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महाराष्ट्र कांग्रेस का संकट गहराया

सोनिया का काम आसान नहीं
कल्याणी शंकर - 2010-11-06 18:14
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अशोक चौहान की उनकी पसंद गलत साबित होगी। जब महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बदला जा रहा था, तो उस समय राहुल गांधी की पसंद थे अशोक चौहान। अनेक वरिष्ठ नेताओं के ऊपर उन्हें वरीयता मिली, तो उसका कारण यही था कि राहुल गांधी उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। कांग्रेस की नई पीढ़ी के हाथों में संगठन और सरकार की बागडोर क्रमशः थमाते जाने के उद्देश्य से ही श्री चौहान का मुख्यमंत्री का पद नवाजा गया था।

रिपब्लिकन ने कांग्रेस पर कब्जा किया

ओबामा के एजेंडा खतरे में
एस सेतुरमन - 2010-11-04 18:09
वाशिंगटनः दो नवंबर को हुए मघ्यावधि चुनाव में ओबामा की रिपब्लिकन पार्टी को हरा कर डेमाक्रेटिक पार्टी द्वारा कांग्रेस पर कब्जा किए जाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हालांकि 100 सदस्यीय सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी ने किसी तरह अपना बहुमत बरकरार रखा है, लेकिन कांग्रेस के लिए हुए चुनावों में मिली करारी हार के बाद ओबामा की नीतियों पर अंकुश लगने का आधार तैयार हो गया है। कांग्रेस के अलावा गवर्नरों के लिए हुए चुनाव में भी रिपब्लिकन की मात हुई।

कश्मीर के वार्ताकार - केन्द्र चाहता क्या है?

उपेन्द्र प्रसाद - 2010-11-03 18:06
कश्मीर के गर्म माहौल को ठंढा करने के लिए केन्द्र सरकार ने सभी पार्टियों के नेताओं की घाटी में यात्रा करवा दी थी। उस यात्रा से कुछ बेहतर परिणाम भी निकल रहा था। कश्मीर की समस्या एक राजनैतिक समस्या है। इसलिए उसका समाधान भी राजनैतिक ही होगा। राजनैतिक लोगों को उसमें शामिल कर उसे शांत रखा जा सकता है। पर केन्द्र सरकार ने अच्छी शुरुआत के बाद अपने सारे किए पर पानी फेर दिया। वहां के लोगों से सतत बातचीत करने के लिए वार्ताकार नियुक्त करने का उसका निर्णय सही था, लेकिन वार्ताकार के रूप में जिन तीन लोगों को उसने नियुक्त किया, उससे जाहिर हो गया कि केन्द्र सरकार के प्रयास दिशाहीन हैं।

स्थानीय निकायों के चुनाव और उसके बाद

सीपीएम के लिए आत्ममंथन का समय
पी श्रीकुमारन - 2010-11-02 18:02
तिरुअनंतपुरमः केरल में हुए स्थानीय निकायों के चुनावों में मिली करारी हार के बाद लोकतांत्रिक वाम मोर्चा (एलडीएफ) और उसका नेतृत्व कर रही सीपीएम के पास अब 7 महीने बच गए हैं। इन्हीं सात महीनों में उसे वह सबकुछ करना है, जिसके कारण वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में अपनी हार से बच सके।

खुदरा व्यापार का क्षेत्र विदेशी कंपनियों के लिए खोले जाने का विरोध में उतरेगी स्वेदशी जागरण मंच

एस एन वर्मा - 2010-11-02 06:41
नई दिल्ली। स्वदेशी जागरण मंच ने अमेरिका के प्रेसिडेंट बराक ओबामा के भारत आगमन पर खुदरा व्यापार के क्षेत्र में होने वाली संभावित संधि का जोरदार विरोध करने का निर्णय किया है। मंच के प्रवक्ता डा अश्विनी महाजन के अनुसार बराक ओबामा के आने के पहले से ही वालमार्ट के प्रमुख माइकल टी डयूक ने दिल्ली में डेरा जमा लिया है औरं वणिज्य मंत्री आनंद शर्मा और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने उन्हें आश्वासन भी दिया है। मंच को आशंका है कि सरकार बहुत जल्द ही वालमार्ट,टेस्को,कैरीफोर जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपने स्टोर भारत में खोलने के लिए अनुमति देने जा रही है।

असम में कांग्रेस की बढ़ती मुश्किलें

राष्ट्रीय रजिस्टर का निर्माण चुनाव को प्रभावित कर सकता है
बरुण दाय गुप्ता - 2010-11-01 17:58
कोलकाताः असम में विधानसभा के आमचुनाव अगले साल की शुरुआत में होने वाले हैं। इसमें कांग्रेस को फिर से सत्ता में आने के लिए एड़ी चोटी का पसीना एक करना पड़ेगा, क्योंकि कुछ ऐसे मसले सामने आ गए हैं, जिनका जवाब देना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है। ये मसले अगले चुनावों में केन्द्रीय भूमिका निभाएंगे।

जे. पी. बनाम राहुल गांधी - तुलना अतुलनीय में

अवधेश कुमार - 2010-10-30 17:54
इस बात की किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि कभी जयप्रकाश नारायण की तुलना राहुल गांधी से की जा सकती है। कांग्रेस के लिए इससे कितनी असहज स्थिति पैदा हो गई होगी इसका प्रमाण था 21 अक्टूबर को नियमित पत्रकार वार्ता का टाला जाना। हालांकि पार्टी सचिव एवं प्रवक्ता मोहन प्रकाश ने अपने बयान पर स्पष्टीकरण दे दिया है, पर इससे जयप्रकाश बनाम राहुल गांधी पर बहस समाप्त नहीं होने वाली। वास्तव में ऐसा एक भी पहलू नहीं जिससे जयप्रकाश नारायण के साथ राहुल गांधी की तुलना की जाए।

आंध्र प्रदेश राजनैतिक संकट की ओर

श्रीकृष्णा आयोग की रिपोर्ट के साथ आएगा तूफान
कल्याणी शंकर - 2010-10-29 17:50
आंध्र प्रदेश में खतरे की घंटी बजनी शुरू हो गई है। पृथक तेलंगाना राज्य का मसला फिर जोर पकड़ने वाला है। श्री कृष्ण आयोग की रिपोर्ट 31 दिसंबर तक आ जाएगी। उसके पहले ही माहौल गर्म होने लगा है। सभी पक्ष अगली लड़ाई के लिए अपने आपको तैयार कर रहे हैं।

केरल सरकार और टेकॉम के बीच चूहे बिल्ली का खेल

दोनों पक्ष टकराव से बच रहे हैं
पी श्रीकुमारन - 2010-10-28 14:48
तिरुअनंतपुरमः केरल सरकार दुबई स्थित टेकॉम कंपनी को अंतिमेत्थम दिए हुए एक महीना से भी ज्यादा हो गया है, लेकिन स्मार्ट सिटी परियोजना पर छाए भ्रम के बादल अभी तक समाप्त नहीं हुए हैं। केरल सरकार ने वह नोटिस 1 सितंबर को ही दिया था। कहा गया था कि टेकॉम को स्थिति स्पष्ट करने के लिए 15 सितंबर तक का समय दिया जाता है। उस नोटिस के बाद टेकॉम ने मांग की थी कि उसे 30 सितंबर तक का समय दिया जाय।

नवरत्न कंपनियों का विनिवेश

सही कीमत तो लगाए सरकार
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-10-27 14:44
केन्द्र सरकार नवरत्न कंपनियों का विनिवेश कर रही है। मनमोहन सिंह की सरकार अपनी पहले कार्यकाल में वामदलों के दबाव के कारण अपनी इच्ठानुसार यह काम नहीं कर सकी थी, पर आज उस पर वाममोर्चा का कोई दबाव नहीं है। उसके सहयोगी घटकों को भी विनिवेश पर आपत्ति नहीं है। डीएमके ने एक कंपनी विशेष के विनिवेश का विरोध किया था। उसे विनिवेश के दायरे से बाहर रखा गया है।