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अनिश्चित हो रहा है अंतरराष्ट्रीय माहौल

विदेश व्यापार की जटिल चुनौतियां
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-06-07 10:29 UTC
पिछले 23 मई को दो उल्लेखनीय घटनाएं घटी। उस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक और कार्यकाल के लिए जनादेश मिला और उसी दिन अमेरिका ने भारत को दिया जा रहा जीएसपी (जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रीफेरेंस) समाप्त कर दिया। यह अमेरिका में भारत के होने वाले निर्यात के लिए एक बड़ा झटका था। जीएसपी की तहत अमेरिका व कुछ अन्य विकसित देश भारत जैसे विकासशील देशों को निर्यात संबंधी कुछ रियायतें देते हैं, ताकि वे अमीर देशों के बाजार में अपने उत्पाद बेच सकें। भारत इसका लाभार्थी रहा है, लेकिन मोदी सरकार के दूसरी बार शपथग्रहण करने के पहले ही अमेरिका ने भारतीय निर्यात को दी जा रही वह सुविधा समाप्त कर दी।

नीतीश को नाराज कर मोदी ने गलती की

अब क्या करेंगे बिहार के मुख्यमंत्री?
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-06-06 09:42 UTC
मोदी सरकार के गठन के साथ ही भारतीय जनता पार्टी की ओर से एक भूल हो गई है और वह भूल है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नाराज करने की। नीतीश कुमार के जनता दल(यू) को मोदी मंत्रिमंडल में सिर्फ एक सीट ऑफर की गई। कायदे से उसे कम से कम तीन या ज्यादा से ज्यादा चार सीटें मिलनी चाहिए थी, क्योकि उनकी पार्टी को बिहार में 16 सीटें मिली थीं। लेकिन उसे केवल एक सीट ऑफर की गई। बिहार से ही रामविलास पासवान की पार्टी को 6 सीट मिली थी और रामविलास पासवान की पार्टी को भी एक ही सीट कैबिनेट में दी गई। पंजाब में तो शिरोमणि अकाली दल को मात्र दो ही सीटंें मिली थीं। लेकिन उसे भी कैबिनेट में एक जगह दे दी गई।

अखिलेश के लिए ठगबंधन साबित हुआ गठबंधन

बुआ ने छोड़ा बबुआ का साथ
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-06-04 08:41 UTC
आखिरकार वही हुआ, जिसे होना ही था। बुआ मायावती ने अनेक प्रकार के आरोप लगाते हुए बबुआ अखिलेश यादव का साथ छोड़ दिया है। आरोप भी ऐसे ऐसे लगाए है, जो अखिलेश के लिए अपमानजनक हैं। पहला आरोप तो यह लगाया है कि यादवों ने बसपा के उम्मीदवारों को वोट ही नहीं दिए, जिसके कारण उनके अधिकांश उम्मीदवार चुनाव हार गए। दूसरा आरोप यह लगाया है कि चाचा शिवपाल के प्रभाव को अखिलेश समाप्त नहीं कर पाए। उन्होंने यहां तक आरोप लगा दिया कि चाचा शिवपाल के कारण यादव वोट भाजपा उम्मीदवारों की ओर चले गए, जिसके कारण भाजपा की भारी जीत हुई और बसपा के ही नहीं, बल्कि सपा के भी उम्मीदवार हारते चले गए।

हार पर कांग्रेस में आत्ममंथन

अनेक खामियों की हुई पहचान
एल एस हरदेनिया - 2019-06-03 13:14 UTC
भोपालः हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी की हुई भारी हार के बारे में कांग्रेसी हलकों में सवाल पूछे जा रहे हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों में हो रही बैठकों में आत्म-आलोचनात्मक टिप्पणी की जा रही है।

अमित शाह के गृहमंत्री बनने के मायने

मुस्लिम एजेंडे पर तेजी से बढ़ सकती है मोदी सरकार
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-06-01 09:51 UTC
अमित शाह का मोदी सरकार में गृहमंत्री बनना हमारे देश की राजनीति के लिए खास मायने रखता हैं। वैसे प्रधानमंत्री किसे अपनी मंत्रिपरिषद में रखते हैं, किसे नहीं रखते हैं और किसे कौन सा मंत्रालय देते हैं, यह उनका अपना विशेषाधिकार है, लेकिन जब बात अमित शाह के गृहमंत्री बनाने की हो, तो यह एक साधारण फैसला नहीं माना जाता। जब उनके मंत्रिपरिषद में शामिल होने की बात चल रही थी, तो माना जा रहा था कि वे वित्त मंत्री हो सकते हैं, क्योंकि स्वास्थ्य खराब होने के कारण अरुण जेटली मंत्री बनने के लिए उपलब्ध नहीं थे और भारतीय जनता पार्टी में मंत्री बनने योग्य सांसदों और नेताओं की भारी कमी है। अमित शाह खुद बैंक वगैरह से जुड़े रहे हैं और सफल व्यवसायी भी रहे हैं, इसलिए उनके वित्त मंत्री बनने की संभावना ज्यादा थी।

मोदी सरकार से अरुण जेटली की बिदाई

क्या वित्तीय बदहाली से निकल पाएगा देश?
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-05-31 09:59 UTC
नरेन्द्र मोदी की सरकार ने अपना दूसरा कार्यकाल शुरू कर दिया है। पहले कार्यकाल की सरकार से यह अनेक मामलों में भिन्न है। इस भिन्नता तो यह है कि इस सरकार में अरुण जेटली नहीं होंगे। भारतीय जनता पार्टी को 23 मई को बहुमत मिलते ही इस बात की चर्चा शुरू हो गई थी कि इस बार जेटली को वित्त मंत्रालय नहीं दिया जाएगा। उन्हें किसी अन्य मंत्रालय से संतुष्ट होना होगा। उसके बाद अरुण जेटली की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा एक पत्र जारी हुआ, जिसमें उन्होंने सरकार में फिर से शामिल होने में असमर्थता जताई थी। असमर्थता की वजह यह बताई गई कि उनका स्वास्थ्य खराब रहता है और इसके कारण वे मंत्री की जिम्मेदारी निभाने में समर्थ नहीं हैं।

कमलनाथ ने सरकार और संगठन को दुरुस्त करना शुरू किया

फिलहाल मध्यप्रदेश सरकार पर कोई खतरा नहीं
एल एस हरदेनिया - 2019-05-30 12:07 UTC
भोपालः मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विभिन्न संगठनात्मक कदम उठाते हुए यह आभास देने की कोशिश की कि कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है।

कांग्रेस से निकले दलों का कांग्रेस में विलय हो

ममता एकीकृत कांग्रेस का नेतृत्व करें
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-05-29 09:54 UTC
मोदी विरोधी कहते हैं कि मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में कुछ नहीं किया और सारे वादे अधूरे रहे। अब यदि बिना कुछ किए उनकी अपनी पार्टी को 303 सीटें मिल गईं और राजग को 350 से भी ज्यादा सीटें मिल गईं, तो अनुमान लगाइये कि यदि उन्होंने अपने वायदे को पूरा कर दिया होता, तो फिर उनको तो अकेले 404 सीटें मिल जातीं और राजग को 500 सीटें मिल जातीं। तब तो भारत की लोकसभा लगभग विपक्ष मुक्त हो जाती। मोदी को एक और कार्यकाल मिल गया है। इस कार्यकाल में यदि उन्होंने अपने वायदे पूरे कर दिए, तो फिर 2024 में कहीं उन्हें कुछ वैसा ही बहुमत नहीं मिल जाए, जिसका ऊपर उल्लेख किया गया है।

सोनिया परिवार का साया कांग्रेस से हटे

राहुल या प्रियंका नहीं दे सकते कांगेस को नया जीवन
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-05-28 08:45 UTC
कांग्रेस की एक बार फिर चुनावी दुर्गति हुई है। इस बार इसने अपनी सारी ताकत लगा थी। जिस प्रियंका गांधी को कांग्रेस के तुरुप का पत्ता कहा जाता था, वह भी इस बार खुल कर मैदान में उतरी और बड़े बड़े रोडशो किए। उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों का जिम्मा उन्हें दिया गया, लेकिन उनको आबंटित क्षेत्र में भी पार्टी बुरी तरह हारी। खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए और हार की मार्जिन भी 55 हजार से अधिक रही।

सूरत हादसे ने फिर ताजा की कुंभकोणम की याद

स्कूली छात्रों को अग्नि हादसों से बचाने की चुनौती
प्रभुनाथ शुक्ल - 2019-05-27 19:08 UTC
सूरत के तक्षशिक्षा अपार्टमेंट में हुए अग्निकांड ने देश को झकझोंड़ कर रख दिया है। हादसे की खबरों ने लोगों को विचलित कर दिया, जिसने में भी टीवी पर बच्चों को चैथी मंजिल से छलांग लगाते हुए देखा उसकी रुह कांप गयी। हृदय विदारक हादसे को देख आंखें नम हो गई। जिन परिवारों के बच्चे थे उनकी उम्मीद खत्म हो गयी। सपने टूट गए, अब आंसू के सिवाय उनके पास कुछ नहीं बचा है।