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माओवाद की समस्या: रणनीति को लेकर कांग्रेस भ्रमित

अमूल्य गांगुली - 26-05-2010 11:06 GMT-0000
वर्तमान माओवादी आंदोलन और पूर्ववर्त्ती नक्सलवादी आंदोलन में बहुत फर्क है। माओवादियों को किसी विदेशी ताकत का सहयोग मिलता नहीं दिखाई पड़ रहा है, जबकि नक्सलवदी आंदोलन को चीन का समर्थन प्राप्त था। माओवादियों को नेपाल के माओवादियों का भी समर्थन हासिल नहीं है, क्योंकि नेलाल के माओवादी तो चुनावी राजनीति में अपना कदम रख चुके हैं। बाहर से किसी प्रकार का समर्थन नहीं मिलने का फायदा माओवादियों को यह हो रहा है कि वे अपनी नीतियों को तैयार करने के लिए किसी विदेशी ताकत की ओर नहीं निहारते।

यूपीए सरकार का एक साल

विश्वास से भरे हैं प्रधानमंत्री
उपेन्द्र प्रसाद - 25-05-2010 09:23 GMT-0000
नई दिल्लीः अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरा होने के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जो कुछ कहा उससे यही पता चलता है कि उनका आत्म विश्वास बढ़ा है और अपन तय प्राथमिकताओं के आधार पर वे अपनी सरकार चलाना चाहतें हैं।

हिन्दु संसकृति को समझने और सुरक्षा की जरूरत

विकसत संसकृति पर विकृत मानसिकता हावी
डॉ. अतुल कुमार - 24-05-2010 10:57 GMT-0000
भारत की मूल सभ्यता आर्य- द्रविड़ या सिन्धु घाटी की है जो आधुनिक काल में हिन्दु कहलायी। जाति प्रथा इसी हजारों सालों पुरानी सभ्यता सनातन धर्म की पहचान है, जिसका मूल आधार वर्ण व्यवस्था है। मनुवादी वर्ण-व्यवस्था ने समय के काल में वशंवादी स्वरूप ले लिया।

थाईलैंड का संकट

किसी दृष्टि से अप्रत्याशित या आश्चर्य की घटना नहीं
अवधेश कुमार - 24-05-2010 10:25 GMT-0000
दक्षिण पूर्व एशिया के देश थाईलैंड में अंततः सेना ने विद्रोहियों का दमन करने में तत्कालिक सफलता पा ली है। हालांकि सेना और व्रिदोहियों के बीच राजधानी बैंकॉक में कायम मोर्चेबंदी पर दुनिया अचरज में थी। ऑक्सफोर्ड शिक्षित एवं एलिट माने जाने वाले प्रधानमंत्री अभिसित वेज्जाजिवा के लिए भी यह अप्रत्याशित था। उन्होंने अपने वक्तव्य में कह दिया कि यदि विद्रोह का अंत नहीं हुआ तो देश के अनेक भाग गृहयुद्ध के मुहाने पर पहुंच जाएंगे। धीरे-धीरे आपातकाल लागू किए गए राज्यों की संख्या बढ़ रही थी। 1933 से अब तक सैनिक विद्रोहों की कम से कम 18 वास्तविक या प्रयासों वाली परंपरा के देश में अभिसित को लोकतांत्रिक मूल्यांे का पालन करने वाले अनिर्वाचित नेता के रुप में देखा जाता था और सेना के प्रयोग के कारण उनकी आलोचना हो रही है।

प्रधानमंत्री के प्रेस कांफ्रेंस में अनुत्तरित रह गए गांव,गरीबी और अल्पसंख्यक से जुड़े सवाल

एस एन वर्मा - 24-05-2010 10:19 GMT-0000
नई दिल्ली।यूपीए टू सरकार के कार्यकाल में आयोजित प्रधानमंत्री के प्रथम राष्ट्ीय प्रेस कांफ्रेंस में गांव,गरीबी,पिछड़ापन के श्राप से जुझता भारत की नाम मात्र चर्चा हुई।राष्ट्ीय मीडिया से राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने,विदेश नीति से जुड़े नाजुक मुद्े जैसी चटपटी और बिकाउ खबरों से संबंधित प्रश्न पूछे गए।क्षेत्रीय अखबार अपनी बारी की ताक मे लगे रहे।उर्दू मीडिया केा प्रश्न पूछने के मात्र दो अवसर मिले,बाकी उर्दू के खबरनवीस संचालन कर रहे प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहाकार हरिश खर्रे का मुंह ताकते रह गए ,और इसी बीच पत्रकार सम्मेलन समाप्त होने की घोषणा कर दी गयी।देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुस्लिमों से जुड़े कई अहम सवाल अनुत्तरित ही रह गए।
उर्दू अखबार के एक पत्रकार के प्रश्न का उत्तर देते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया कि मुस्लिमों के तालिम के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।उन्होंने कहा कि मुस्लिमो के शिक्षा के लिए काफी कम कार्य हुआ है।यह प्रश्न नेशनल सेंपल सर्वे की उस रिपोर्ट को आधार मान कर पूछा गया था जिसमें यह कहा गया है कि मुसलमान शिक्षा के मामले में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से पिछडें हुए हैं।

झारखंड सरकार की गुत्थियां: अपने ही जाल में भाजपा फंसी

उपेन्द्र प्रसाद - 22-05-2010 09:38 GMT-0000
नई दिल्लीः झारखंड की राजनीति भाजपा के गले की फांस बन गई है। उसने अपने आपको एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां वह अपने आपको विचित्र स्थिति में पर रही है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति तो पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी की हो रही है, जो पार्टी के शीर्ष पद पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की क्पा से पार्टी के एक जूनियर नेता होने के बावजूद पिराजमान हो गए हैं।

डॉप्लर मौसम रेडार : सटीक पूर्वानुमान प्रणाली

विशेष संवाददाता - 21-05-2010 09:41 GMT-0000
नयी दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग अपने पर्यवेक्षण तंत्र का आधुनिकीकरण कर रहा है। इसके लिए वह पूरे देश में अपने पुराने तथा पांरपरिक रेडारों के स्थान पर चरणबद्ध तरीके से एस-बैंड वाले डॉप्लर मौसम रेडारों को लगा रहा है। यह रेडार दिल्ली तथा इसके आसपास के इलाके में ख़राब मौसम की जानकरी देने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभएगा।

चक्रवाती समुद्री तूफान लैला से निबटने के लिए सशस्त्र बल तैयार

विशेष संवाददाता - 21-05-2010 09:38 GMT-0000
नयी दिल्ली: आन्ध्र प्रदेश के तटीय इलाकों को प्रभावित करने वाले चक्रवाती समुद्री तूफान से निबटने के लिए सशस्त्र बल नागरिक प्रशासन के साथ सहयोग के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

यूपीए में एकता की कमी

सोनिया की सरकार पर पकड़ मजबूत
कल्याणी शंकर - 21-05-2010 09:31 GMT-0000
एक साल पूरा होने पर मई 2005 में मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार को 10 में से 6 अंक दिए थे। क्या वे इस बार भी अपनी सरकार के पूरा होने पर उसी तरह का दावा कर सकते हैं? और जनता इस बार उनकी सरकार की उपलब्धियों के बारे में क्या राय रखती है? दोनों सरकारों की उपलब्धियो की तुलना करने के पहले यह भी समझना होगा कि किन परिस्थितियों में दोनों बार मनमोहन सिंह की सरकार बनी?

सरकार के पूरे हुए एक साल,लेकिन जनता रही बेहाल

एस एन वर्मा - 21-05-2010 03:14 GMT-0000
नई दिल्ली। यूपीए सरकार टू कल 22 मई को अपना पहला वर्षगांठ मनाने जा रही है। इस अवसर पर रेस कोर्स स्थित अपने आवास पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक साल के सरकार के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड भी पेश करेंगे। इसके बाद वे आमंत्रित पत्रकारों के साथ रात्रि भोज भी करेंगे। सोमवार को प्रधानमंत्री नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सुबह साढे़ दस बजे प्रेस कांफ्रेंस करने जा रहे हैं।