Loading...
 
Skip to main content

View Articles

ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

बदलता उत्तर प्रदेश

मायावती, मुलायम और मनमोहन
System Administrator - 2007-10-20 06:14 UTC
क्या मायावती बहुस्तरीय अन्यायपूर्ण और शोषण पर आधारित प्रणाली बदल पायेंगी ?
उत्तर प्रदेश की सत्ता में अपने दम पर बहुमत से आने के बाद मायावती जाति, नस्ल, और धर्म से ऊपर उठकर विकास की राजनीति के रास्ते चल पड़ी हैं। यह अच्छी बात है। लेकिन इससे भी अच्छी बात यह कि हाल में उनके द्वारा उठाये गये साहसिक कदम के तहत अन्यायपूर्ण और शोषण पर आधारित अर्थव्यवस्था बदलने की कोशिश एक ऐसे समय में की गयी है जब मनमोहन सिंह के नेतृत्व में केन्द्र की सरकार उसका सम्पोषण करते हुए उसी गलत प्रणाली को बढ़ावा दे रही है और राज्य के पूर्व मुख्य मंत्री मुलायम सिंह ने भी ऐसा ही किया था। लेकिन सवाल है कि क्या वह सफल हो पायेंगी या फिर उसी दुश्चक्र में फंस जायेंगी?
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

हरियाणा में पंचायती राज

System Administrator - 2007-10-20 05:59 UTC
सारे देश की तरह हरियाणा में भी पंचायती राज के मामले में सरकार असंवैधानिक तौर तरीकों से चल रही है और स्वसरकार (तीसरे तृणमूल स्तर की सरकार) का बंटाधार किया जा रहा है, लेकिन जनता को लुभाने के लिए आकर्षक घोषणाएं की जाती हैं और पत्रकार सम्मेलनों में उन्हें इस ढंग से पेश किया जाता है मानो सरकार ने तीर मार लिया।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

गरीब-विरोधी रेलवे ...

System Administrator - 2007-10-20 05:57 UTC
भारत के रेलवे स्टेशनों पर सामान बेचकर आजीविका चलाने वाले गरीब वेंडरों की गर्दनें अब बलि के खूंटे पर रख दी गयी हैं। उन्हें नीतिगत सुधारों के नाम पर धनी ठेकेदारों से मुकाबला करने को विवश किया जा रहा है। स्वाभाविक तौर पर गरीब वेंडरों को अपने काम और आजीविका से हाथ धोना पड़ेगा।

ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

सांसद और संसदीय आचार संहिता

System Administrator - 2007-10-20 05:54 UTC
गुरुवार को भारतीय संसद के पतन का एक और रिकार्ड उस समय बना जब जद (यू) नेता प्रभुनाथ सिंह और राजद नेता तथा रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव के बीच हाथापाई की नौबत आ गयी। फिर दोनों तरफ के सदस्यों द्वारा उत्पन्न किये गये गाली-ग्लौज और शोर-गुल के माहौल में प्रभुनाथ सिंह ने लोक सभा की सदस्यता से त्यागपत्र भी दे दिया।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

राजनीतिज्ञों के निशाने पर ...

System Administrator - 2007-10-20 05:52 UTC
भारत वैश्वीकरण की नीति पर चल रहा है। हमारे नेता बड़े उत्साह के साथ आगे बढ़ रहे हैं। विधायिका और कार्यपालिका को चलाने वाले ये जन प्रतिनिधि जिस दिशा में बढ़ रहे हैं और जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं उतनी तेजी से बेचारी न्यायपालिका नहीं चल पा रही है।

ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

मां के दूध में भी कीटनाशक!

System Administrator - 2007-10-20 05:50 UTC
भारत में शीतल पेयों में कीटनाशक की मात्रा को लेकर चल रहे विवाद और विभिन्न सरकरी तथा गैर सरकारी संस्थानों में एक के बाद एक अमेरीकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के पेय कोका-कोला या कोक और पेप्सी को प्रतिबंधित करने का सिलसिला चल पड़ने पर अब हमारे देश के कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि कीटनाशक की मात्रा तो नारियल के पानी और माँ के दूध में भी होती है!
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

आसमान छूती कीमतें और सरकारी

System Administrator - 2007-10-20 05:48 UTC
खुली बाजार व्यवस्था के तहत अधिसंख्य वस्तुओं के लिए मूल्यों को बेलगाम छोड़ देने के सरकारी निर्णयों के बाद भारत में लगभग सभी आम जरुरतों की वस्तुओं, विशेषकर खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं। सरकार सिर्फ इन्हें नियंत्रित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बीच-बीच में दुहरा देती है, लेकिन उसके कदम खुली बाजार व्यवस्था की ओर ही बढ़ती हैं।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

परमाणु समझौताः क्या खोया क्या

System Administrator - 2007-10-20 05:45 UTC
अमरीकी प्रतिनिधि सभा में भारत-अमेरिका नाभिकीय समझौते के संबंध में जिस तरह के विधेयक पर विचार हो रहा था उसपर अंततः प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह ने भी कह दिया कि उसकी कुछ बातें भारत के लिए चिंतनीय थीं। राज्य सभा में उनके इस बयान के कुछ ही समय बाद अमरीकी प्रतिनिधि सभा ने इसे भारी बहुमत से पारित कर दिया।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

असली देशप्रेमियों की जान पर

System Administrator - 2007-10-20 05:43 UTC
समय - स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या। अवसर - भारत के राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम द्वारा देश के कुछ विशेष लोगों के लिए एक प्रीतिभोज का आयोजन। इस अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन। आकाशवाणी के कलाकारों द्वारा कारगिल के जवानों पर स्वयं श्री कलाम की लिखी कविता का हिंदी में गायन। देशप्रेम का ऐसा माहौल कि कोई भी देशभक्त रोमांचित हो उठे।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

पाठक रपट के पहले और उसके बाद

System Administrator - 2007-10-20 05:40 UTC
खनिज तेल के बदले खाद्यान्न वाले संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम के तहत भारत के नेताओं, उनके सगे संबंधियों और चहेतों ने लाभ उठाया, जो स्पष्ट है। लेकिन दुखद पहलू यह है कि उनकी ऐसी जांच कभी नहीं करायी गयी जिसपर उंगलियां न उठायी जा सकें।