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विश्वविद्यालयों में तेरह प्वाइंट रोस्टर विवाद

हल नियुक्तियों को विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर करना है
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-03-05 10:23 UTC
विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर चल रहा विवाद एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है। यदि इस मुद्दे को केन्द्र सरकार ने जल्द हल नहीं किया, तो चुनाव में उसको काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि यह आरक्षण से जुड़ा मसला है और सुप्रीम कोर्ट ने विषयवार आरक्षण के पक्ष में जो फैसला किया है, उससे आरक्षित वर्गो के अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है। वे सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ बहुत दिनों से आंदोलन कर रहे हैं।

ओआईसी सम्मेलन में भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत

इस्लामी देशों में भारत की बढ़ रही है स्वीकार्यता
योगेश कुमार गोयल - 2019-03-04 08:49 UTC
संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में 1-2 मार्च को इस्लामिक देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन ‘आॅर्गनाइजेशन आॅफ इस्लामिक को-आॅपरेशन’ (ओआईसी) को सम्बोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाते हुए इस्लामिक देशों के इस बड़े मंच के जरिये भी पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उसे खूब खरी-खोटी सुनाई, जिससे पाकिस्तान इस्लामिक देशों के संगठन में अलग-थलग पड़ रहा है। ओआईसी 57 देशों का प्रभावशाली समूह है, जो मुख्यतः इस्लाम को मानने वाले देशों को मिलाकर ही बना है और संगठन के 50 वर्षों के इतिहास में यह पहली बार हुआ, जिसके सम्मेलन में भारत पहली बार शामिल हुआ और गेस्ट आॅफ आॅनर के तौर पर सम्बोधित करने के लिए भारतीय विदेश मंत्री को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। सम्मेलन के 50 वर्षों के इतिहास में यह भी पहली बार हुआ, जब भारत की मौजूदगी से बौखलाये पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।

सरकार पोषित संघ के संगठनों का भविष्य नहीं

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिए स्पष्ट संदेश
एल एस हरदेनिया - 2019-03-02 11:34 UTC
भोपालः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसी सभी संस्थाओं को ध्वस्त करने के लिए दृढ- संकल्प़ हैं, जिन्हें पिछली भाजपा सरकार ने अपने राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए स्थापित किया था। उन्होंने प्रमंडलों और जिलों के प्रशासनिक प्रमुखों को अपना रवैया बदलने और राज्य में 15 साल के भाजपा शासन के दौरान काम करने के तरीके को छोड़ने का एक स्पष्ट संदेश दिया।

हर मोर्चे पर हो पाकिस्तान का बहिष्कार

विश्व कप में पाकिस्तान के साथ क्यों खेले भारत?
योगेश कुमार गोयल - 2019-03-01 11:23 UTC
पाकिस्तान द्वारा पुलवामा में दहशत का खूनी खेल खेलने के बाद से ही समूचे भारत में उसके साथ हर मोर्चे पर संबंध तोड़ लिए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। फिर वो संबंध राजनयिक हों या आर्थिक अथवा खेल संबंधी। बालाकोट में भारत द्वारा की गई एयर स्ट्राइक और उसके बाद पाकिस्तान के दस एफ-16 विमानों द्वारा भारतीय सीमा में भारत में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की असफल कोशिश के बाद इस प्रकार की मांग और भी तेज हो गई है। हालांकि यह पूरी तरह स्पष्ट है कि पाकिस्तान इस वक्त जो भी हरकतें कर रहा है, वह भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक और पूरी दुनिया में राजनयिक स्तर पर अलग-थलग पड़ जाने की उसकी खीझ ही है और ऐसे में सीमा पर बड़े स्तर पर सीजफायर के उल्लंघन सहित पाकिस्तान की बढ़ रही नापाक हरकतों के चलते 16 जून को मैनचेस्टर में विश्व कप में भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच का बाॅयकाट करने की मांग और तेज हो गई है।

किसी खास विचारधारा के लिए नहीं होता इतिहास

इतिहास में तथ्य, साक्ष्य और वैज्ञानिक दृष्टिकोण महत्वपूर्ण
राजु कुमार - 2019-03-01 11:19 UTC
इतिहास एवं इतिहासकारों के लिए प्रतिष्ठित भारतीय इतिहास कांग्रेस का आयोजन लंबे अरसे के बाद भोपाल में किया गया। तीन दिन तक चले 79वें भारतीय इतिहास कांग्रेस में देश के प्रतिष्ठित इतिहासकारों सहित लगभग एक हजार लोगों ने हिस्सा लिया। यह आयोजन कई मायने में महत्वपूर्ण रहा। पिछले साल 28 से 30 दिसंबर को सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले 79वें भारतीय इतिहास कांग्रेस को पुणे विश्वविद्यालय ने अंतिम समय में मेजबानी करने से इनकार कर दिया था। पुणे विश्वविद्यालय के इनकार के बाद बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने इसकी मेजबानी स्वीकारी थी। पुणे विश्वविद्यालय ने यह कहते हुए इनकार किया था कि उसके पास फंड की कमी है और इतने प्रतिभागियों को ठहराने का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। अंतिम समय पर इस तरह के इनकार को इतिहासकारों ने राजनीतिक दबाव में लिया गया निर्णय बताया था। वरिष्ठ इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब ने कहा था कि इस आयोजन से इनकार के पीछे मेजबानों ने कानून-व्यवस्था को एक बड़ा कारण बताया था। पुणे के इनकार के बाद मध्यप्रदेश सरकार ने इस आयोजन के लिए सहमति दी और भोपाल स्थित बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने मेजबानी स्वीकार की।

उत्तर प्रदेश में माया की जिद से भाजपा को फायदा

अखिलेश यादव को हो सकता है भारी नुकसान
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-03-01 11:15 UTC
आगामी लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली का ताज किसे मिलेगा, इसका फैसला मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजे तय करेंगे। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी को संसद के नीचले सदन में स्पष्ट बहुमत इसीलिए मिल पाया था, क्योंकि उत्तर प्रदेश की 80 में से 71 सीटों पर मोदी की पार्टी ने जीत हासिल कर ली थी। अगले चुनाव के बाद मोदी की सरकार बनेगी या नहीं, इसका फैसला एक बार फिर उत्तर प्रदेश ही करेगा।

इस्लामी देशों की महफिल में भारत

मोदी सरकार की कूटनीति कसौटी पर
अनिल जैन - 2019-02-27 12:16 UTC
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की पहले पाकिस्तान और फिर भारत यात्रा संपन्न होने के तुरंत बाद मुस्लिम देशों के शक्तिशाली मंच इस्लामी सहयोग संगठन’ (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की परिषद के सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को न्योता मिला है। यह अपने आप में बड़ी खबर है। एक और दो मार्च को अबूधाबी में होने वाले इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में सुषमा स्वराज विशेष अतिथि के रूप में शिरकत करेंगी। पिछले दिनों कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों के जवानों पर आतंकवादियों की ओर से हुए फिदायीन हमले और उसके बाद भारत द्वारा पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर भारत के हवाई हमले के संदर्भ में कूटनीतिक दृष्टि से भारतीय विदेश मंत्री को मिले इस न्योते का खास महत्व है।

मंत्रियों के जवाब पर कांग्रेस में जारी है घमसान

भ्रष्टाचार के मसले पर विधानसभा में आए जवाबों से कांग्रेस की बढ़ी चिंता
राजु कुमार - 2019-02-26 12:52 UTC
वक्त है बदलाव का, नारा के साथ कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिसमें सिंहस्थ घोटाला, नर्मदा घाटी में पौधारोपण घोटाला और मंदसौर गोलीकांड प्रमुख थे। प्रदेश की जनता को इस बात की उम्मीद थी कि भाजपा सरकार बदलने के बाद इन मामलों में तेजी से कार्रवाई की जाएगी। उम्मीद यह भी जताई जा रही थी कि इन मामलों का सच सामने आएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन अंतरिम बजट के लिए आहूत विधानसभा सत्र के दरम्यान प्रश्नोत्तर काल में विधानसभा सदस्यों के सवालों के जिस तरह जवाब आए, उसने प्रदेश की जनता को चाकित कर दिया।

पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर बमबारी

क्या एक और भारत-पाक युध्द् होगा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-02-26 12:49 UTC
आखिरकार भारत ने वह कर दिखाया, जिसकी उम्मीद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कर रहे थे। उन्होंने दो दिन पहले ही कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति भयावह बनी हुई है और आने वाले दिनों में वहां कुछ भी हो सकता है। डर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को भी था। इस हमले को टालने के लिए उन्होंने कहा था कि भारत शांति का उसे एक और मौका दे। भारत उन्हें मौका दे भी देता, लेकिन उसके लिए उन्हें यह दिखाना पड़ता कि भारत विरोधी आतंक के अड्डे को वे अपने देश में उसी तरह तरह ध्वस्त कर देंगे, जिस तरह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने देश में किया था।

नहीं थम रहा स्वाइन फ्लू का आतंक

कैसे करें स्वाइन फ्लू से बचाव?
योगेश कुमार गोयल - 2019-02-25 11:32 UTC
सितम्बर-अक्तूबर माह में जीका वायरस का कहर, उसके बाद डेंगू के चलते हुई दर्जनों मौतें और अब राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना सहित देश के कई राज्यों में स्वाइन फ्लू के लगातार बढ़ते मामले और सैंकड़ों मौतें हो जाने से देशभर में हड़कम्प मचा है। विभिन्न राज्यों में इस बीमारी के अब तक दस हजार से भी अधिक मामले सामने आ चुके हैं और स्वाइन फ्लू सैंकड़ों लोगों को लील चुका है, अनेक लोग विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। तमाम अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस देश की राजधानी दिल्ली में ही प्राणघातक बनती जा रही इस बीमारी के 2000 से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसका सर्वाधिक कहर राजस्थान में देखा गया है, जहां इसके चलते बहुत सारे लोग काल का ग्रास बन चुके हैं।