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कुंडा कांड से उठते सवाल

सांप्रदायिक नजरिए से डीएसपी की मौत को क्यों देखें?
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-03-06 13:08
उत्तर प्रदेश के कुंडा की घटना जिसमें एक डीएसपी की हत्या हुई और जिसके बाद राजा भैया को अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, कोई अभूतपूर्व घटना नहीं है। देश की सबसे अधिक आबादी वाला प्रदेश अरसे से आपराधिकरण, भ्रष्टाचार, जातिवादी और सांप्रदायिक राजनीति का शिकार हो गया है और उस स्थिति से निकलने का फिलहाल कोई संकेत भी नहीं मिल रहा है। डीएसपी की हत्या और उसके बाद की घटनाओं में सबकुछ यानी जातिवाद, सांप्रायिकता, अपराधीकरण और भ्रष्टाचार एक साथ दिखाई पड़ रहे हैं।

मोगा उपचुनाव में अकाली दल की जीत

दलबदल की राजनीति अभी भी पंजाब में हावी है
बी के चम - 2013-03-05 17:17
चंडीगढ़ः कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जिनमें राजनीति को ही बदल देने की क्षमता होती है। कुछ घटनाएं लोगों के बदलते मूड को दिखाती हैं। मोगा विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव के नतीजे कुछ इसी तरह की एक घटना है।

आम बजट ने भी केरल को निराश किया

चिदंबरम ने बंसल का अनुकरण किया
पी श्रीकुमारन - 2013-03-04 13:28
तिरुअनंतपुरमः केरल के लिए यह दोहरा झटका है। पहले रेल बजट ने केरल को निराश किया था। उसके बाद आम बजट ने भी उसकी रही सही आशाओं पर पानी फेर दिया।

परिवारवाद की गिरफ्त में उत्तर प्रदेश भाजपा

पुराने दिग्गज को कर दिया गया उपेक्षित
प्रदीप कपूर - 2013-03-02 19:00
लखनऊः जब लोकसभा के चुनाव बहुत नजदीक दिख रहे हैं, वैसे समय में उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष एलके वाजपेयी द्वारा गठित की गई प्रदेश कार्यकारिणी की नई टीम ने पार्टी के लिए मुसीबतें खड़ा कर दी हैं।

काले धन के खिलाफ अभियान की उपेक्षा

व्यापार और उद्योग के लिए बजट में कुछ भी नहीं
नन्तू बनर्जी - 2013-03-01 14:12
वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अपने वादे को निभाया। उन्होंने चुनावी बजट पेश नहीं किया और कुछ लेने व कुछ देने की प्रवृति से बजट को मुक्त रखा। ऐसा करके उन्होंने समाज के सभी तबकों को नाखुश कर दिया। आम आदमी भी इस बजट से नाखुश है तो देश के सबसे अमीर तबके के लोग भी इससे खुश नहीं हैं। सच तो यह है कि जिस राजकोषीय रस्सी पर वह चल रहे थे, उसके ऊपर चलते हुए वे कोई जोखिम नहीं उठा सकते थे। चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की बदहाली ने उनके काम को और भी कठिन कर दिया था।

एक सहमा हुआ बजट

कोई जोखिम नहीं लेना चाहते चिदंबरम
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-02-28 10:47
केन्द्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने इस साल पेश किए गए बजट में देश के किसी तबके को न तो खुशी मनाने का मौका दिया है और न ही गम करने का। बजट निर्माण के समय वे अमीरो पर ज्यादा टैक्स लगाने की बात जरूर रहे थे और तब लग रहा था कि शायद चुनावी बजट होने के कारण वे आम लोगों की बाहबाही लूटने के लिए कुछ खास योजनाएं लेकर आएंगे और उन्हें कुछ खास रियायतें भी देंगे और उसके लिए कोष उपलब्ध करने के अमीरों पर टैक्स का भार बढ़ा देंगे, पर उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया।

इस्लामी कट्टरवाद बनाम बंगाली राष्ट्रवाद

शाहबाग ने की इतिहास दुरुस्त करने की मांग
अमूल्य गांगुली - 2013-02-27 10:17
ढाका के शाहबाग चैक पर पिछले 8 फरवरी को उदारवादी मुसलमानों और कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों के बीच जो टकराव हुआ उसका परिणाम चाहे जो भी हो, वह सिर्फ बांग्लादेश की सीमा तक सीमित नहीं रह सकता।

एक निस्तेज रेल बजट

चुनावी दबाव में बंसल के बंधे हाथ
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-02-26 11:07
पवन कुमार बंसल द्वारा पेश किया गया रेल बजट यदि निस्तेज दिखाई पड़ रहा है, तो इसका एक कारण भारतीय रेल की अपनी अंदरूनी दुर्दशा है और दूसरा कारण आने वाले महीनों और साल में होने वाले विधानसभा और लोकसभा के चुनाव। श्री बंसल के पास देश के लोगों यानी रेल यात्रियों के पास देने के लिए कुछ भी नहीं था, क्योंकि रेल की माली हालत खराब है और यह घाटे में चल रही है। खुद रेल मंत्री का अनुमान है कि 13वीं पंचवर्षीय योजना में रेल का आपरेटिंग घाटा 25 हजार 6 सौ करोड़ होगा।

क्या बांग्लादेश बड़ी ताकतों के खेल का मैदान बन गया है?

पश्चिमी देशों ने हमेशा इसके मामलों में दखल दी है
आशीष बिश्वास - 2013-02-25 11:56
ढाका के राजनैतिक क्षेत्रों में आजकल इस बात को लेकर बहुत ही हलचल है कि अमेरिकी एजेंसी फेडरल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन या किसी अन्य एजेंसी का वहां दफ्तर खुलने वाला है। अमेरिकी अधिकारियों की अनेक यात्राओं के बाद इस तरह का प्रस्ताव आने की खबर है।

म्यान्मार से संबंध सुधारने के मामले में भारत की प्रगति धीमी

’’पूरब की ओर देखो’’ की नीति सिर्फ कागजों पर
आशीष बिश्वास - 2013-02-24 04:26
कोलकाताः भारतीय अर्थव्यवस्था को म्यान्मार के लिए खोलने के मसले पर बहुत लंबी-चैड़ी बातें की गई थीं। लेकिन उससे संबंधित इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओ पर लगभग नही के बराबर प्रगति हुई है।