जब राजनयिक सहयोगी लड़ते हैं, तो पक्ष चुनना नासमझी है
यूक्रेन मुद्दे पर भारत का सतर्कतापूर्वक चलना वांछनीय है
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2022-03-01 10:53
अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो और रूस से जुड़ी युद्ध जैसी स्थिति के सामने यूक्रेन संकट में पक्ष न लेकर भारतीय कूटनीति ने एक महान चरित्र और परिपक्वता दिखाई है। यूक्रेन पर अत्यधिक युद्ध की स्थिति पैदा करने में लगे सभी प्रमुख अभिनेता भारत के कुछ सबसे अच्छे दोस्त हैं। उनमें रूस, अमेरिका, नाटो के सदस्य और, जाहिर है, यूक्रेन शामिल हैं। भारत तनाव को कूटनीतिक रूप से कम करने की पूरी कोशिश कर रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बात कर चुके हैं। रूस और यूक्रेन के बीच उच्च तनाव को कूटनीति और चर्चा के माध्यम से तेजी से कम करने की जरूरत है। दोनों पक्षों को अग्नि शक्ति का त्याग करना चाहिए और एक संघर्ष विराम के लिए जाना चाहिए।