जब पूरा समाज ही सन्निपात से ग्रस्त हो जाए
तो पुलिस, प्रशासन और अस्पतालों को संवेदनशील कौन बनाए?
2013-01-12 17:02
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क्या हमारे आपके शब्दकोष मे ऐसे शब्द हैं जिनसे 16 दिसंबर की सामने आई आपबीती को परिभाषित किया जाए। मृतका के दोस्त ने हमारे नागरिक समाज, पुलिस और अस्पताल के रवैये का जो विवरण दिया है उससे तो ह्दयहीन व्यक्ति का कलेजा भी मुंह को आ जाए। दोनों घायल नंगे छटपटाते रहे, लोग आते जाते रहे, रुककर उन्हें देखते भी रहे, पर उन्हें उठाकर अस्पताल पहुंचाने की बात तो दूर किसी ने उनके नंगे बदन पर कपड़ा तक डालने की जहमत नहीं उठाई।