल मतों का 36 प्रतिशत ही मिले यानी उनके मतों में पिछली विधानसभा के चुनाव के वनिस्पत चार फीसदी से भी कम की वृद्धि हुई, जबकि आम आदमी पार्टी का मत प्रतिशत विधानसभा में मिले 54 प्रतिशत से घटकर 26 पर सिमट गया। यानी आम आदमी पार्टी का मत प्रतिशत आधा से भी ज्यादा घटा। आप के समर्थक मतदाता भाजपा की ओर नहीं गए, बल्कि वे कांग्रेस और अन्य गैरभाजपाई उम्मीदवारांे की ओर गए और मतदाताओं के एक बड़े तबके ने वोट ही नहीं डाला।