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पेट्रोल पर सब्सिडी की बातें तो बहुत होती हैं

सरकार बताए तेल से उसे कितना टैक्स मिलता है
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-05-23 10:05
पेट्रोल की कीमत 5 रुपए प्रति लीटर की दर से बढ़ाकर तेल कंपनियों ने एक नया रिकार्ड बना डाला है। अब तक कभी भी एक झटके में इसकी कीमत इतनी ज्यादा नहीं बढ़ाई गई थी। कंपनियों का इससे भी संतोष नहीं है। वह कह रही है कि कीमत में 10 रुपए प्रति लीटर और वृद्धि करने के बाद ही उनका पेट्रोल घाटा समाप्त होगा। जब से कंपनियों को कीमतें खुद तय करने का अधिकार मिला है, तब से वे 9 बार कीमतें बढ़ा चुकी हैं और बढ़ाने के बाद यह कहने में भी नहीं चुकती कि वह अभी भी लोगों से कम कीमत ही वसूल कर रही हैं।

राहुल गांधी भट्टा परसौल जाने से रॉबिनहुड नहीं हो गए

जिनके घर शीशे के बने होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकते
अवधेश कुमार - 2011-05-21 12:02
भट्टा परसौल के कुछ किसानों के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद राहुल गांधी एवं मायावती व उनकी सरकार आमने-सामने आ गए हैं। हालांकि राहुल ऐसा न करते तो भी कांग्रेस उनको महिमामंडित कर ही रही थी। भट्टा परसौल और आसपास के गांवों में जाने के बाद से पार्टी कार्यकर्ताओं का एक वर्ग राहुल गांधी को रॉबिनहुड की उपाधि दे रहा है।

भट्टा पारसौल का गोलीकांड और उसके बाद

सपा ने बसपा के साथ कांग्रेस को भी बताया जिम्मेदार
प्रदीप कपूर - 2011-05-21 11:58
लखनऊः समाजवादी पार्टी ने मुख्यमंत्री मायावती के अलावा किसानों की दुर्दशा के लिए राहुल गांधी, उनकी पार्टी कांग्रेस और केन्द्र की यूपीए सरकार को भी जिम्मेदार बताया है। उसका आरोप है कि पिछले सालों से इनके कारण राज्य में किसानों की दुर्दशा हुई है। भट्टा पारसौल कि विस्फोटक स्थिति के लिए भी इन सबकी संयुैत जिम्मेदारी को सपा ने रेखांकित किया है।

भारतीय राजनीति में महिला शक्ति

ममता बनर्जी और जयललिता की चुनौतियां
कल्याणी शंकर - 2011-05-20 07:17
ताजा विधानसभा चुनावों ने भारतीय राजनीति में महिला शक्ति की उपस्थिति को रेखांकित किया है। देश के दो बड़े राज्यों में इस बार महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। दोनों में कई समानताएं हैं। दोनों क्षेत्रीय नेता हैं और अपनी अपनी पार्टियों की सुप्रीमो हैं। दोनों के नाम से ही उनकी पार्टियां चलती हैं। दोनों में एक समानता यह भी है कि वे दोनों कुंवारी हैं। दोनों ने अपने अपने राज्यों में अपने विरोधियों को भारी शिकस्त देने में सफलता पाई है।

बंगाल में सीपीएम की गलती

असंगत राजनीति ने भूमि सुधारों को भी बेमानी कर दिया
ओ पी सभरवाल - 2011-05-19 10:05
पश्चिम बंगाल में सीपीएम का उत्थान और पतन बहुपरतीय प्रक्रिया के तहत हुआ। 1977 में वहां एक किस्त की क्रांति हुई। वह क्रांति आपरेशन बरगा के रूप में हुई थी, जिसके तहत लाखों गरीब किसानों और बटाइदारों को जमीन, भात और उम्मीदें दी गई थीं। देश का यह सबसे प्रतिशील भूमि सुधार कार्यक्रम था। सच कहा जाए तो यह एक क्रांति थी, लेकिन उसे अपनी ताकिक परिणति तक नहीं पहुंचने दिया गया। इसका कारण असंगत राजनीति थी, जिसे सीपीएम उसके बाद अपनाती रही। भूमि सुधार के बाद आर्थिक रास्ते पर आगे बढ़ना चाहिए था और उसके बाद औद्यागिक सुधार लाकर वहां भी उसी तरह की क्रांति की जानी चाहिए थी, लेकिन वैसा कुछ किया नहीं गया। राजनीति अर्थनीति पर हावी हो गई। और इसका परिणाम हमारे सामने है।

कार्यसमिति की बैठक में बसपा सरकार होगी बीजेपी के निशाने पर

एस एन वर्मा - 2011-05-18 13:51
नई दिल्ली। बीजेपी की तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 3 जून से लखनऊ में होगी। 3,4 एवं 5 जून को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होनी वाली इस बैठक में मंहगाई, भ्रष्टाचार सहित केन्द्र सरकार की चौतरफा नाकामी एवं उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार के अत्याचार, अंहकार एवं अराजकता के खिलाफ रणनीति पर चर्चा की जाएगी।

मुआवजा की जंग में पहले जान फिर इज्जत लगी दाव पर

एस एन वर्मा - 2011-05-18 13:41
दिल्ली। पहले मंहगाई और फिर घपलों और घोटालों से जनता का ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस व केंद्र सरकार कोेई न केाई प्रपंच रचती रही है।कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का ग्रेटर नोएडा के भट्टा गांव का दौरा और उसके बाद के घटनाक्रम केा इसी नजरिए से देखा जा रहा है। इसके पहले अन्ना हजारे व सिविक सोसायटी के लोगों केा बदनाम करने केे लिए कांग्रेसियांे द्वारा बयानबाजी का दौर चला था। भ्रष्टाचार के कारण देश की गरीब जनता मंहगाई की चक्की में पीस रही है। राहत देने के बजाए पेट्ोल की कीमत बढ़ा दी जाती है। फिर गरीबों व किसानों का मसीहा बनने का ढांेग किया जाता है।

असम विधानसभा का चुनावी नतीजा

गोगोई की छवि को लगे नए पंख
बरुण दास गुप्ता - 2011-05-17 10:48
असम के मतदाताओं ने यह साबित कर दिया कि वे चुनाव शास्त्रियों और सर्वेक्षण करने वालों से ज्यादा स्मार्ट हैं। सर्वेक्षण करने वाले बता रहे थे कि इस बार वहां त्रिशंकु विधानसभा हो सकती है। इस तरह की विधानसभा की आशंका का सामना करने के लिए राज्य की पार्टियों ने नतीजा निकलने के पहले ही गठबंधन सरकार बनाने की कसरत प्रारंभ कर दी थी।

केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चे की हार

कांग्रेस के लिए आने वाले दिन आसान नहीं होंगे
पी श्रीकुमारन - 2011-05-17 10:44
तिरुअनंतपुरमः केरल में इस बार ऐसा चुनाव नतीजा आया, जैसा पहले कभी नहीं आया था। जिसकी सरकार वहां होती थी, उसकी हमेशा हार होती थी। इस बार भी हार हुई है, पर पहले हमेशा हार स्पष्ट होती थी और जीतने वाला मोर्चा आरामदायक बहुमत के साथ जीतता था। पर इस बार मुकाबला बराबरी का रहा और जीतने वाले मोर्चे को मात्र एक विधायक का बहुमत प्राप्त हुआ है।
चुनाव स्पेशल

जयललिता की शानदार जीत

द्रमुक के लिए चुनौतियां बढ़ गई है
अवधेश कुमार - 2011-05-14 09:40
अम्मां फिर शासन में आ गईं हैं। द्रमुक कांग्रेस गठजोड़ का लगभग सफाया हो गया है। इस परिणाम को बिल्कुल स्वाभाविक मानना चाहिए। यदि परिणाम इसके विपरीत आता तो इसे अस्वाभाविक माना जा सकता था। हालांकि द्रमुक एवं कांग्रेस की प्रतिक्रियाओं से साफ है कि वे इस परिणाम की उम्मीद नहीं कर रहे थे।