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तमिलनाडुः क्या दिनकरन बन पांएगे नया राजनीतिक सितारा?

अमूल्य गांगुली - 2017-12-29 12:30 UTC
तमिलनाडु किस राजनीतिज्ञ को पसंद करता है इसका अंदाजा लगाना हर वक्त आसान नहीं होता है, खासकर देश के बाकी हिस्सों की तुलना में। उदाहरण के तौर पर एमजी रामचंद्रन के निधन के बाद जिम्मेदारी कुछ समय तक लोकप्रिय अभिनेता की पत्नी जानकी के कंधों पर रहने के बाद लोगों की स्वीकृति से उनकी प्रेमिका जयललिता के पास आ गई।

राजनीतिक उथल-पुथल से भरा रहा 2017

आगामी वर्ष को भी यह करेगा प्रभावित
डाॅ. भरत मिश्र प्राची - 2017-12-29 12:22 UTC
राजनीतिक उथल- पुथल का दौर पूरे वर्ष चलता रहा जहां लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत सत्ता परिवर्तन के इस दौर में जो दल कभी पीछे चल रहे थे, आज सबसे आगे है , जो आगे रहे थे , सबसे पीछे खड़े हैं । जनता जर्नादन किसे तख्त ताज देगी, किसे पदच्युत कर देगी, कोई नहीं जानता ? लोकतांत्रिक प्रक्रिया का इससे ज्यादा जीता जागता और क्या प्रमाण हो सकता है। इस तरह के हालात के पीछे राजनीतिक दांव पेंच एवं सत्ता पक्ष के प्रति उभरता आक्रोश मुख्य कारण रहा।

केरल इस्लामी सहयोग समिति पर सतर्कता

मुख्यमंत्री ने चेतावनी जारी की
पी श्रीकुमारन - 2017-12-28 12:58 UTC
तिरुअनंतपुरमः कन्नूर स्थित हलाल फैदाह काॅपरेटिव सोसायटी ने बैंकिंग के इस्लामिक सिद्धांत पर आधारित एक और काॅपरेटिव सोसायटी तैयार करने की योजना बनाई। उस सोसायटी का उद्घाटन भी हो गया, लेकिन उसके उद्धाटन पर पैदा हुआ जोश जल्द ही ठंढ़ा पड़ने लगा है। इसका कारण है मुख्यमंत्री पी विजयन द्वारा उसे लेकर जारी की गई एक चेतावनी।

आटोमेशन से ज्यादा नौकरियां मिलेगी

मशीनीकरण से रोजगार बढ़ेगा या घटेगा
के रविंद्रन - 2017-12-28 12:55 UTC
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृ़ित्रम बुद्धि) के प्रसार से लाखों नौकरियों के खत्म हो जाने की जैसी चिंता भारत को सता रही है वैसा बीपीओ के काम में लगे किसी दूसरे देश को नहीं। यह नीति निर्धारकों, ट्ेªड यूनियनों, साफ्टवेयर तथा दूसरे उद्योगों को समान रूप से परेशान कर रहा है। आउटसोर्सिंग के केंद्र के रूप में भारत का वर्चस्व कम खर्च और सस्ती मजदूरी की वजह से है। इसने विकास दर को बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें से कई नौकरियां आटोमेशन की वजह से खत्म होने जा रही है। इस बारे में आई सभी रिपोर्टों ने भय पैदा किया है। कुछ ने तो आईटी उद्याोग में 2021 तक 640,000 नौकरियों के जाने की संभावना व्यक्त की है।

दिनाकरण हैं तमिलनाडु के छुपे रूस्तम

आरके नगर की जीत क्या पार्टी पर उनको कब्जा दिला पाएगी?
कल्याणी शंकर - 2017-12-27 10:40 UTC
एक बार फिर तमिलनाडु चर्चा में है। इस बार राधाकृष्णन नगर (आरके नगर) विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव नतीजे के कारण यह चर्चा में है। इस उपचुनाव मे आॅल इंडिया अन्ना डीएमके से निष्कासित टीटीवी दिनकरण की 40 हजार से भी ज्यादा मतों से जीत हुई है। इस नतीजे से यह भी पता चलता है कि तमिलनाडु चुनाव में भ्रष्टाचार कोई मुद्दा ही नहीं है। किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि भ्रष्ट छवि रखने वाले दिनकरण को जयललिता के इस चुनावी क्षेत्र से इस तरह की जबर्दस्त सफलता मिलेगी।

अथ बाबा वीरेन्द्र देव दीक्षित कथा

आखिरकार लोगों को हो क्या गया है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-12-26 12:18 UTC
आशाराम बापू और गुरमीत राम रहीम सिंह इंशां के बाद एक और बाबा आज कानून के कड़े हाथ का सामना कर रहा हैं और कहानी वही पुरानी है। आस्था की आड़ में महिलाओं का यौन शोषण। लेकिन ये बाबा, जिनका नाम वीरेन्द्र दीक्षित हैं पहले वाले दोनों बाबाओं से भी ज्यादा खूंखार दिखाई पड़ रहे हैं। वे स्वघोषित कृष्ण हैं और 16 हजार महिलाओं से शारीरिक संबंध बनाना अपना नैसर्गिक अधिकार समझते हैं। वे कभी कभी अपने को शिव भी कहते हैं और जिन महिलाओं से संबंध बनाते हैं, उन्हें पार्वती का दर्जा दे देते हैं। वे बाबा हैं। अपने को कृष्ण समझें या शिव, लेकिन हमारे देश के लोगों को क्या हो गया है? उनकी इज्जत अपने घरों की महिलाओं में सिमटी होती है, लेकिन उसी इज्जत को वे सरेआम बाबाओं के सामने समर्पित क्यों कर देते हैं?

2 जी स्पेक्ट्रम मुकदमे पर फैसला

नरेन्द्र मोदी की छवि को झटका
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-12-23 10:51 UTC
कुख्यात 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले से संबंधित मुकदमे का फैसला गुजरात चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी की छवि को एक और झटका है। गुजरात में भले ही जीत भारतीय जनता पार्टी की हो गई हो, लेकिन उस जीत के लिए नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह की गैरजिम्मेदार बयानबाजी की और देश के पूर्व सेनाध्यक्ष की शिरकत वाली एक बैठक कों भी गुजरात चुनाव में एक मुस्लिम को मुख्यमंत्री बनने की पाकिस्तानी साजिश बता दिया, उसके कारण उनकी छवि को काफी नुकसान हो चुका है। इससे यह संकेत गया है कि चुनाव जीतने के लिए प्रधानमंत्री किसी भी हद तक जाकर झूठ का सहारा ले सकते हैं।

चुनावी प्रक्रिया के तहत ईवीएम को आधार से जोड़ा जाना चाहिए!

डाॅ. भरत मिश्र प्राची - 2017-12-22 11:02 UTC
लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत सत्ता परिवर्तन के इस दौर में जो दल कभी पीछे चल रहे थे, आज सबसे आगे है , जो आगे रहे थे , सबसे पीछे खड़े हैं । जनता जर्नादन किसे तख्त ताज देगी, किसे पदच्यूत कर देगी, कोई नहीं जानता ? लोकतांत्रिक प्रक्रिया का इससे ज्यादा जीता जागता और क्या प्रमाण हो सकता है। चुनाव में जीत तो सबकुछ सही, हार तो हर प्रक्रिया संदेह के दायरे में , कुछ इसी तरह के परिवेश भारतीय लोकतंत्र में उभरने लगे है। जनाक्रोश को समझने के वजाय लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर संदेहात्मक सवाल उभरने लगे है। आज की मतदान कराने की आधुनिक प्रणाली इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशाीन पर कुछ इसी तरह के सवाल उभरने लगे है । जब कि यह प्रणाली मत पत्र प्रक्रिया से अधिक विश्वसनीय एवं तीव्रगति से परिणाम देने वाली साबित हुई ।

राहुल गांधी अनियंत्रित बयान देने वालों कांग्रेसियों को रोकें

सुशील कुट्टी - 2017-12-22 10:55 UTC
हर राजनीतिक पार्टी यही करती है कि पार्टी की राजनीतिक विफलताएं उसके नेता को नहीं छुए। अभी कांग्रेस में इसी का समय है। इसके बावजूद कि राहुल गंाधी ने ‘‘नैतिक विजय’’ का दावा किया है, उन्हें गुजरात की पराजय से अलग रखने के लिए काफी मेहनत चल रही है। उन्हें ऐसी प्रवृति को हतोत्साहित करना चाहिए। उन्हें कांग्रेसजनों को इसका स्मरण दिलाना चाहिए कि कांग्रेस 132 साल पुराना पार्टी है जिसके इतिहास से ईष्र्या की जा सकती है। एक मजबूत इतिहास है इसका। यही पार्टी है जिसने भारत को आजादी पाने में नेतृत्व दिया। आधुनिक भारत के कुछ बड़े दिग्गजों को कांग्रेस ने आधार दिया और वे आजादी की लड़ाई के उतार-चढाव से होकर गुजरे।

अखिलेश चाहते हैं कि राहुल महागठबंधन के लिए काम करें

सपा अध्यक्ष को 2019 में बड़े बदलाव की उम्मीद
प्रदीप कपूर - 2017-12-22 10:53 UTC
लखनऊः जीत के बावजूद गुजरात में भाजपा को लगे जबर्दस्त झटके के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ने प्रस्ताव किया है कि राहुल गांधी को एक महागठबंधन बनाने की ओर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह का गठबंधन भाजपा- आरएसएस की जहरीली राजनीति को 2019 में पराजित करना आवश्यक है।