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लोकसभा उपचुनाव: हिसार बन गया है अब कुरूक्षेत्र

कांग्रेस की बौखलाहट स्वाभाविक है
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-10-10 12:36
लोकसभा के उपचुनाव तो प्रत्येक साल किसी न किसी संसदीय क्षेत्र में होते ही रहते हैं, पर उस चुनाव को वह महत्व नहीं मिलता, जो आज हिसार को मिल रहा है। भजनलाल के निधन से यह सीट खाली हुर्इ है और पिछले चुनाव की तरह इस बार भी यहां तिकोना संघर्ष चल रहा था। कुलदीप बिश्नोर्इ अपने पिता की इस सीट को अपने लिए जीतना चाह रहे थे। पिछले चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी ने इस बार अपना उम्मीदवार बदल दिया। इस बार श्री चौटाला के बेटे अजय चौटाला मैदान में हैं, तो तीसरे स्थान पर रही कांग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवार जयप्रकाश को ही फिर से मैदान में उतार दिया।
उत्तर प्रदेश विशेष

चौथे दौर की समाजवादी क्रांति रथयात्रा पूरी

युवाओं की भारी भागीदारी
प्रदीप कपूर - 2011-10-10 12:31
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादवपे अपनी समाजवादी क्रांति रथयात्रा का चौथा दौर पूरा कर लिया है। 9 अक्टूबर को उनका यह दौर पूरा हुआ। इसके दौरान उन्हें लोगों का जबर्दस्त समर्थन हासिल हुआ।

लड़की को बचाना एक बड़ा मसला

मध्यप्रदेश सरकार ने ''बेटी बचाओ'' अभियान शुरू किया
एल एस हरदेनिया - 2011-10-08 10:47
भोपाल: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोकप्रियतावादी अभियानों को चलाने में बहुत तत्परता दिखाते हैं। राज्य में पहले से ही महिलाओं से संबंधित दो कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहे हैं। वे कार्यक्रम हैं लाड़ली लक्ष्मी और कन्यादान। लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत सभी लड़कियां 21 साल पूरे होने पर 1 लाख रुपया पाने की हकदार हो जाती हैं। राज्य सरकार उन्हें यह राशि देती है। कन्यादान योजना के तहत राज्य सरकार लड़की की शादी कि समय गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता करती है। अब राज्य सरकार ने पिछले 5 अक्टूबर से महिलाओं के लिए एक और योजना शुरू की है और उसका नाम रखा है बेटी बचाओ अभियान।

सघन चिकित्सा कक्ष में कांग्रेस

मध्यावधि चुनाव की कितनी संभावना?
कल्याणी शंकर - 2011-10-07 12:49
क्या लोकसभा के मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं? क्या कांग्रेस और भाजपा इसके लिए तैयार हैं? ये सवाल आज पूछे जा रहे हैं। भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी तो मध्यावधि चुनाव करवाने की मांग पिछले कुछ महीने से कर रहे हैं, अब तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अलग तरीके से इस पर चर्चा चला दी। अमेरिकी यात्रा से लौटते वक्त उन्होंने पत्रकारों से कहा कि विपक्ष और खासकर भाजपा उनकी सरकार को असिथर करने की कोशिश कर रही है, ताकि देश में लोकसभा का अगला चुनाव अपने निर्धारित समय से पहले ही हो जाय।

भारत का आर्थिक दु:स्वप्न

महंगाई की फांस में उलझ गयी है विकास दर
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-10-05 12:39
आज अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक माहौल ही नहीं, खुद भारत का आंतरिक माहौल भी बहुत अच्छा नहीं है। आर्थिक और गैर आर्थिक दोनों किस्म के माहौल विकास की हमारी कोशिशों के खिलाफ खड़े दिखार्इ पड़ रहे हैं। आर्थिक माहौल की बात करें, तो मुद्रास्फीति एक बहुत बड़ी चुनौती बनकर हमारे सामने खड़ी है। महंगार्इ की आम दर तो अपने आपमें ज्यादा है ही, खाध वस्तुओं की मुद्रास्फीति भी लगातार ऊंची बनी हुर्इ है। यह अभी भी दहार्इ अंकों के आसपास है। पिछले साल तो यह 18 फीसदी के आसपास थी। सहज अंदाज लगाया जा सकता है कि 18 फीसदी के बेस पर वर्तमान 9 से 10 फीसदी की खाध मुद्रास्फीति दर देश के आम लोगों के लिए कितना जानलेवा साबित हो रही होगी।

कश्मीर में कुछ नरम दिखाई पड़ सकता है पाकिस्तान

भारत को सीमा की स्थिति की लगातार समीक्षा करनी होगी
बी के चम - 2011-10-04 13:10
पाकिस्तान के अमेरिका के साथ रिश्ते लगातार कटु होते जा रहे हैं। सवाल उठता है कि इसका पाकिस्तान की कश्मीर में संलिप्तता पर क्या असर पड़ेगा? सवाल यह भी उठता है कि इससे भारत और पाकिस्तान के बीच शांति के लिए चल रही बातचीत पर भी क्या असर पड़ेगा?
उत्तर प्रदेश विशेष

बसपा से गठबंधन का मसला

भाजपा में एक राय नहीं
प्रदीप कपूर - 2011-10-04 13:07
लखनऊ: अन्ना हजारे के आंदोलन के बाद भारतीय जनता पार्टी का ग्राफ ऊंचा होता दिखार्इ पड़ रहा है, लेकिन पार्टी के अंदर इस बात को लेकर भारी दुविधा है कि बसपा के साथ चुनावी गठबंधन किया जाय या नहीं। चुनाव के पहलं पार्टी का बसपा के साथ कोर्इ गठबंधन नहीं होने जा रहा है, लेकिन सवाल यह है कि चुनाव के बाद क्या भाजपा बसपा से एक बार और गठबंधन करना चाहेगी या नहीं? गौरतलब है कि भाजपा ने अब तक तीन बार बसपा के साथ गठबंधन किए हैं और तीनों बार उसने मायावती को मुख्यमंत्री बनाया है।

पश्चिम बंगाल में सीपीएम हो गई है दिशाहीन

ममता बनर्जी इसका उठा रही हैं फायदा
आशीष बिश्वास - 2011-10-03 17:52
कोलकाता: कुछ मायने में पश्चिम बंगाल मे सीपीएम अपनी गलतियों से सबक सीखने को तैयार नहीं है। इसने अपनी हार से भी कुछ नहीं सीखा है। आज वह एक अजेय योदधा के पद से गिरकर एक पराजित योदधा की गति पा चुकी है, लेकिन वह फिर भी अपने आपको बदलने के लिए तैयार नहीं दिखती। इसका फायदा ममता बनर्जी को हो रहा है।

सोनिया गांधी ने गृहमंत्री को क्यों बचाया?

चिदंबरम की घमकी ने असर दिखाया
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-10-01 11:29
टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर कांग्रेस के अंदर चल रहा घमसान अब समाप्त हो गया है, लेकिन इस घमासान ने पार्टी और सरकार की छवि और भी धूमिल कर दी है। इस घमसान ने पहली बार पार्टी के शिखर नेतृत्व को भी संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है। अब तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पी चिदंबरम का संरक्षक माना जाता था। अब पहली बार यह दिखार्इ पड़ा है कि श्री चिंदबरम को सरकार में बनाए रखने में मनमोहन सिंह से ज्यादा सोनिया गांधी की दिलचस्पी है।

कांग्रेस की तेलंगाना पर कोई नीति नहीं

टाल मटोल की नीति समस्या का हल नहीं
कल्याणी शंकर - 2011-09-30 13:18
पंद्रह दिनों से भी ज्यादा से आंध्र प्रदेश का तेलंगाना क्षेत्र आंदोलन की आग से झुलस रहा है। राजधानी हैदराबाद भी इससे अछूता नहीं है। लेकिन क्या यह राष्ट्रीय मीडिया का ध्यान आकर्षित कर रहा है? देश की राजधानी की राजनीति केन्द्र सरकार के दो मंत्रियों के विवादों के नीचे दबी हुर्इ है और तेलंगाना के मसले पर कोर्इ ध्यान ही नहीं दे रहा है। न तो कांग्रेस सोनिया गांधी और न ही प्रधानमंत्री को तेलंगाना के आंदोलन की कोर्इ चिंता है।